शून्य कोविड नीति : मई दिवस पर चीन में यात्रियों में 80 प्रतिशत की कमी दर्ज

punjabkesari.in Friday, May 06, 2022 - 05:20 AM (IST)

चीन सरकार की शून्य कोविड नीति के चलते इस बार मई दिवस पर एक जगह से दूसरी जगह पर यात्रा करने वालों की संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में 80 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। दरअसल मई दिवस को पूरे चीन में 3 दिनों की छुट्टी की घोषणा की जाती है। ऐसे में हर वर्ष चीनी लोग चीन के दूसरे क्षेत्रों में घूमने जाते हैं, कुछ तो निकटतम पड़ोसी देशों की सैर भी कर आते हैं। चीनी लोगों के पास जब से पैसा आना शुरू हुआ है वैसे ही उनकी आम जिंदगी में घूमने का शुमार बढ़ा है।

चीन के ट्रांसपोर्ट मंत्रालय का कहना है कि उन्हें पूरी उम्मीद थी कि इस वर्ष मई दिवस के दौरान 1 अरब लोग शनिवार से बुधवार के बीच यात्रा करने वाले हैं, लेकिन उनकी भविष्यवाणी गलत साबित हुई और यात्रा करने वालों की संख्या में 80 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। जिन 20 फीसदी लोगों ने इस दौरान यात्रा की वे भी अपने प्रांत से और अपने शहर से बाहर जाने की हिम्मत नहीं जुटा सके क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं नई जगहों पर यात्रा करने में उन्हें कोरोना हो गया तो उनकी जान को खतरा हो सकता है। इससे चीन की अर्थव्यवस्था को धक्का पहुंचा है।

चीन की अर्थव्यवस्था को इस तरह की सैर से आर्थिक लाभ भी बहुत होता है लेकिन इस वर्ष जब से चीन में कोविड के ओमीक्रोन वैरिएंट से शंघाई शनछन, चीलिन और दूसरे शहरों में जबरदस्त लाकडाऊन लगा है, तभी से लोगों पर ढेर सारी पाबंदियां भी लगा दी गई हैं। पिछले कुछ दिनों से राजधानी पेइचिंग के भी जिले लॉकडाऊन की गिरफ्त में हैैं, जिनमें छाओयांगमेन, फांगशान समेत एक अन्य जिले में भी लॉकडाऊन लगा दिया गया है। सिनेमा, जिम, शॉपिंग मॉल और दूसरी सार्वजनिक जगहों को भी बंद कर दिया गया है। 

30 अप्रैल, 2022 को चीन में 1500 नए कोरोना केस सामने आए। इसके अलावा 9000 असिम्पटोमैटिक केस भी दर्ज किए गए। चीन सरकार ने मई दिवस के दौरान लोगों को बिना कारण और छुट्टियों में घूमने के लिए बाहर जाने से मना किया और इस बारे में एक आदेश भी जारी किया था, ताकि कोरोना फैलने के इस दौर में लोग बिना कारण बाहर न निकलें और महामारी के संक्रमण से बचें। इस बार मई दिवस पर अधिकतर चीनियों ने अपने घरों में ही रहना ठीक समझा क्योंकि राजधानी पेइचिंग समेत कई शहरों में शॉपिंग माल, सिनेमा, पार्क सब कुछ बंद था। यूनिवर्सल स्टूडियोज द्वारा खोला गया थीम पार्क जिसे पिछले वर्ष खोला गया था उसे भी शून्य कोविड नीति के चलते पूरी तरह बंद रखा गया है। 

चीन में जब लोग घूमने निकलते हैं तो उनमें बाहर खाने की परम्परा है। लोग सैंकड़ों तरह के लजीज व्यंजन खाते हैं लेकिन इस बार सरकार ने किसी भी रेस्तरां को खोलने की इजाजत नहीं दी, जिसकी वजह से इस सैक्टर से जुड़े लोगों को बहुत नुक्सान उठाना पड़ा। कुछ रेस्तरां को सरकार ने इस शर्त के साथ खोलने की इजाजत दी कि वे लोग ग्राहकों को पार्सल दे सकते हैं, लेकिन कोई ग्राहक रेस्तरां के अंदर बैठकर नहीं खा सकता। चीन अभी तक अपनी शून्य कोविड नीति पर अड़ा हुआ है, जबकि दुनिया के दूसरे देशों ने अपने यहां नियमों में ढील दी है, ताकि बीमारी पर काबू भी पाया जा सके और अर्थव्यवस्था को सुचारू रूप से चलाया भी जा सके। चीन के शंघाई में सख्त लॉकडाऊन की वजह से वहां लोगों को बहुत नुक्सान उठाना पड़ा। इससे चीन की अर्थव्यवस्था को बहुत नुक्सान पहुंचा क्योंकि शंघाई न सिर्फ चीन की आर्थिक राजधानी है, बल्कि विनिर्माण का बहुत बड़ा केंद्र है। जहाजरानी और वित्त से जुड़ी बड़ी गतिविधियों का भी केंद्र है। 

राजधानी पेइचिंग में पिछले 9 दिनों में कोरोना के 250 नए केस सामने आए हैं, जिसे रोकने के लिए चीन सरकार ने शंघाई वाली सख्ती यहां भी लागू कर दी। पेइचिंग के क्षेत्रों में उन जगहों पर लॉकडाऊन लागू किया गया, जहां पर कोरोना केस पाए गए। जो लोग अभी कार्यालय और पर्यटन स्थलों पर जा रहे हैं, उन्हें कम से कम 48 घंटे पहले कोविड टैस्ट करवाना जरूरी कर दिया है। इसके साथ ही पेइङ्क्षचग में एक सप्ताह में 3 बार कोविड की जांच कराना बहुत जरूरी कर दिया गया है। छियानमेन में भी कोरोना के कारण बंद लागू कर दिया गया है, जिससे पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों पर खासा असर पड़ा है। इस क्षेत्र में सारे रेस्तरां बंद करने से इनका व्यवसाय 98 फीसदी खत्म हो गया है और जो 2 प्रतिशत बचा है वह इनका व्यवसाय चलाने के लिए काफी नहीं है। 

पहले से ही धीमी पड़ती चीनी अर्थव्यवस्था को मई दिवस पर होने वाली यात्राओं से बहुत उम्मीद थी लेकिन चीन सरकार की शून्य कोविड नीति के चलते देश में कई जगह लॉकडाऊन जारी है। सरकार की तरफ से जारी संदेश में लोगों से कहा गया है कि उन्हें इस समय यात्रा से परहेज करना चाहिए जिसके चलते लोग अपने घरों में ही कैद रहे। इससे न सिर्फ लोगों की मन:स्थिति पर बुरा असर पड़ा है, बल्कि चीन की अर्थव्यवस्था को भी बड़ा झटका लगा है।


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