एक मार्च से शुरू होंगी स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए बोलियां, उभोक्ताओं को सस्ती सेवाओं की उम्मीद

punjabkesari.in Friday, Feb 26, 2021 - 02:18 PM (IST)

नई दिल्लीः स्पेक्ट्रम नीलामी के छठे दौर में 3.92 लाख करोड़ रुपए की रेडियो तरंगों के लिए बोलियां लगाने की प्रक्रिया एक मार्च 2021 से शुरू होंगी। दूरसंचार विभाग इसके लिए टेलीकॉम कंपनियों द्वारा जमा कराई अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट (ईएमडी) का खुलासा कर चुका है। इससे साफ हो गया है कि दूरसंचार कंपनियां इस बार स्पेक्ट्रम के लिए बहुत ऊंची बोली नहीं लगाएंगी। ऐसे में आम उपभोक्ता उम्मीद कर सकते हैं कि फिलहाल टेलीकॉम सेवाओं के लिए ज्यादा पैसे नहीं चुकाने होंगे।

स्पेक्ट्रम के लिए ऊंची कीमत देने के मूड में नहीं कंपनियां 
दरअसल साल 2014 और 2015 में टेलीकॉम कंपनियों की माली हालत काफी अच्छी थी, जिसकी वजह से उनके बीच स्पेक्ट्रम के लिए मुकाबला कड़ा था। तब वोडाफोन, आइडिया और एयरटेल ने ऊंची बोली लगाई थी लेकिन ऐसा नहीं है। ऐसे में ज्यादातर स्पेक्ट्रम बेस प्राइस पर ही बिकने की उम्मीद है।

कंपनियां 5जी सेवा के ट्रायल में कर सकेंगी स्पेक्ट्रम का उपयोग 
दूरसंचार विभाग द्वारा जारी नोटिस में कहा गया था कि इस स्पेक्ट्रम नीलामी की लंबे समय से प्रतीक्षा की जा रही थी। यह नीलामी चार साल बाद होने जा रही है और भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा आधार मूल्य की गणना व सुझाव दिए जाने के दो साल बाद यह नीलामी होगी। नीलामी को 5जी का शुरुआती कदम भी माना जा रहा है। इस नीलामी में मिले दो स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल कंपनियां 5जी सेवा के ट्रायल में कर सकेंगी।  

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 17 दिसंबर 2020 को सात आवृति के बैंड में 3.92 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 2,251.25 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी को मंजूरी दे दी थी। इस दौर में 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज और 2500 मेगाहर्ट्ज में ट्राई द्वारा सुझाए गए आधार मूल्य पर नीलामी को मंजूरी दी गई। सरकार ने हालांकि, 3300-3600 मेगाहर्ट्ज बैंड को इस बार की नीलामी से बाहर रखा है। उद्योग जगत इस फ्रीक्वेंसी यानी आवृति को 5जी सेवाओं के लिए उपयुक्त बताता रहा है। यह बैंड भी ट्राई के सुझावों में शामिल थे।  

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इक्रा ने कहा था कि, उसे नहीं लगता कि 700 मेगाहर्ट्ज श्रेणी में कोई उल्लेखनीय बोली प्राप्त होने वाली है। एजेंसी का अनुमान है कि बोलियां 55 हजार से 60 हजार करोड़ रुपए के बीच में रहेंगी।


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Content Writer

jyoti choudhary

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