अमेजन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ कैट ने राष्ट्रीय आंदोलन छेड़ने की घोषणा

punjabkesari.in Sunday, Nov 10, 2019 - 04:19 PM (IST)

नई दिल्लीः देश भर में व्यापारिक समुदाय ने अमेजन, फ्लिपकार्ट और अन्य ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उन कंपनियों के खिलाफ आंदोलन होगा जो भारत सरकार की प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति का उल्लंघन करते हुए देश के खुदरा व्यापार को तहस नहस करने में लगे हैं।

PunjabKesari

किसान, हॉकर्स आदि को भी जोड़ा जाएगा
कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की देख-रेख में नई दिल्ली में आयोजित एक राष्ट्रीय व्यापारी सम्मेलन में देश के 27 राज्यों के प्रमुख व्यापारी नेताओं ने एक स्वर से कहा की हम अमेजन, फ्लिपकार्ट और अन्य ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ एक मजबूत लड़ाई छेड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह कंपनियां देश भर में 7 करोड़ से अधिक व्यापारियों और देश के खुदरा व्यापार को नष्ट करने में जुटी है। ट्रांसपोर्टर्स, किसानों, छोटे उद्योगों, उपभोक्ताओं, हॉकरों, स्व-नियोजित समूहों, महिला उद्यमियों और अन्य लोगों सहित खुदरा व्यापार के अन्य क्षेत्र के प्रमुख नेताओं ने भी सम्मेलन में भाग लिया और कैट को अपना मजबूत समर्थन देते हुए इस देशव्यापी आंदोलन में शामिल होने की घोषणा की।

PunjabKesari

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी.भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि अमेजन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ यह राष्ट्रव्यापी आंदोलन 13 नवंबर, 2019 से शुरू होगा और 10 जनवरी, 2020 तक जारी रहेगा। ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन, ऑल इंडिया कंज्यूमर प्रोडक्ट डिस्ट्रीब्यूटर फेडरेशन, फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया एलुमिनियम यूटेंसिल्स मैन्युफैक्चरर, ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ़ इलेक्ट्रॉनिक्स मर्चेंट्स एसोसिएशन, टॉयज एसोसिएशन ऑफ इंडिया, ड्रग डीलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, फेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रिकल गुड्स एंड अप्लायंस एसोसिएशन, फेडरेशन ऑफ हार्डवेयर मैन्युफैक्चरिंग एंड ट्रेडर्स एसोसिएशन सहित देश के 40 हजार व्यापारी संगठन कैट के नेतृत्व में इस आंदोलन में शामिल होंगे।

PunjabKesari

भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि सम्मेलन ने एकमत से कहा की अब इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप का समय आ गया है। इस मुद्दे पर कैट शीघ्र ही प्रधानमंत्री से मुलाकात करेगा। यह अहम मुद्दा देश के घरेलू व्यापार और छोटे उद्योगों को गहराई से प्रभावित करते हैं जो सरकार के लिए प्रमुख राजस्व एकत्र करने का सबसे बड़ा जरिया है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

jyoti choudhary

Recommended News

Related News