बैंक यूनियनों की हड़ताल टली, 27 जून को ठप नहीं होगा कामकाज

punjabkesari.in Friday, Jun 24, 2022 - 11:33 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः बैंक यूनियनों ने 27 जून यानी सोमवार को होने वाली अपनी हड़ताल टाल दी है। यूनियनों का कहना है कि वे अपनी मांगों पर बातचीत के लिए बैठेंगे और वार्ता के जरिए मामला सुलझाने पर ध्यान दिया जाएगा। अपनी मांगों को लेकर बैंक के संगठनों ने 27 जून को कामकाज ठप करने की योजना बनाई थी लेकिन इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBA) इन मांगों पर विचार करने के लिए तैयार है जिसके बाद हड़ताल को टाल दिया गया है। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (UFBA) में 9 बैंकों के अलग-अलग यूनियन शामिल हैं जो हड़ताल करने वाले थे। हफ्ते में 5 दिन काम और पेंशन जैसी मांगों को लेकर हड़ताल बुलाई गई थी। बैंकों के कर्मचारी नेशनल पेंशन स्कीम को हटाकर ओल्ड पेंशन स्कीम बहाल करना चाहते हैं।

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के अंतर्गत देश के 9 अलग-अलग बैंकों के संगठन आते हैं। इनमें ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कनफेडरेशन, ऑल इंडिया बैंक इंप्लॉइज एसोसिएशन और नेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स शामिल हैं। इन संगठनों ने पेंशन और हफ्ते में 5 दिन के काम की मांग को लेकर हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी थी। बैंक कर्मचारियों की ये मांगें पुरानी हैं और उनका कहना है कि सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही। बैंकों के संगठन पहले भी हड़ताल कर चुके हैं और 27 जून को भी कामकाज ठप करने की प्लानिंग बनाई गई थी लेकिन अभी वार्ता से मामला सुलझाने की संभावना दिख रही है, जिसके बाद संगठनों ने हड़ताल टाल दी है।

1 जुलाई को होगी बातचीत
बातचीत के लिए आईबीए और बैंकिंग संगठनों के बीच एक समझौता हुआ है। समझौते के मुताबिक 1 जुलाई को बैंक संगठनों की अलग-अलग मांगों पर वार्ता होगी। इसकी जानकारी एआईबीईए के जनरल सेक्रेटरी सीएच वेंकटचलम ने दी और कहा कि मांगों को लेकर चीफ लेबर कमिश्नर की अध्यक्षता में वार्ता शुरू की जाएगी। बैंक संगठनों और यूनियनों ने सभी पेंशनर्स के पेंशन में बदलाव करने की मांग की है। बैंकों का संगठन नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) में शामिल नहीं होना चाहता और ये ओल्ड पेंशन स्कीम में फिर से बहाल होना चाहते हैं। संगठनों की मांग है कि सभी बैंकिंग कर्मचारियों को पुराने पेंशन सिस्टम से पेंशन दी जाए और एनपीएस को खत्म कर दिया जाए। बैंकों में काम करने वाले कर्मचारी हफ्ते में 5 दिन काम और दो दिन की छुट्टी चाहते हैं। इस बात को लेकर भी पहले से विरोध चल रहा है।
 
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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