नोटबंदी के चार साल पूरे, पीएम मोदी ने कहा- कालेधन को कम करने में मिली मदद
punjabkesari.in Sunday, Nov 08, 2020 - 05:47 PM (IST)
नई दिल्ली: आज नोटबंदी के चार साल पूरे हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबदी के चार साल पूरे होने पर कहा कि इससे काले धन को कम करने में मदद मिली है, कर जमा करने में वृद्धि हुई है और पारदर्शिता बढ़ी है। मोदी ने आज ट्विटर पर विमुद्रीकरण के अपनी सरकार के फैसले के लाभों को गिनाया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘नोटबंदी ने कालेधन को कम करने में, कर अनुपालन बढ़ाने में तथा पारदर्शिता सुदृढ़ करने में मदद की है।’ बता दें कि 8 नवंबर 2016 को पीएम नरेंद्र मोदी ने 1000 और 500 रुपए के नोटों को बंद करने का फैसला लिया था।
Demonetisation has helped reduce black money, increase tax compliance and formalization and given a boost to transparency.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 8, 2020
These outcomes have been greatly beneficial towards national progress. #DeMolishingCorruption pic.twitter.com/A8alwQj45R
प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी से हुए फायदों के आंकड़ों की भी जानकारी दी। जिसके मुताबिक, नोटबंदी के कारण दस लाख से अधिक कैश जमा करने वाले वे तीन लाख लोग चिह्न्ति हुए जो आइटी रिटर्न नहीं फाइल करते थे। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर 2016 की रात आठ बजे 500 और 1,000 के नोटों को बंद करने की घोषणा की थी। बाद में सरकार ने पांच सौ और दो हजार के नए नोट जारी किए थे।
To fulfill its promise of freeing India from corruption, the Modi govt implemented Demonetisation 4 years ago on this day, today. The move that was an unprecedented attack on Black Money also led to better tax compliance and a major push to digital economy. #DeMolishingCorruption
— NSitharamanOffice (@nsitharamanoffc) November 8, 2020
नोटबंदी के फैसले से कालेधन पर रोक लगी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज नोटबंदी के चार साल पूरे होने पर ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा है कि, 'देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए आज से चार साल पहले लागू किए गए नोटबंदी के फैसले से कालेधन पर रोक लगी, और टैक्स के मोर्चे पर बेहतर कंप्लायंस देखने को मिला है। डिजिटल इकोनॉमी को मजबूती मिली। नोटबंदी के बाद कराये गए सर्वेक्षणों में यह बात सामने आई कि करोड़ों रुपये की अघोषित संपत्ति का पता चला। 'ऑपरेशन क्लीन मनी' से देश की अर्थव्यवस्था को संगठित करने में मदद मिली।'
UPI ट्रांजैक्शन में ूबढ़ौतरी
सरकारी आंकड़ों के अनुसार डिजिटल ट्रांजैक्शन की संख्या और वैल्यू बड़ी तेजी से बढ़ी है। साल 2016-17 में UPI से लेन देन 6952 करोड़ रुपये का रहा था, जो कि वित्त वर्ष 2019-20 में बढ़कर 21 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। अक्टूबर 2020 में मंथली UPI ट्रांजैक्शन बढ़कर 200 करोड़ रुपये के पार चला गया, जिससे ये पता चलता है कि UPI का इस्तेमाल देश भर में तेजी से बढ़ा है।
करदाता की संख्या बढ़ी
बता दें कि नोटबंदी लागू होने क एक साल बाद ही करदाता की संख्या में 33 लाख की बढ़ोतरी हुई। मतलब कि जो लोग टैक्स चोरी करते थे वे भी अब टैक्स के दायरे में आना शुरू हो गए। 2016 के नवंबर से 2017 के 31 मार्च तक कुल 1.96 करोड़ रिटर्न दाखिल किए गए, जबकि वित्त वर्ष 2015-16 में 1.63 करोड़ और वित्त वर्ष 2014-15 में 1.23 करोड़ रिटर्न दाखिल किए गए थे। इसके बाद वर्ष 2018 में 3.28 करोड़ भारतीयों ने इनकम टैक्स भरा। वित्त वर्ष 2019 में 5.78 करोड़ लोगों ने इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल हुए