क्रिप्टो बाजार में मचा कोहरामः बिटक्वाइन 16% टूटा, जानिए बाकी करेंसी का हाल

punjabkesari.in Saturday, Dec 04, 2021 - 01:12 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः शनिवार को एक बार फिर क्रिप्टो बाजार में कोहराम मच गया। ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी की कीमत में गिरावट दर्ज की गई। जहां एक ओर दुनिया की सबसे लोकप्रिय डिजिटल मुद्रा बिटक्वाइन के दाम करीब 16 फीसदी तक टूट गए, तो दूसरी ओर इथेरियम, डॉजक्वाइन और पोल्काडॉट समेत शीर्ष करेंसी भी बुरी तरह से लुढ़क गईं।

बिटक्वाइन 43 हजार डॉलर के स्तर पर  
दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन 16 फीसदी तक टूटकर कारोबार कर रही थी। इस गिरावट के साथ यह डिजिटल मुद्रा 44,000 डॉलर के निचले स्तर तक आ गई। रुपए के हिसाब से देखें तो शनिवार को यह 35 लाख रुपए के स्तर के नीचे तक पहुंच गई थी। हालांकि, कुछ देर बाद इसमें मामूली सुधार आया और इसका दाम बढ़कर 39 लाख रुपए पर पहुंच गया।

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इथेरियम का भी बेहद बुरा हाल 
क्रिप्टोबाजार में निवेशकों की पसंदीदा दूसरी शीर्ष करेंसी में भी भारी गिरावट देखने को मिल रही है। बिटक्वाइन के बाद दूसरी सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी इथेरियम के दाम शनिवार को 13.73 फीसदी तक कम हो गई और इसका भाव 3,934.86 रुपए हो गया। बता दें कि इथेरियम ने भी नवंबर में अपना सर्वकालिक उच्च स्तर छुआ था।  

अन्य डिजिटल करेंसी में गिरावट 
दूसरी प्रमुख डिजिटल करेंसी में गिरावट के आंकड़ों पर नजर डालें तो बिनान्से क्वाइन में 12.59 फीसदी, पोल्काडॉट में 28.23 फीसदी, डॉजक्वाइन के दाम में 19.42 फीसदी, शीबा इनु में 14.06 फीसदी और लाइट क्वाइन में 24.41 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। इसके अलावा कार्डानो, रिप्पल और यूनीस्वैप समेत अन्स करेंसी गिरावट के साथ कारोबार कर रही है।      

2.4 अरब डॉलर की रकम निकाली गई
शनिवार को क्रिप्टो के बाजार से करीबन 2.4 अरब डॉलर की रकम निकाली गई है। 7 सितंबर के बाद किसी एक दिन में यह सबसे बड़ी निकासी है। 10 नवंबर के बाद से बिटकॉइन की कीमतों में 21 हजार डॉलर की गिरावट आ चुकी है। उस समय यह 68 हजार डॉलर के पार पहुंच गई थी। हालांकि अभी भी इसने इस साल में 60% का रिटर्न दिया है।

अलसल्वाडोर खरीद रहा बिटकॉइन
अलसल्वाडोर के राष्ट्रपति ने कहा कि हम अभी भी गिरावट के दौर में बिटकॉइन खरीद रहे हैं और 150 बिटकॉइन की खरीदी की गई है। इस देश ने इसी साल में बिटकॉइन को कानूनी मुद्रा के रूप में मंजूरी दी है। बिटकॉइन जुलाई में 30 हजार डॉलर पर पहुंच गई थी। जानकारों का कहना है कि अगर यह 40 से 42 हजार डॉलर पर रुकती है तो फिर से ऊपर जा सकती है। यदि इसमें इससे नीचे का भाव आता है तो यह 30 हजार डॉलर तक भी जा सकती है।

ये हैं गिरावट की बड़ी वजहें 
विशेषज्ञों की मानें तो दुनिया भर में बढ़ रहा कोविड-19 के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट का प्रकोप इसकी बड़ी वजह माना जा सकता है। इसका असर पहले से ही दुनिया भर के शेयर बाजारों पर दिखने लगा है और अब क्रिप्टो बाजार पर भी इसका साया दिख रहा है।  

भारत में पेश होने वाला है बिल 
बता दें कि भारत में जल्द ही क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बिल पेश होने वाला है। इस संबंध में जारी रिपोर्टों की मानें तो संसद के चालू शीतकाली सत्र के दौरान अगले हफ्ते सरकार की ओर से बिल पेश किया जा सकता है। यह बिल निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रबंधित करने के उद्देश्य से लाया जा रहा है। ऐसे भी संकेत मिले हैं कि देश में निजी क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाया जा सकता है। 


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Content Writer

jyoti choudhary

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