बजट 2018: किसानों को है पिछले साल के इन बड़े ऐलानों का इंतजार

punjabkesari.in Saturday, Jan 27, 2018 - 06:10 PM (IST)

नई दिल्‍लीः बजट में सबसे ज्यादा उम्मीद शायद किसान वर्ग को होती है पर कुछ किसान एेसे भी है जो पिछले 4 सालों से बजट में होने वाले 4 बड़े एेलानों का इंतजार कर रहे है। मोदी सरकार साल 2022 तक देश के किसानों की इनकम दोगुना करना चाहती है, लेकिन इसके लिए सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि साल 2017-18 के बजट में एग्रीकल्‍चर के लिए की गई घोषणाओं पर अब तक अमल नहीं हो पाया।  दिलचस्‍प बात यह है कि मोदी सरकार ने बजट की तारीख 28 फरवरी की बजाय 1 फरवरी करते हुए कहा था कि बजट लागू करने में देर हो जाती है। साल 2017-18 का बजट 1 फरवरी को घोषित किया गया, बावजूद इसके बजट की कई घोषणाओं को लागू करने में 7 से 9 माह का समय लग गया। ये है वो एेलान जिनका किसान इंतजार कर रहे है। 

-1 फरवरी 2017 को वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने घोषणा की थी कि एग्रीकल्‍चर सेक्‍टर में मॉडल कॉन्‍ट्रेक्‍ट फार्मिंग एक्‍ट तैयार किया जाएगा, जिसे राज्‍य सरकारें अपने-अपने राज्‍य में लागू करेंगी लेकिन एक्‍ट का ड्राफ्ट दिसंबर 2017 के आखिरी सप्‍ताह में तैयार किया गया। जिस पर अभी आपत्तियां व सुझाव मांगे गए हैं।
-किसानों की इनकम दोगुना करने के लिए सरकार ने डेयरी प्रोसेसिंग पर फोकस करने का वादा किया था और बजट 2017-18 में डेयरी प्रोसेसिंग एंड इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर डेवलपमेंट फंड बनाने की घोषणा की गई थी। वित्‍त मंत्री ने कहा था कि 2000 करोड़ रुपए का कारपस फंड बनाया जाएगा, जिसे अगले तीन साल में 8000 करोड़ रुपए किया जाएगा। यह घोषणा 1 फरवरी को की गई, लेकिन कैबिनेट ने इस प्रस्‍ताव को 12 सितंबर 2017 को मंजूरी दी। जबकि अब तक काम शुरू नहीं हो पाया है।
-किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए वित्‍त मंत्री ने माइक्रो इरिगेशन को प्रमोट करने का वादा किया था और बजट में घोषणा की थी कि नाबार्ड में डेडिके‍टेड माइक्रो इरिगेशन फंड बनाया जाएगा, जिसमें 5000 करोड़ रुपए का फंड होगा, जिसका मकसद 'एक बूंद, ज्‍यादा फसल' होगा। बजट की इस घोषणा के बावजूद नाबार्ड की वेबसाइट पर इस फंड के बारे में कोई सूचना उपलब्‍ध नहीं है।
- किसानों को सही दाम देने के लिए सरकार ने बजट 2017-18 में नेशनल एग्रीकल्‍चर मार्केट के विस्‍तार की घोषणा की थी। वित्‍त मंत्री ने कहा था कि अभी देश भर की 250 एग्रीकल्‍चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी (एपीएमसी) नेशनल एग्रीकल्‍चर मार्केट से जुड़ी हुई हैं, जिसे बढ़ाकर 585 किया जाएगा, लेकिन सरकारी डाटा बताते हैं कि अब तक 470 एपीएमसी ही एनएएम से जुड़ पाई हैं। 


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