कोरोना वायरस ने पूरा किया PM मोदी का वो सपना जो नोटबंदी भी न सकी
punjabkesari.in Monday, Jul 13, 2020 - 05:49 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने 4 साल पहले नोटबंदी का ऐलान किया था। लोगों ने कुछ समय तक तो डिजिटल पेमेंट के जरिए भुगतान किया था लेकिन जब करेंसी पर्याप्त मात्रा में आ गए तो फिर से लोगों ने कैश लेन-देन शुरू कर दिया। हालांकि सरकार को इसमें उम्मीद के मुताबिक, सफलता नहीं मिल पाई।
इसके बाद मार्च 2020 में देश में कोरोना वायरस ने दस्तक दी। कोरोना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल पेमेंट के सपने को पूरा कर दिया। कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए लोगों ने नकदी भुगतान के बजाय डिजिटल पेमेंट को तव्वजो दी।
जून डिजिटल पेमेंट के आंकड़े सर्वोच्च स्तर पर
महामारी के दौरान करेंसी नोट्स को इस्तेमाल करने में लोगों के डर को इसी से समझा जा सकता है कि जून 2020 के दौरान देश में डिजिटल पेमेंट के आंकड़े सर्वोच्च स्तर पर पहुंच चुके हैं। हालांकि, इससे पहले अप्रैल 2020 में कारोबारी गतिविधियों के ठप पड़ जाने के कारण बैंकों से इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर तेजी से घटा था। इसके बाद लॉकडाउन में ढील और बाजारों के खुलने पर इसमें फिर तेजी आ गई। गेट सिंपल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ नित्यानंद शर्मा ने बताया कि इस समय वो लोग भी ऑनलाइन पेमेंट कर रहे हैं, जिन्होंने पहले कभी राशन तक ऑनलाइन नहीं खरीदा था।
कोरोना संकट के दौरान लोग रोजमर्रा की जरूरतों के सामानों का डिजिटल पेमेंट कर रहे हैं। नकदी के लेनदेन से कोविड-19 के जोखिम को देखते हुए लोग डिजिटल पेमेंट को तरजीह दे रहे हैं। इससे उनका डिजिटल पेमेंट पहले के मुकाबले दोगुने से ज्यादा हो गया है।
जो 4 साल में नहीं हो पाया वो 3 महीने में ही हो गया
शर्मा ने बताया कि अब लोग महीने में कम से कम दो बार राशन का सामान मंगा रहे हैं और डिजिटल पेमेंट सुविधाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं। उनके मुताबिक, जो पिछले करीब चार साल में नहीं हुआ वो पिछले तीन महीने के भीतर हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार नोटबंदी के बाद से ही नकदी के बजाय डिजिटल पेमेंट को प्रोत्साहित कर रही है।
बता दें कि देश में हर 4 में से 3 उपभोक्ता नकद भुगतान करते रहे हैं। केंद्र सरकार ने नवंबर 2016 में अचानक नोटबंदी की घोषणा करते हुए कहा कि इससे भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी। साथ ही डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, करेंसी नोट्स की उपलब्धता बढ़ने के साथ मोदी सरकार का सपना अधूरा रह गया। अब पिछले तीन महीने में इसमें तेजी आई है।