12,000 मेगावाट की सौर परियोजनाएं स्थापित करें केंद्रीय लोक उपक्रमः ऊर्जा मंत्रालय

punjabkesari.in Monday, Oct 07, 2019 - 05:19 PM (IST)

नई दिल्लीः नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय लोक उपक्रमों को 12,000 मेगावाट की ग्रिड से जुड़ी सौर फोटोवोल्टिक बिजली परियोजनाएं स्थापित करने के लिए कहा है। मंत्रालय ने सरकार उत्पादक योजना के तहत यह बात कही है।

सरकार ने नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों से 2022 तक 1,75,000 मेगावाट ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए बाकी की अवधि में सालना नई 30,000 मेगावाट क्षमता स्थापित करनी होगी। मंत्रालय की ओर से यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि नियामकीय चुनौतियों, नीति के मोर्चे पर अनिश्चितता और शुल्क में भारी गिरावट की वजह से देश नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य को हासिल करने से चूक सकता है। क्रिसिल का अनुमान है कि वर्तमान रफ्तार से सरकार नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता स्थापित करने के 2022 के लक्ष्य से 42 प्रतिशत पीछे रह सकती है।

मंत्रालय के एक परिपत्र के अनुसार ‘नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र का निवेश आकर्षित करने के लिए सीपीएसयू स्कीम चरण-2 (सरकारी उत्पादक योजना) जारी की है। यह ग्रिड से जुड़ी कुल 12000 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए है। इसका लक्ष्य न केवल कुल लक्ष्य का हासिल करने की दिशा में बढ़ना है बल्कि इसके साथ देश में सौर फोटो वोल्ट मंत्रालय के सीपीएसयू योजना के दूसरे चरण का उद्देश्य केवल निर्धारित लक्ष्य को हासिल करना ही नहीं है बल्कि घरेलू सौर उपकरण विनिर्माण क्षमता को बढ़ाना भी है। मंत्रालय ने नौ सितंबर 2019 के पत्र में लोक उद्यम विभाग से अनुरोध किया है कि नवीकरणीय ऊर्जा विशेष तौर पर सौर एवं पवन ऊर्जा सस्ती हो गई है और इसे अपनाना आर्थिक एवं वाणिज्यिक नजरिये से अच्छा है। लोक उद्यम विभाग "केंद्रीय लोक उपक्रमों द्वारा नवीकरणीय बिजली के उपयोग" शामिल कर सकते हैं।


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Supreet Kaur

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