भारतीय फार्मा उद्योग पर भी coronavirus का साया! महंगी हो सकती हैं दवाएं

punjabkesari.in Sunday, Feb 09, 2020 - 02:05 PM (IST)

बिजनेस डेस्क: कोरोना वायरस (Corona Virus) चीन में भारी तबाही लेकर आया है। जहां यह वायरस कई लोगों की जान का दुश्मन बन गया है तो वहीं दुनिया भर में कई कारोबार भी इसकी चपेट में आ गए हैं। इस वायरस ने भारतीय दवा कंपनियों की भी मुश्किलें बढ़ा दी है। यदि चीन के हालात में जल्द सुधार नहीं हुआ तो घरेलू दवा उद्योग पर इसका असर पड़ सकता है।

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इंडियन फार्मास्यूटिकल्स अलायंस के महासचिव सुदर्शन जैन ने कहा कि भारत एंटिबायोटिक्स और विटामिन जैसे अवयवों को लेकर आयात पर निर्भर है। कंपनियों को कच्चे माल की कमी का डर सता रहा है। एक आंकड़े के हिसाब से करीब 90 फीसदी से ज्यादा API सीधे तौर पर चीन से आते हैं। चीन के वुहान जैसे शहरों में इनका उत्पादन सबसे ज्यादा होता है लेकिन कोरोना की वजह फैक्ट्रियों पर अभी ताला लग गया है। उन्होंने कहा कि चीन में स्थिति में हो रही प्रगति, महत्वपूर्ण सक्रिय अवयवों के भंडार आदि पर कड़ी निगाहें रखी जा रही हैं तथा उन वैकल्पिक स्रोतों को तलाशा जा रहा है, जहां से चुनिंदा अवयवों को मंगाने के लिये नियामकीय मंजूरियां मिल सकती हैं। 

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जैन के अनुसार सभी कंपनियां स्थिति की निगरानी कर रही हैं। सरकार भी मामले से अवगत है और सभी पक्ष स्थिति से निपटने के लिये मिलकर काम कर रहे हैं। दवा कंपनी सनोफी इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि अभी कोरोना वायरस के पड़ सकने वाले असर का अनुमान लगा पाना जल्दबाजी होगा। हम आपूर्ति में कोई बाधा न हो, यह सुनिश्चित करने के लिये स्थिति की करीबी से निगरानी कर रहे हैं। यदी ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले दिनों में डायबिटिज और हार्ट मरीजों के लिए दवाओं की परेशानी हो सकती है। यहां तक कि एंटिबायोटिक, पॅरासिटामॉल जैसी कॉमन मेडिसिन की भी बाजार में किल्लत हो सकती है। 

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vasudha

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