इलैक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को लगी ब्रेक

punjabkesari.in Thursday, Jul 18, 2019 - 10:34 AM (IST)

जालंधरः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट में इलैक्ट्रिक वाहनों पर गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जी.एस.टी.) घटाए जाने के ऐलान के बाद इनकी बिक्री पर ब्रेक लग गई है। इस कारण इलैक्ट्रिक वाहनों के निर्माता काफी परेशान हैं। पंजाब केसरी के साथ खास बातचीत दौरान एवन साइकिल के एम.डी. ओंकार सिंह पाहवा ने इस परेशानी का खुलासा करते हुए कहा कि बजट में वित्त मंत्री द्वारा इलैक्ट्रिक वाहनों पर जी.एस.टी. 12 प्रतिशत से कम करके 5 प्रतिशत करने का ऐलान किया गया था परन्तु यह फैसला अभी तक लागू नहीं हुआ है। इस कारण इलैक्ट्रिक वाहनों की सेल रुक गई है क्योंकि बाजार में अभी भी इलैक्ट्रिक वाहनों पर 12 प्रतिशत जी.एस.टी. लग रहा है।

ग्राहक बजट में हुए ऐलान का हवाला देकर 5 प्रतिशत जी.एस.टी. वसूलने की मांग कर रहे हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि इस ऐलान के बाद इस संबंधी नोटीफिकेशन जारी नहीं हुआ है। यह नोटीफिकेशन अगस्त में होने वाली जी.एस.टी. कौंसिल की मीटिंग के बाद जारी होने की संभावना है। इसके चलते इलैक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कम्पनियों की जुलाई और अगस्त की बिक्री पर बड़ा असर दिखेगा। उन्होंने कहा कि आम तौर पर बजट में होने वाले ऐलान अगले दिन से ही लागू हो जाते हैं और उत्पादों पर लागू होने वाली सरकारी ड्यूटी संबंधी तुरंत नोटीफिकेशन जारी हो जाता है। इस बार बजट के बाद ऐसा नहीं हुआ और जी.एस.टी. संबंधी फैसला कौंसिल की मीटिंग में होने के चलते पूरे मामले पर दुविधा की स्थिति बनी हुई है। इलैक्ट्रिक वाहन निर्माता इसलिए भी परेशान हैं क्योंकि उनके लिए इस बात को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है कि यदि इलैक्ट्रिक वाहनों पर जी.एस.टी. की दर 12 से कम कर 5 प्रतिशत की जाती है, तो वाहन निर्माता को इनपुट टैक्स का क्रैडिट मिलेगा या नहीं।

इंकम टैक्स छूट का फायदा बड़ी कार कम्पनियों को होगा
बजट दौरान इलैक्ट्रिक वाहनों के लिए जाने वाले करों की अदायगी पर डेढ़ लाख रुपए तक की इंकम टैक्स छूट के ऐलान पर बोलते हुए पाहवा ने कहा कि इसका फायदा बड़ी कार कम्पनियों को होगा क्योंकि छोटे इलैक्ट्रिक वाहन की ज्यादा से ज्यादा कीमत सवा लाख रुपए है। पाहवा ने इसके साथ ही इलैक्ट्रिक वाहनों को लेकर पंजाब सरकार की नीति में सुधार की जरूरत पर भी जोर दिया।

पंजाब में बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे ई-वाहन
उन्होंने कहा कि इलैक्ट्रिक वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर पंजाब में बहुत ज्यादा टैक्स लगता है, लिहाजा लोग इलैक्ट्रिक गाड़ी लेकर उसकी रजिस्ट्रेशन नहीं करवा रहे और पंजाब में सभी इलैक्ट्रिक वाहन बिना रजिस्ट्रेशन से चल रहे हैं। यदि सरकार यह फीस घटा दे तो पंजाब में हरियाणा और उत्तराखंड की तरह इलैक्ट्रिक ऑटो की सेल बढ़ सकती है क्योंकि रजिस्ट्रेशन नंबर न होने के चलते लोगों को बैंक से लोन के मामले में भी भारी परेशानी होती है।

बढ़ेगा इलैक्ट्रिक वाहनों का बाजार 
चीन में बड़े स्तर पर इस्तेमाल हो रहे इलैक्ट्रिक वाहनों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि चीन के बड़े शहरों में मुख्य सड़कों पर मोटरसाइकिल जैसे दोपहिया वाहनों पर पूरी तरह पाबंदी है और इन शहरों में कम रफ्तार वाले दोपहिया वाहनों के लिए अलग से ट्रैक बने हैं। इसके अलावा इलैक्ट्रिक वाहनों के पुर्जे, मैकेनिक आसानी से उपलब्ध हैं और सरकार भी इस संबंधी आसान नीतियां बना कर इलैक्ट्रिक वाहनों को उत्साहित कर रही है। यदि भारत में भी सरकार की तरफ से इलैक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को उत्साहित करने के लिए कदम उठाए जाएं तो भारत में न सिर्फ प्रदूषण घटेगा बल्कि इलैक्ट्रिक वाहनों का बाजार भी तेजी से बढ़ेगा।

देश में बनें ई-वाहन के पुर्जे व बैटरियां
हालांकि बजट दौरान इलैक्ट्रिक वाहनों के पुर्जों पर बैटरियों को आयात कर से छूट जारी रखने के फैसले का पाहवा ने स्वागत किया और कहा कि इलैक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली लीथियम बैटरियां और अन्य सभी पुर्जे विदेशों से मंगवाए जा रहे हैं, लिहाजा इस सैक्टर में ग्रोथ की रफ्तार कम है और यदि इलैक्ट्रिक वाहनों के पुर्जे और बैटरियों का निर्माण देश में किया जाए तो भारत में भी इलैक्ट्रिक वाहनों का बाजार रफ्तार पकड़ सकता है।

एवन कर सकता है बड़े स्तर पर निवेश
एवन साइकिल की तरफ से इलैक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में निवेश बढ़ाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि एवन इस सैक्टर में बड़े स्तर पर निवेश करना चाहता है लेकिन सरकार की नीति साफ न होने के चलते फिलहाल इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया जा रहा। देश में साइकिल उद्योग की स्थिति पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हालांकि देश में पुराने माडल के साइकिल की बिक्री में गिरावट दर्ज की जा रही है लेकिन बच्चों के साइकिल और नए माडल साइकिलों की बिक्री तेजी के साथ बढ़ रही है। अगर सरकार बड़े शहरों में साइकिल ट्रैक बना दे तो साइकिल उद्योग की बिक्री में भी भारी वृद्धि हो सकती है।


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Supreet Kaur

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