बजट में GDP ग्रोथ के साथ जॉब का भी रखें ध्यान, गरीबों के लिए आमदनी की व्यवस्था करेंः सुब्बाराव

punjabkesari.in Monday, Jan 24, 2022 - 12:46 PM (IST)

नई दिल्लीः भारत का बजट पेश होने में अब सिर्फ एक हफ्ते का समय बचा है। भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र लिखकर अपनी बजट संबंधी मांग रखी है। भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से कहा है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी ग्रोथ 9.2 फ़ीसदी रहने का अनुमान जताया गया है। पिछले साल कोरोना संकट की वजह से भारत के जीडीपी ग्रोथ में 7.3 फ़ीसदी की कमजोरी आई थी। भारत की जीडीपी ग्रोथ में रिकवरी बहुत से लोगों के लिए राहत का विषय है लेकिन इससे लोगों की परेशानी दूर नहीं हुई है।

अगर कारोबारी घराने की बात करें तो बहुत से बिजनेस ने यह गणना की है कि जीडीपी ग्रोथ में शानदार तेजी के बाद भी इस साल का आउटपुट 2 साल पहले की तरह ही रहने वाला है। अगर बात कोरोना संकट से पहले की करें तो इस समय कारोबार और आमदनी में करीब 6 फ़ीसदी की कमजोरी देखी जा रही है। 2 साल पहले के कोरोना संक्रमण से पहले की तुलना में अभी लोगों की आमदनी में भी 6 फ़ीसदी तक की कमी दर्ज की जा रही है।

कोरोना संकट का पड़ा है असर 
अगर बात आमदनी में कमी की करें तो इसका सबसे ज्यादा असर निचले तबके की आधी आबादी पर पड़ा है। कोरोनावायरस के शुरुआती महीने में आपने कहा था कि हम सभी इस संकट की घड़ी में साथ हैं, यह सिर्फ एक स्लोगन बनकर रह गया है। सच्चाई यह है कि आधुनिक तकनीक की मदद से अमीर लोग इस संकट का मुकाबला करने में सफल रहे और वह और अधिक अमीर बन गए, लेकिन गरीब लोगों की आमदनी चली गई और उनकी बचत, नौकरी और परचेजिंग पावर पर काफी असर पड़ा है।   

बजट में नौकरी-आमदनी की व्यवस्था 
अगर बात बजट की करें तो आपके लिए इसके सबक बिल्कुल साफ है। आपको जीडीपी ग्रोथ को बढ़ावा देने के उपाय करने चाहिए और यह ध्यान रखना चाहिए कि जीडीपी ग्रोथ की मदद से लोगों के लिए नौकरियों के अवसर बने और गरीबों की आमदनी बढ़े।


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Content Writer

jyoti choudhary

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