फरवरी में सस्ता हो सकता है लोन? RBI  कर सकता है दरों में कटौती!

punjabkesari.in Saturday, Dec 14, 2024 - 11:16 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारत में खुदरा मुद्रास्फीति, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के आधार पर नवंबर में घटकर 5.48% पर आ गई है। यह भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा निर्धारित 2-6% के लक्ष्य दायरे के भीतर है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इस गिरावट के चलते फरवरी 2025 में होने वाली मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में RBI रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है। यदि ऐसा होता है, तो लोन की ब्याज दरों में कमी आ सकती है, जिससे ईएमआई पर बोझ कम होगा और कर्ज लेना सस्ता हो सकता है। 

खाद्य कीमतों में गिरावट और अनुकूल आधार प्रभाव के कारण यह सुधार संभव हुआ है। कोर मुद्रास्फीति, जो मुख्य मुद्रास्फीति से खाद्य और ईंधन को अलग करती है, भी नवंबर में घटकर 3.7% पर आ गई, जो अक्टूबर में 3.8% थी। वहीं, समग्र मुद्रास्फीति अक्टूबर में 6.2% थी।

विशेषज्ञों का दृष्टिकोण

एसबीआई के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष का कहना है कि फरवरी 2025 में दर कटौती के चक्र में कुल 75 आधार अंकों की कटौती हो सकती है। डीबीएस बैंक की वरिष्ठ अर्थशास्त्री राधिका राव ने भी इसी तरह की उम्मीद जताई है, यह कहते हुए कि खाद्य मुद्रास्फीति के स्थिर हो जाने के बाद समग्र मुद्रास्फीति 4-5% के दायरे में रह सकती है।

नोमुरा के अनुसार, दिसंबर में भी सीपीआई मुद्रास्फीति 5.5% और कोर मुद्रास्फीति 3.6% पर रहने की संभावना है। साथ ही, खाद्य मुद्रास्फीति में और कमी की उम्मीद है।

आरबीआई की मौजूदा नीति बैठक में इस बात पर जोर दिया गया था कि भले ही तीसरी तिमाही में मुद्रास्फीति का दबाव रह सकता है, लेकिन चौथी तिमाही में खरीफ फसलों की आवक, रबी फसलों के बेहतर उत्पादन और अनाज भंडार के कारण मुद्रास्फीति में राहत देखने को मिलेगी।

यह मुद्रास्फीति में गिरावट भारतीय अर्थव्यवस्था को जीडीपी वृद्धि दर को प्रोत्साहित करने का अवसर प्रदान कर सकती है, जो हाल ही में जुलाई-सितंबर तिमाही में घटकर 5.4% पर आ गई थी।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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