रिलायंस-फ्यूचर डील में बड़ा खुलासा! Amazon ने RIL से करार पर मांगा था 290 करोड़ रु का मुआवजा

punjabkesari.in Tuesday, Feb 16, 2021 - 10:12 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः खुदरा स्टोर चलाने वाले समूह फ्यूचर ने आरोप लगाया है कि अमेरिकी रिटेल कंपनी अमेजन ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को कारोबार बेचने के उसके करार के खिलाफ उससे 4 करोड़ डॉलर यानि 290 करोड रुपए का मुआवजा मांगा था। अमेजन ने फ्यूचर ग्रुप की ओर से सिंगापुर के पंच-निर्णय मंच पर किए गए इस दावे को झूठा और भ्रामक करार दिया है।

किशोर बियानी के नेतृत्व वाले फ्यूचर समूह ने सिंगापुर के अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता निर्णय केंद्र की एक पीठ के समक्ष प्रस्तुत अपने दावे में कहा है कि अमेजन ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ उसके करार पर फोन से हुई बात चीत में 4 करोड डॉलर (290 करोड रुपए) की मांग की थी। फ्यूचर ग्रुप ने यह भी कहा है कि अमेरिकी कंपनी अमेजन को 24713 करोड रुपए के फ्यूचर-रिलायंस इंडस्ट्रीज सौदे का पूरा ज्ञान था लेकिन अमेजन के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी फ्यूचर समूह के इस दावे को असत्य और भ्रामक मानती है। 

प्रवक्ता ने कहा कि फ्यूचर का यह दावा संदिग्ध है और यह ऐसे समय पर जनता में भ्रम फैलाने का प्रयास है जबकि अमेजन ने उच्चतम न्यायालय के समक्ष एक विशेष अनुमति याचिका दायर की है। प्रवक्ता ने कहा कि अमेजन ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड को उसके कारेाबार में गिरावट के समय मदद की बराबर पेशकश की और उसके साथ बातचीत को तैयार रही जबकि फ्यूचर ग्रुप समूह ने उसकी पेशकश को इनकार कर दिया। 

क्या है मामला
गौरतलब है कि अगस्त 20019 में अमेजन फ्यूचर समूह की गैर सूचीबद्ध कंपनी फ्यूचर कूपंस लिमिटेड की 49% हिस्सेदारी खरीदने का एक करार किया था। फ्यूचर कूपंस के पास फ्यूचर समूह की बीएसई में सूचीबद्ध कंपनी फ्यूचर रिटेल की 7.3% हिस्सेदारी है। अमेजन ने फ्यूचर के साथ यह भी करार किया था कि वह 3 से लेकर 10 साल के बीच सूचना डिटेल्स को भी खरीद सकती है। 29 अगस्त 2020 को फ्यूचर समूह ने रिलायंस के साथ अपने करार घोषणा जिसमें उसने अपने खुदरा और थोक व्यवसाय को रिलायंस रिटेल को बेचने का करार कर लिया था, में कहा था कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ उसका यह करार 24713 करोड़ रुपए का है। 

अमेजन ने इसके खिलाफ अक्टूबर 2020 में सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय पंचाट केंद्र में एक सदस्यीय आपातकालीन पीठ के समक्ष चुनौती दी। अमेजन ने आरोप लगाया कि रिलायंस के साथ कारोबार बेचने का करार कर फ्यूचर में उसके साथ अनुबंध की अवहेलना की है। फ्यूचर ग्रुप में सिंगापुर के मध्यस्था मंच सुनवाई मैच में अक्टूबर 2020 ने अपने बयान में कहा है कि अगस्त 2020 में तीसरे नंबर के प्रतिवादी किशोर बियानी और 8 वें नंबर के प्रतिवादी राकेश बियानी तथा अमेज़न डॉट कॉम एनवी इन्वेस्टमेंट होल्डिंग्स एलएलसी की ओर से अभिजीत मजूमदार के बीच हुई बातचीत में वादी अमेजन की ओर से 4 करोड डालर की के मुआवजे की मांग की गई। 

अमेजन को थी डील की जानकारी
इस मामले के कागजात अनुसार फ्यूचर ग्रुप ने यह भी कहा है कि अमेजन का यह दावा ठीक नहीं है कि उसे रिलायंस के साथ उसके करार की जानकारी नहीं थी। सिंगापुर के फोरम में दाखिल 12 अक्टूबर 2020 के इस दस्तावेज में इस बात का भी उल्लेख है कि फ्यूचर रिटेल ने 29 अगस्त 2020 को सार्वजनिक सूचना में बताया था कि उसका रिलायंस के साथ करार हुआ। समूह का कहना है कि उसने दावेदार अमेजन के प्रतिनिधियों को बता दिया था कि रिलायंस के साथ उसकी बातचीत चल रही है। 

गौरतलब है कि सिंगापुर केंद्र की एक सदस्यीय मध्यस्थता पीठ ने 25 अक्टूबर 2020 को अंतरिम आदेश में फ्यूचर रिटेल को रिलायंस के साथ सौदे पर आगे बढ़ने से रोक लगा दी थी। फ्यूचर ने इस फैसले को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी। दिल्ली उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने फ्यूचर रिटेल को फ्यूचर रिटेल के खिलाफ फैसला दिया लेकिन उस फैसले के खिलाफ फ्यूचर रिटेल की अपील पर अदालत की दो सदस्यों वाली पीठ ने कहा कि इस मामले में भारत की नियामक संस्थाओं को समझौते को स्वीकृति देने के संबंध में कोई निर्णय करने से रोका नहीं जा सकता। अमेजन ने दिल्ली उच्च न्यायालय की दो जजों की पीठ के निर्णय को निर्णय के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटकाया है। 


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Content Writer

jyoti choudhary

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