यस बैंक से दीवान हाऊसिंग को दिया 3,000 करोड़ का कर्ज, बदले में राणा की कंपनी को मिले 600 करोड़

punjabkesari.in Monday, Mar 09, 2020 - 11:05 AM (IST)

मुम्बईः प्रवर्तन निदेशालय (ई.डी.) राणा कपूर परिवार की एक कंपनी डी.ओ.आई.टी. अर्बन वैंचर्स (इंडिया) प्राइवेट लि. द्वारा प्राप्त 600 करोड़ रुपए के कोष के मामले में कपूर, उनकी पत्नी बिंदू और बेटियां राखी कपूर टंडन, रोशनी कपूर और राधा कपूर के खिलाफ जांच कर रहा है।  
कंपनी को यह राशि दीवान हाऊसिंग फाइनैंस लि. (डी.एच.एफ.एल.) से जुड़ी इकाई से मिली थी। ये 600 करोड़ रुपए उस समय प्राप्त किए गए जब यस बैंक से 3,000 करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज दीवान हाऊसिंग को दिया गया था। यस बैंक ने दीवान हाऊसिंग में फंसे कर्ज (एन.पी.ए.) की वसूली को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की। ई.डी. को संदेह है कि 600 करोड़ रुपए की राशि रिश्वत का हिस्सा थी। दीवान हाऊसिंग के खिलाफ भी वित्तीय अनियमिततताओं को लेकर जांच जारी है।  

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पत्नी व 3 बेटियों की कंपनियों की तलाशी
प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार को मामले में अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए और जानकारी एवं सबूत जुटाने के वास्ते दिल्ली एवं मुम्बई में कपूर की 3 बेटियों के परिसरों की तलाशी ली। अधिकारियों के अनुसार, कपूर की पत्नी बिंदू और बेटियां राखी कपूर टंडन, रोशनी कपूर और राधा कपूर उन कंपनियों से जुड़ी हैं जिनमें ‘आपराधिक गतिविधियों’ का पता चला है।

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राणा ने कहा- 600 करोड़ रुपए उधार लिए थे
राणा कपूर ने अदालत को बताया कि डी.ओ.आई.टी. अर्बन वैंचर्स कंपनी उनकी दो बेटियों राधा कपूर और रोशनी कपूर के नाम है। उन्होंने बताया कि यस बैंक ने ‘ट्रिपल-ए’ रेटिंग वाली दीवान हाऊसिंग कंपनी को करीब 3,000 करोड़ रुपए का कर्ज दिया था और बाद में डी.ओ.आई.टी. अर्बन वैंचर्स कंपनी ने दीवान हाऊसिंग से करीब 600 करोड़ रुपए उधार लिए थे। राणा कपूर ने कहा कि डी.ओ.आई.टी. अर्बन वैंचर्स अब भी कर्ज चुका रही है और वह एन.पी.ए. नहीं है।

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उत्तर प्रदेश बिजली निगम में पी.एफ. धोखाधड़ी तक पहुंची जांच
केंद्रीय एजैंसी कुछ कॉर्पोरेट कंपनियों को कर्ज देने में राणा कपूर की भूमिका और इसके बाद उनकी पत्नी के खातों में रिश्वत की रकम डाले जाने के मामले की भी जांच कर रही है। उत्तर प्रदेश बिजली निगम में पी.एफ. धोखाधड़ी से संबंधित एक मामले समेत अन्य अनियमितताएं भी एजैंसी की जांच के घेरे में हैं।

सी.बी.आई. ने हाल ही में उत्तर प्रदेश में 2,267 करोड़ रुपए के कर्मचारी भविष्य निधि घोटाले की जांच हाथ में ली थी जहां बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों की गाढ़ी कमाई को दीवान हाऊसिंग फाइनैंस कॉर्पोरेशन (डी.एच.एफ.एल.) में निवेश किया गया था।


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jyoti choudhary

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