इनकम टैक्स पर पीएम मोदी के आंकडों पर विवाद, अब आयकर विभाग ने दी सफाई

punjabkesari.in Wednesday, Feb 19, 2020 - 10:20 AM (IST)

बिजनेस डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि देश में सिर्फ 2200 पेशेवरों ने ही इनकम टैक्स रिटर्न में अपनी आय को 1 करोड़ रुपए से ज्यादा घोषित किया है। उन्होंने जोर देकर कहा था कि यह आंकड़ा आपके गले से नीचे नहीं उतरेगा लेकिन यह सच्चाई है। पीएम के इस बयान के बाद कई लोग सोशल मीडिया पर इस आंकड़े को गलत बताने लगे। तब इन्कम टैक्स विभाग ने ट्वीट के जरिए सफाई दी। 

 

विभाग ने ट्वीट कर कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में टैक्स रिटर्न फाइल करते हुए महज 2200 डाक्टर, चार्टर्ड अकाऊंटैंट, वकील या अन्य पेशेवर लोग हैं जिन्होंने अपनी कमाई 1 करोड़ रुपए से अधिक बताई है। पीएम के दावे को गलत बताते हुए तर्क दिया जा रहा था कि वित्त मंत्रालय ने पी.आई.बी. के माध्यम से 24 अक्तूबर, 2018 को जारी की गई प्रैस रिलीज में बताया था कि देश में 81,344 करोड़ टैक्सपेयर्स ने अपनी सालाना कमाई 1 करोड़ रुपए से ज्यादा घोषित की है। वित्त मंत्रालय ने तब बीते 3 साल यानी 2014-15 से 2017-18 तक के आंकड़े देते हुए कहा था कि 1 करोड़ रुपए से ज्यादा कमाई बताने वाले टैक्सपेयर्स की संख्या 88,649 थी लेकिन 2017-18 में यह आंकड़ा 60 प्रतिशत बढ़कर 1,40,139 हो गया। इनमें 1 करोड़ से ज्यादा कमाई करने वाले व्यक्तिगत करदाताओं यानी पेशेवरों की संख्या 81,344 थी।

 

यह कहा था प्रधानमंत्री ने
आयकर चुकाने वालों की काफी कम संख्या होने पर चिंता जताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश में बीते 5 सालों में 1.5 करोड़ लग्जरी कारों की बिक्री हुई है लेकिन टैक्सपेयर्स की संख्या 1.5 करोड़ ही है। 3 करोड़ से ज्यादा भारतीय बिजनैस या फिर घूमने के लिए विदेश गए हैं लेकिन स्थिति यह है कि 130 करोड़ से ज्यादा के हमारे देश में सिर्फ  1.5 करोड़ लोग ही इन्कम टैक्स देते हैं। इसमें से भी प्रति वर्ष 50 लाख रुपए से ज्यादा आय घोषित करने वालों की संख्या सिर्फ 3 लाख है। इसके आगे पी.एम. मोदी ने कहा कि आपको एक आंकड़ा और देना चाहता हूं। हमारे देश में बहुत से प्रोफैशनल हैं, जैसे इंजीनियर, डाक्टर, वकील आदि अपने क्षेत्रों में छाए हुए हैं। अपने तरीके से वे देश की सेवा भी कर रहे हैं लेकिन यह भी एक सच्चाई है कि इतने बड़े देश में सिर्फ  2200 प्रोफैशनल ही अपनी सालाना इन्कम को 1 करोड़ रुपए से ज्यादा बताते हैं। अकेले दिल्ली के सुप्रीम कोर्ट में इससे ज्यादा लोग होंगे। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

vasudha

Recommended News

Related News