1 अप्रैल से महंगे होंगे बाइक्‍स-स्‍कूटर्स, कंपनियां बढ़ाएंगी दाम

punjabkesari.in Wednesday, Mar 15, 2017 - 05:58 PM (IST)

नई दिल्लीः देश में पर्यावरण सुधार के बड़े कदम का सीधा असर आपकी जेब पर पड़ने वाला है। यदि आप बाइक अथवा स्कूटर खरीदने का मन बना रहे हैं तो इसके लिए आपको 1 अप्रैल के बाद 5000 रुपए तक ज्यादा अदा करने पड़ेंगे। ऐसा इन वाहनों के इंजन में किए जा रहे बदलाव पर होने वाले खर्च के कारण होगा। 1 अप्रैल से देश में बीएस-4 (भारत स्टैंडर्ड 4) इंजन वाले दोपहरिया वाहन ही दिखेंगे। वैश्विक स्तर पर पर्यावरण को बढ़ रहे खतरे के बाद भारत ने देश में बीएस-4 इंजन बनाने का फैसला किया है। इसे 2022 तक बीएस-6 तक ले जाने का लक्ष्य है। यूरोप और पश्चिमी देशों में कम धुआं छोड़ने वाले बीएस-6 इंजन का इस्तेमाल होता है।

अगर कंपनियां इस मानक को फॉलो करने के लिए लगाई कीमत को ग्राहकों से नहीं वसूलेंगी तो उन्हें मुनाफा कमाना बहुत मुश्किल होगा। वैसे पहले से ही रॉ मैटीरियल की कीमत में हुई बढ़ोत्तरी के बाद दुपहिया कंपनी बहुत कम मार्जिन पर कारोबार कर रही हैं। हर मोटरसाइकिल व स्कूटर निर्माता कंपनी इस वृद्वि को लागू करने जा रही हैं। 

कीमत बढ़ाने की भी तैयारी
बीएस 4 मानक लागू होने के साथ-साथ कंपनियों की ओर से नए मॉडल्‍स के दामों में इजाफा भी कि‍या जाएगा। हीरो मोटोकार्प के स्‍पोक्‍सपर्सन ने कहा कि‍ ज्‍यादातर मॉडल्‍स बीएस 4 पर शि‍फ्ट हो गए हैं और बीएस 4 वाले मॉडल्‍स का प्रोडक्‍शन शुरू कर दि‍या गया है। उन्‍होंने बताया कि‍ बीएस 4 मानक वाले स्‍कूटर्स और मोटरसाइकि‍ल्‍स की कीमतों में 1500 रुपए तक का इजाफा हो सकता है। 

वहीं, बजाज ऑटो ने कहा है कि‍ इसी माह बाइक्‍स की कीमतों में इजाफा करने के लि‍ए कहा है। कीमतों में बढ़ौतरी इनपुट कॉस्‍ट ज्‍यादा होने और पूरी पोर्टफोलि‍यो को बीएस 4 एमि‍शन लेवल पर लेकर जाने की वजह से होगी। कीमतों में ज्‍यादा मॉडल्‍स के हि‍साब से 5,000 रुपए तक रह सकता है।

1 अप्रैल तक 8.9 लाख व्‍हीकल्‍स की इन्‍वेंटरी की उम्‍मीद
सोसाइटी ऑफ इंडि‍या ऑटोमोबाइल मैन्‍युफैक्‍चरर्स (सियाम) ने दावा कि‍या है कि‍ 1 अप्रैल 2017 तक 7.5 लाख टू-व्‍हीलर्स, 75 हजार कमर्शि‍यल व्‍हीकल्‍स, 45 हजार थ्री व्‍हीलर्स और 20 हजार पैसेंजर व्‍हीकल्‍स की पेंडिंग इन्‍वेंटरी रहने की उम्‍मीद है। 

कंपनियों के सामने आई बड़ी चुनौती
मोटरसाइकिल कंपनियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती उस माल को बेचने को लेकर है जो बनकर रखा है और जिनमें इन मानकों को अपग्रेड नहीं किया जा सकता। नोटबंदी के चलते कंपनियों का स्टॉक काफी ज्यादा बचा हुआ है। इसलिए दुपहिया निर्माता कंपनियों को सरकार से उम्मीद है कि उन्हें पुराने माल को आगे भी बेचने का कुछ वक्त मिलेगा लेकिन नए मानकों को लगभग सभी कंपनियों ने अपने सभी मॉडलों में इंप्लीमेंट कर दिया है। कुछ कंपनियां पहले से ही बीएस 4 मानक वाले वाहनों को बेच रही हैं। 


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