दलहनों के आयात में छूट से मूल्य नियंत्रण में मिलेगी मदद: आईपीजीए

punjabkesari.in Sunday, May 16, 2021 - 05:42 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः इंडिया पल्सेज एंड ग्रेन एसोसिएशन (आईपीजीए) ने दलहनों के आयात में छूट दिए जाने का स्वागत करते हुए कहा है कि सरकार के इस निर्णय से मूल्य नियंत्रण में मदद मिलेगी। एसोसिएशन के चेयरमैन जीतू भेड़ा ने बताया कि सरकार ने अरहर, मूंग और उड़द आयात को प्रतिबंधित से मुक्त करने की नीति में त्वरित बदलाव कर प्रगतिशील कदम उठाया है। यह नीति 31 अक्टूबर तक प्रभावी रहेगी।

इन देशों से किया जा सकेगा आयात
भेड़ा ने कहा है कि इससे किसानों के हितों की रक्षा होगी और दलहनों की बढ़ती कीमतों पर भी नियंत्रण किया जा सकेगा। सरकार ने यह फैसला चुनौतीपूर्ण समय में उचित समय पर किया है। इससे तेजी से दलहनों का आयात किया जा सकेगा और दलों की कमी को पूरा किया जा सकेगा। उन्होंने कहा है कि इससे ढाई लाख टन अरहर, डेढ़ लाख टन उड़द तथा 50 से 75 हजार टन मूंग का म्यांमार, अफ्रीका और निकटवर्ती देशों से आयात किया जा सकेगा। 

यहां होती है दलहनों की बुआई 
देश में अब तक 17.75 लाख हेक्टेयर में गर्मा दलहनों की बुआई की गई है जबकि पिछले साल इसी अवधि की तुलना में 10.49 लाख हेक्टेयर में दलहनों को लगाया गया था। मध्य प्रदेश में 5.18 लाख हेक्टेयर, 3.15 लाख हेक्टेयर, तमिलनाडु 2.19 लाख हेक्टेयर, उत्तर प्रदेश 1.42 लाख हेक्टेयर, गुजरात 77 हजार हेक्टेयर, पश्चिम बंगाल 75 हजार हेक्टेयर और ओडिशा 3.32 लाख हेक्टेयर में दलहनी फसलों को लगाया गया है। 

मध्य प्रदेश में पिछले साल 3.82 लाख हेक्टेयर, बिहार में 1.71 लाख हेक्टेयर, तमिलनाडु में 1.69 लाख हेक्टेयर, उत्तर प्रदेश में 1.28 लाख हेक्टेयर, गुजरात में 58 हजार हेक्टेयर और पश्चिम बंगाल में 80 हजार हेक्टेयर में दलहनी फसलों को लगाया गया था। ओडिशा में इस बार बड़े पैमाने पर दलहनों को लगाया गया है। 

कृषि मंत्रालय ने देश में दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के उद्देश्य से, खरीफ 2021 सत्र में कार्यान्वयन के लिए एक विशेष खरीफ रणनीति तैयार की है। राज्य सरकारों के साथ परामर्श के माध्यम से, अरहर, मूंग और उड़द की बुआई के लिए रकबा और उत्पादकता बढ़ाने दोनों के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की गई है। रणनीति के तहत, सभी उच्च उपज वाली किस्मों (एचवाईवीएस) के बीजों का उपयोग करना शामिल है। केंद्रीय बीज एजेंसियों या राज्यों में उपलब्ध यह उच्च उपज की किस्म वाले बीज, एक से अधिक फसल और एकल फसल के माध्यम से बुआई का रकबा बढ़ाने वाले क्षेत्र में नि:शुल्क वितरित किए जाएंगे। 

खरीफ 2021 सत्र के लिए, 20,27,318 (वर्ष 2020-21 की तुलना में लगभग 10 गुना अधिक मिनी बीज किट) वितरित करने का प्रस्ताव है। इन मिनी बीज किट्स का कुल मूल्य लगभग 82.01 करोड़ रुपए है। अरहर, मूंग और उड़द के उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए इन मिनी किट्स की कुल लागत केंद्र सरकार द्वारा वहन की जाएगी। दलहनों का वर्ष 2007-08 में 14.76 मिलियन टन के उत्पादन से यह आंकड़ा अब वर्ष 2020-2021 (दूसरा अग्रिम अनुमान) में 24.42 मिलियन टन तक पहुंच गया है जो कि 65 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि प्रदर्शित करता है।  


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Content Writer

jyoti choudhary

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