दीवाली पर रुई की कीमतों में 400 रुपए मन की तेजी

punjabkesari.in Monday, Nov 16, 2020 - 11:36 AM (IST)

जैतोः देश के उत्तरी क्षेत्रीय राज्यों पंजाब, हरियाणा और राजस्थान की मंडियों में इस वर्ष दीवाली के मौके पर रुई कीमतों में गत साल की तुलना में लगभग 305 से 400 रुपए प्रति मन की तेजी रही। सूत्रों के अनुसार इस वर्ष दीवाली के मौके लगभग 27000 रुई गांठों का कारोबार हुआ जबकि गत वर्ष इस मौके पर लगभग 50,000 गांठों का कारोबार रहा था। 

पंजाब में इस बार रुई व्यापार 4260-4280 रुपए प्रति मन, हरियाणा 4161, 4165 और 4170 रुपए प्रति मन और श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ सकर्ल में 4161-4165 रुपए प्रति मन व्यापार रहा। सूत्रों की बात मानें तो इस बार रुई व्यापार कम होने का मुख्य कारण उत्तरी क्षेत्रीय राज्यों में भारतीय कपास निगम लिमिटेड (सीसीआई) द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बड़ी मात्रा में कपास खरीदना है। दूसरी तरफ रुई तेजड़यिों का मानना है कि आगामी दिनों में बहुत जल्द रुई बाजार में 300-350 रुपए प्रति मन उछाल आ सकता हैं। 

वहीं, रुई बाजार के मंदड़यिों का कहना है कि रुई बाजार में जो तेजी आने थी, वह आ चुकी हैं क्योंकि अब विदेशों से यार्न, कपड़ा और रुई की की मांग कोरोना वायरस के डर से कमजोर पड़ रही हैं जिससे भारतीय कपड़ा उद्योग और कताई मिलों पर इसका असर पड़ेगा। सीसीआई ने 12 नवम्बर तक पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से 1422583 गांठों से अधिक कपास एमएसपी पर खरीदी है। सूत्रों के अनुसार सीसीआई ने दीवाली के मद्देनजर तीन दिन कपास की खरीद बंद रखी और अब सोमवार से फिर कपास की खरीद शुरू की जाएगी। इस साल कपास का एमएसपी 5400 से 5700 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। जबकि निजी कारोबारी 5000 से 5300 रुपए प्रति क्विंटल पर कपास खरीद कर रहे हैं।

पंजाब और हरियाणा की अधिकतर मंडियों में रुई खरीदने की सीसीआई की अच्छी पकड़ है और इसके साथ ही पड़ोसी राज्य राजस्थान में भी कई मंडियों से वह कपास की खरीद कर रही हैं। सूत्रों के अनुसार सीसीआई चालू कपास सीज़न साल इस बार कपास खरीद में अपना नया रिकॉडर् बनाने जा रही हैं। सीसीआई ने इस साल किसानों से 125 लाख गांठों का एमएसपी पर खरीदने का लक्ष्य रखा है जबकि गत वर्ष 105 लाख गांठें कपास खरीदी थी। भारत कपास का दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक देश है जबकि चीन, बंगलादेश और वियतनाम आदि जैसे एशियाई खरीदारों के लिए एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं। सीसीआई के सूत्रों के अनुसार भारत से चालू कपास सीज़न में अन्य देशों को निर्यात 20 फीसदी बढ़कर 60 लाख गांठों का हो सकता हैं। वहीं, एक अन्य संगठन का कहना है कि इस बार कपास निर्यात 65-70 लाख गांठों का हो सकता हैं। 
 


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jyoti choudhary

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