कार्ड पेमेंट को लेकर बैंकों ने ग्राहकों से वसूला मनमाना चार्ज, RBI के पास लगा शिकायतों का अंबार

punjabkesari.in Tuesday, Feb 09, 2021 - 02:32 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः बीते डेढ़ साल में आरबीआई के पास ग्राहकों की तरफ से शिकायतों का अंबार लग गया है। यह शिकायतें ग्राहकों को बिना बताए बैंकों द्वारा मनमाना चार्ज वसूलने की हैं। डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड ही नहीं बल्कि जनधन खाते और रुपे कार्ड पर भी बैंकों ने अपने मन से कई तरह का चार्ज वसूला है। सबसे ज्यादा शिकायत डेबिट और क्रेडिट कार्ड से जुड़े है और ट्रांजैक्शन फेल होने पर बैंकों ने प्रति ट्रांजैक्शन जीएसटी जोड़कर ग्राहकों से 25 रुपए से भी ज्यादा वसूला गया है। इसी प्रकार जन-धन खातों, रुपे डेबिट कार्ड पर जीएसटी के साथ 17 रुपए तक वसूला है। इस बारे में ऑल इंडिया बैंकिंग डिपॉजिटर्स एसोसिएशन ने आरबीआई से लिखित शिकायत भी की है।

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बता दें कि आरबीआई के कम्प्लेंट मैनेजमेंट सिस्टम में इस तरह की कुल 31,837 शिकायतें दर्ज हुईं है। वहीं, डेबिट और क्रेडिट कार्ड से जुड़ी डेढ़ साल में करीब 95 हज़ार शिकायतें दर्ज की गई है। बैंकों के खिलाफ ग्राहकों के कुल शिकायतों की संख्या 6 लाख के करीब पहुंच गई है। शिकायतों के मामले में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक टॉप पर हैं।

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चंडीगढ़ से आई सबसे ज्यादा शिकायत
आरबीआई ने ऑम्बड्समैन स्कीम 2019-20 (RBI Ombudsman Schemes 2019-20) को लेकर सालाना रिपोर्ट जारी की है। इस स्कीम के जरिए केंद्रीय बैंक की नज़र बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों और नए एज के डिजिटल प्लेयर्स पर होती है। इस रिपोर्ट से पता चला है कि बैंक संबंधित सबसे ज्यादा शिकायत चंडीगढ़ से आई है। 2019-20 में यहां से 31,594 शिकायत आई हैं। इसके बाद भोपाल में शिकायतों की यह संख्या 14,510 रही।

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मेट्रो शहरों में शिकायतों की संख्या बढ़ी
मेट्रो शहरों से शिकायतों की संख्या सबसे ज्यादा देखने को मिल रही है। 2019-20 में यह बढ़कर करीब 50 फीसदी तक हो गया है। तीन साल पहले कुल शिकायतों में मेट्रो शहरों से आने वाले शिकायतों का हिस्स करीब 26 फीसदी ही था। शहरी इलाकों में यह घटकर 22 फीसदी पर आ गया है। 2017-18 में यह 50 फीसदी के करीब था।

जम्मू में शिकायत का खर्च सबसे ज्यादा रहा। यहां 2019-20 में एक शिकायत का खर्च 8,088 रुपए रहा। इस मामले में 5,438 रुपए के साथ दूसरे स्थान पर कोलकाता रहा लेकिन शिकायत दर्ज कराने पर कुल खर्च कम होकर 2,412 रुपए हो गया, 2018-19 में यह 3,125 रुपए पर था।


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Content Writer

jyoti choudhary

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