सरकार की चालाकी, यूरिया से बचाएगी 6000-7000 करोड़ की सबसिडी

punjabkesari.in Tuesday, Jun 06, 2017 - 10:21 AM (IST)

मुम्बई: सरकार ने यूरिया की खपत में कटौती का एक नया रास्ता ढूंढा है, जो वार्षिक 6000-7000 करोड़ रुपए की सबसिडी को बचाने में मदद कर सकता है। अगले 6 महीनों में सभी यूरिया बैग 50 की बजाय 45 किलो में उपलब्ध होंगे। उर्वरक मंत्रालय का मानना है कि इसके परिणामस्वरूप किसान अगर 2 बैग यूरिया जिसका वजन 90 किलो होगा, का प्रयोग करेंगे। इससे उपभोग के पैटर्न में एक महत्वपूर्ण बदलाव आएगा और महंगी यूरिया आयात में तेज गिरावट आएगी। सरकार ने 2017-18 में यूरिया आयात के लिए 14,000 करोड़ रुपए अलग रखे हैं।
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यूरिया कंसट्रक्शन प्लांट्स होंगे दोबारा शुरु
सरकार ने चालू वित्त वर्ष में उर्वरक सबसिडी के लिए 70,000 करोड़ रुपए का बजट दिया है और खजाने पर भारी बोझ को कम करने के लिए कई समाधान मांगे हैं। सूत्रों ने बताया कि कृषि मंत्रालय द्वारा किए गए विश्लेषण में यह संकेत दिया गया है कि यूरिया का उपयोग प्रति एकड़ 4-6 प्रतिशत तक कम हो गया है। अधिकारियों ने कहा कि यूरिया खपत में कुल कमी मिट्टी पोषक तत्व की 100 प्रतिशत नीम कोटिंग के कारण हो सकती है। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘एक निर्णय ने औद्योगिक गतिविधियों के लिए अत्यधिक सबसिडी वाले यूरिया का उतार-चढ़ाव बंद कर दिया है।’’ यद्यपि भारत ने 2016-17 में 24.2 मिलियन टन यूरिया का उत्पादन किया था लेकिन घरेलू मांग को पूरा करने के लिए उसे 8 मिलियन टन आयात करना पड़ा था। सरकार ने 2022 तक उत्पादन बढ़ाने के लिए बंद यूरिया निर्माण संयंत्रों को पुनर्जीवित करने के लिए काम शुरू कर दिया है ताकि उर्वरक आयात करने की कोई आवश्यकता न पड़े। 


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