मुंबई एयरपोर्ट की 74 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगा अडाणी समूह

punjabkesari.in Tuesday, Sep 01, 2020 - 12:09 PM (IST)

नई दिल्ली: अडाणी समूह मुंबई हवाईअड्डे में नियंत्रक हिस्सेदारी खरीदेगा। अरबपति उद्योगपति गौतम अडाणी की अगुवाई वाले समूह ने सोमवार को कहा कि वह करार के तहत मुंबई हवाईअड्डे में मौजूदा प्रवर्तक जीवीके समूह की हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगा। इसके अलावा वह छोटे भागेधारों की हिस्सेदारी भी खरीदेगा।

शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा गया है कि अडाणी समूह मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा लि़. (मायल) में जीवीके एयरपोर्ट डेवलपर्स लि. की 50.50 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के अलावा एयरपोर्ट्स कंपनी ऑफ साउथ अफ्रीका (एसीएसए) तथा बिडवेस्ट ग्रुप की 23.5 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण भी करेगा। इसके लिए उसे प्रतिस्पर्धा आयोग की स्वीकृति मिल गयी है। मायल में 74 प्रतिशत नियंत्रक हिस्सेदारी के अधिग्रहण के साथ अडाणी समूह देश का सबसे बड़ा निजी हवाईअड्डा परिचालक हो जाएगा।

समूह सरकार की ओर से निकाली गई निविदा में पहले ही छह गैर-महानगरों के हवाईअड्डों के परिचालन का अधिकार हासिल कर चुका है। देश के ज्यादातर हवाईअड्डों का परिचालन सार्वजनिक क्षेत्र का भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) करता है। सूचना में कहा गया है कि अडाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लि. (एएएचएल) ने मायल में जीवीके एयरपोर्ट डेवलपर्स लि. (एडीएल) के ऋणों ककी जिम्मेदारी लेने का करार किया है। इस ऋण को परस्पर सहमति वाली शर्तों के साथ इक्विटी में बदला जाएगा। दोनों कंपनियों ने अडाणी द्वारा ऋण के अधिग्रहण तथा इसे इक्विटी में बदलने की शर्तों का ब्योरा नहीं दिया है।

बंदरगाहों के बाद अब अडाणी समूह हवाईअड्डा क्षेत्र पर बड़ा दांव लगा रहा है। उसे विमानपत्तन प्राधिकरण-निर्मित छह गैर-महानगर हवाईअड्डों...लखनऊ, जयपुर, गुवाहाटी, अहमदबाद, तिरुवनंतपुरम और मेंगलूर के परिचालन का अधिकार मिल चुका है। अब समूह देश के दूसरे सबसे व्यस्त हवाईअड्डे के परिचालन का अधिकार हासिल करने जा रहा है। अडाणी समूह ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जबकि कोविड-19 महामारी की वजह से विमानन क्षेत्र पर ‘ब्रेक’ लग गया है। जीवीके के संस्थापक एवं चेयरमैन जीवीके रेड्डी ने कहा, ‘कोविड-19 महामारी से विमानन क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस महामारी से यह क्षेत्र कई साल पीछे चला गया है। इससे मायल की वित्तीय स्थिति भी प्रभावित हुई है।’

रेड्डी ने कहा, ‘इन परिस्थतियों में मायल की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए एक जल्द से जल्द एक वित्तीय रूप से मजबूत निवेशक लाने की जरूरत थी। जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर देश की एक अन्य बड़ी निजी क्षेत्र की हवाईअड्डा परिचालक है। जीएमआर दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे का परिचालन करती है। जीएमआर भी हवाईअड्डा कारोबार में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी टाटा समूह की अगुवाई वाले गठजोड़, सिंगापुर के सॉवरेन वेल्थ फंड जीआईसी की एक इकाई तथा एसएसजी कैपिटल मैनेजमेंट को बेचने जा रही है। गौतम अडाणाी (58) ने ट्वीट किया, ‘मुंबई सपनों का शहर है। यह हमारे लिए सम्मान की बात है कि हमें धरती पर सबसे शानदार महानगर के हवाई यात्रियों की सेवा करने का अवसर मिल रहा है।’

