वाहन में बड़े स्तर पर होगी खराबी तो कम्पनियों को वापस लेने पड़ेंगे उस बैच के सभी वाहन

punjabkesari.in Wednesday, Oct 23, 2019 - 11:30 AM (IST)

नई दिल्ली: वाहनों और कल पुर्जों में खराबी पर सरकार ने सख्ती अपनाई है। यदि एक निश्चित अनुपात से अधिक बिके वाहनों में खराबी पाई जाएगी तो कम्पनियों को अनिवार्य तौर पर उस बैच के संपूर्ण वाहनों को वापस लेना होगा। यात्री सुरक्षा से जुड़ी खराबियों के मामलों में यह खास तौर से लागू होगी। इसके लिए सरकार एक नीति बना रही है। अभी जो व्यवस्था है उसके तहत ऐसे मामलों में कम्पनी वाहनों का वॉलंटरी रिकॉल करती है।

वाहन टेस्टिंग एजैंसी का रद्द हो सकता है रजिस्ट्रेशन
एक रिपोर्ट के मुताबिक संशोधित मोटर वाहन कानून में उस टेस्टिंग एजैंसी के रजिस्ट्रेशन को रद्द कर दिए जाने का भी प्रावधान है जिसने रिकॉल किए गए वाहन के लिए टाइप अप्रूवल सॢटफिकेट प्रदान किया हो। वाहन टेस्टिंग एजैंसियों की लापरवाही और वाहन निर्माता कम्पनियों के साथ उनकी सांठ-गांठ का मामला 2013 में उजागर हुआ था जब जनरल मोटर्स (जी.एम.) ने उत्सर्जन और अन्य मुद्दों पर तवेरा को रिकॉल किया था। जी.एम. ने ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ  इंडिया (ए.आर.ए.आई.) से टाइप अप्रूवल हासिल किया था। कम्पनी पर आरोप लगा था कि उसने जांच के लिए भेजे गए तवेरा के नए मॉडल में पहले से अप्रूव हो चुके इंजन फिट कर दिए थे ताकि वे उत्सर्जन मानकों पर खरा उतर सके।

सरकार तय कर रही कितने वाहनों में खराबी होने पर जारी होगा रिकॉल का आदेश
नए कानून में परिवहन मंत्रालय को खराब वाहन या पुर्जे को वापस लेने का आदेश देने का अधिकार दिया गया है। मंत्रालय हालांकि अब तक यह तय नहीं कर पाया है कि किसी मॉडल के कितने वाहनों में खराबी पाए जाने पर रिकॉल का आदेश दिया जाएगा। मंत्रालय ने इस मुद्दे पर विभिन्न पक्षों की राय मांगी है क्योंकि विभिन्न कम्पनियों द्वारा उत्पादन किए जाने वाले वाहनों की संख्या में काफी अंतर होता है। हो सकता है कि बाजार में लग्जरी वाहन कुछ सैंकड़ों बिक रहे हों लेकिन लोकप्रिय वाहनों की बिक्री लाखों में हो रही हो।


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Supreet Kaur

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