Coinbase के सीईओ ने कहा- हमें UPI का इस्तेमाल करने से रोका गया, जानिए क्या है पूरा मामला
punjabkesari.in Wednesday, May 11, 2022 - 03:39 PM (IST)
नई दिल्लीः देश में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अपना सख्त रुख अख्तियार किए हुए है। वहीं अब जीएसटी परिषद भी क्रिप्टोकरेंसी पर भारी टैक्स लगाने की तैयारी में है। इन सबके चलते देश में संचालित क्रिप्टो एक्सचेंज दूसरे ठिकाने तलाशने लगे हैं। अमेरिकी एक्सचेंज क्वाइनवेस भी इसमें शामिल है, जिसे इस सख्ती का सामना करना पड़ा। अब इसके सीईओ ने बयान जारी कर भारत सरकार और आरबीआई पर निशाना साधा है।
नैस्डेक में लिस्टेड है क्वाइनबेस
क्वाइनबेस के सीईओ ब्रियन आर्मस्ट्रांग ने कहा है कि उसे भारत में डिजिटल पेमेंट सिस्टम (यूपीआई) का इस्तेमान करने से रोका गया था। उन्होंने आरबीआई पर निशाना साधते हुए टिप्पणी की है कि लॉन्च होने के कुछ ही दिन बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनौपचारिक दबाव के कारण हमने यूपीआई का इस्तेमाल बंद कर दिया।
क्रिप्टो के प्रति नकारात्मक रुख
सात अप्रैल 2022 को ही क्वाइनबेस ने अपनी सेवाओं को भारत में लॉन्च किया था लेकिन इसकी शुरुआत के बाद नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने बड़ा बयान जारी कर दिया। अपने बयान में एनपीसीआई ने कहा कि उसे किसी क्रिप्टो एक्सचेंज के यूपीआई का इस्तेमाल करने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। अब क्वाइनबेस के सीईओ ने कहा कि आरबीआई और सरकार में शामिल लोगों में क्रिप्टो के प्रति सकारात्मक भावना नहीं है, बल्कि ये नकारात्म रुख अख्तियार किए हुए हैं। देश में यूपीआई से होने वाले सभी भुगतान एनपीसीआई के दायरे में आते हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्ल्ंघन
आर्मस्ट्रांग ने कहा कि भारत क्रिप्टोकरेंसी के लिहाज से एक बड़ा और खास बाजार है। उच्चतम न्यायालय ने भी फैसला किया है कि देश में क्रिप्टो को बैन नहीं किया जा सकता है। लेकिन सरकार में शामिल लोग और खासतौर से आरबीआई क्रिप्टो को लेकर सख्त हैं। उन्होंने कहा कि आरबीआई का यह कदम दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सीधा उल्लंघन है। हम आरबीआई के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं और फिर से क्वाइनबेस को भारत में लॉन्च करने पर विचार कर रहे हैं। इसके अलावा हम दूसरे भुगतान विकल्पों पर भी ध्यान दे रहे हैं। दरअसल, देश में यूपीआई पेमेंट की निगरानी करने वाले एनपीसीआई के रडार पर आने के बाद पहले अमेरिका बेस्ड क्रिप्टो एग्रिगेटर क्वाइनबेस पर शिकंजा कसा गया था।
गौरतलब है कि नेशनल पेमेंट्स कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के बयान के बाद बैंकों ने सबसे पहले क्वाइनबेस पर यूपीआई ट्रांजैक्शन को रोक दिया था और फिर क्वाइनस्विच कुबेर पर भी सख्ती कर दी गई। दरअसल, भारत में क्रिप्टोकरेंसी लीगल टेंडर नहीं है और सरकार ने भी आगाह किया है कि बिना नियामक के क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के बाद जोखिम निवेशक का होगा।