पिछले साल अक्टूबर में कर्ज के बोझ से दबे जीवीके समूह ने जीवीके एयरपोर्ट होल्डिंग्स में अपनी 79 प्रतिशत हिस्सेदारी अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (एडीआईए) तथा कनाडा के सार्वजनिक क्षेत्र पेंशन निवेश बोर्ड और सार्वजनिक क्षेत्र के राष्ट्रीय निवेश एवं संरचना कोष (एनआईआईएफ) को 7,614 करोड़ रुपये में बेचने के लिए करार किया था। इस राशि का इस्तेमाल जीवीके समूह को अपनी होल्डिंग कंपनियों का कर्ज चुकाने के लिए करना था। जीवीके ने कहा कि उसने एडीआईए, एनआईआईएफ तथा कनाडा के पेंशन कोष के साथ 7,614 करोड़ रुपये का निवेश करार रद्द कर दिया है। अडाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स की प्रवर्तक अडाणी एंटरप्राइज ने कहा कि वह मायल में निवेश करेगी, ताकि इसे जरूरी नकदी मिल सके। इसके अलावा वह नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के लिए वित्त का प्रबंध करने में मदद करेगी जिससे इसका निर्माण शुरू किया जा सके।

जीवीके समूह और एएएचएल में इस बात पर सहमति बनी है कि एएएचएल द्वारा जीवीके को ‘ठहराव’ की पेशकश की जाएगी। इसके अलावा वह जीवीके पावर एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर द्वारा कर्ज के लिए दी गई गारंटी को भी जारी करेगी। अडाणी समूह ने कहा जीवीके एडीएल के अधिग्रहण के बाद वह आवश्यक परंपरागत और नियामकीय मंजूरियां हासिल करने के लिए कदम उठाएगा, जिससे मायल में वह नियंत्रक हिस्सेदारी का अधिग्रहण कर सके। जीवीके ने शेयर बाजारों को अलग से भेजी सूचना में कहा है कि उसने अडाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लि. के साथ सहयोग की सहमति दी है। इसके तहत अडाणी समूह की कंपनी गोल्डमैन सैश की अगुवाई वाले गठजोड़ तथा एचडीएफसी सहित विभिन्न ऋणदाताओं से ऋण का अधिग्रहण करेगी। इस ऋण को परस्पर सहमति वाली शर्तों के तहत इक्विटी में बदला जाएगा।

अडाणी समूह ने मार्च, 2019 में साउथ अफ्रीकन कंपनी, बिडवेस्ट की 13.5 प्रतिशत हिस्सेदारी का 1,248 करोड़ रुपये में अधिग्रहण करने की सहमति दी थी। लेकिन जीवीके समूह ने पहले इनकार के अधिकार का हवाला देते हुए इस सौदे को रोक दिया था। हालांकि, जीवीके बिड सर्विसेज डिविजन मॉरीशस (बिडवेस्ट) की हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए और पैसा नहीं ला पाई और यह मामला अदालत में चला गया। वित्तीय दिक्कतों की वजह से जीवीके समूह अब अपनी हिस्सेदारी अडाणी समूह को बेचने के लिए सहमत हुआ है।

एसीएसए के पास मायल की 10 प्रतिशत हिस्सेदारी है। शेष 26 प्रतिशत हिस्सेदारी भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के पास है। यह सौदा ऐसे समय हुआ है जबकि पिछले महीने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने जीवीके समूह पर 705 करोड़ रुपये के कोष की गड़बड़ी का आरोप लगाया था। समूह पर आरोप लगाया गया था कि उसने मायल को सरकार द्वारा दी गई जमीन पर कार्यों के फर्जी अनुबंध किए जिससे सरकारी खजाने को 310 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।


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rajesh kumar

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