‘अग्निपथ’ से पैदा युवा देश को बेहतर मुकाम पर ले जाने में सक्षम होंगे

punjabkesari.in Wednesday, Jun 15, 2022 - 04:51 AM (IST)

इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं कि आने वाला समय तो एशिया का है ही, लेकिन इसे लाने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। भारत की सकारात्मक भूमिका तभी रहेगी जब भारत एक सशक्त राष्ट्र के रूप में उभरेगा, जिसके लिए तमाम क्षमताओं का होना आवश्यक है, जिनमें सैन्य क्षमता एक महत्वपूर्ण पायदान है। 

भारत ने सीमित रूप से ही सही, आखिरी युद्ध कारगिल में 1999 में लड़ा था। कारगिल रिव्यू कमेटी के ढेर सारे सुझावों में एक महत्वपूर्ण सुझाव यह भी था कि सेना को युवा बनाया जाए। इस सुझाव पर गौर करके कुछ कदम उठाए गए, जिससे कमान अधिकारी की उम्र कुछ कम हुई लेकिन सख्त आवश्यकता के बावजूद सैनिकों के संबंध में यह किया जाना बाकी था। रक्षा बजट बढ़ तो रहा है लेकिन असीमित नहीं है। इसलिए आवश्यक है कि उपलब्ध रक्षा बजट का ठीक तरह से इस्तेमाल हो, जिससे सेना के आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित किया जा सके, क्योंकि भविष्य का युद्ध पूरी तरह से अलग किस्म का होगा। बजट का एक बड़ा हिस्सा तनख्वाह और पैंशन पर खर्च होता है।

भारत इस समय ‘यूथ बल्ज’ के दौर से गुजर रहा है। अगर हमने युवा वर्ग की इस क्षमता का सदुपयोग किया तो राष्ट्र विश्व की अगली कतार में खड़ा मिलेगा, लेकिन अगर यह क्षमता ऋणात्मक दिशा में गई तो भारत के भविष्य को एक भीषण झटका लगेगा।  आजादी के समय जब नैशनल कैडेट कोर (एन.सी.सी.) की स्थापना हुई तो इस बात पर काफी चर्चा हुई कि इसकी बागडोर किस संस्था को सौंपी जाए और इस जिम्मेदारी के लिए भारतीय सेनाओं को चुना गया। भारतीय सेनाएं तब से ही युवा वर्ग के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में लगी हैं। 

सरकार ने काफी मंथन के बाद ‘अग्निपथ’ स्कीम को जमीन पर उतारा है। इसके माध्यम से ढेर सारी जरूरतों को एक साथ पूरा करने की कोशिश की गई है।  इस तथ्य के बावजूद कि हर सोच में अच्छाइयों के साथ-साथ कुछ कमियां भी हो सकती हैं, जिनको समय के साथ-साथ सुधारा जा सकता है, कुछ विचारक इस नई महत्वाकांक्षी योजना में सिर्फ कमियां निकालने में लगे हैं। 
वैसे तो अग्निपथ स्कीम के विवरण सभी के सामने आ गए हैं और यह पता चल गया है कि अग्निवीर किस तरह से सेनाओं में शामिल होंगे तथा किस तरह से राष्ट्र की चुनौतियों में अपनी सकारात्मक भूमिका निभाएंगे। इनके माध्यम से क्या बदलाव होंगे, उन पर एक नजर डालने की आवश्यकता है। 

अग्निवीर पूरे राष्ट्र के हर वर्ग और हर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करेंगे और नए भारत के उभरने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। विश्वयुद्ध के दौर की ‘फिक्स्ड वर्ग’ की मानसिकता से बाहर आने का समय आ गया है। जो यूनिटें समग्र वर्ग के आधार पर बनी हैं, उन्होंने भी युद्ध व आंतरिक सुरक्षा में अभूतपूर्व योगदान दिया है, अत: अनावश्यक ङ्क्षचताओं को पीछे छोडऩे की आवश्यकता है तथा हमारी सेनाओं में शीघ्र ही पूरी तरह से समग्र वर्ग का प्रतिनिधित्व बहुत आवश्यक है, ताकि सेना में भर्ती योग्यता के आधार पर हो, न कि वर्ग विशेष के। समय के साथ-साथ जैसे-जैसे अग्निवीरों की संख्या बढ़ेगी, हम एक युवा सेना बना पाने में सफल होंगे। मौजूदा प्रोफाइल को 5 से 6 साल तक युवा होने की संभावना है। 

यद्यपि यह सही है कि हथियारों के पीछे का व्यक्ति सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है और इसलिए यह व्यक्ति पूरी तरह से योग्य पढ़ा-लिखा होना चाहिए, क्योंकि तभी वह मौजूदा व भविष्य के युद्ध की चुनौतियों से निपट पाएगा। आधुनिक तकनीक से लैस शस्त्रों को मौजूदा अग्निवीर तरीके से चला पाएंगे।  उनके अन्दर वह सोच होगी जिससे वे युद्ध की चुनौतियों को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे और उन्हें हल कर पाएंगे। 

अग्निपथ स्कीम का एक सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इससे सेनाओं में एक बहुत बड़ा गुणात्मक सुधार होगा। चूंकि शुरूआती दौर में शामिल लोगों में से केवल 25 प्रतिशत का चयन होगा, इससे एक तरफ इसमें शामिल होने के लिए स्पर्धा बढ़ेगी तो दूसरी तरफ चयनित व्यक्ति भविष्य की सेना के लिए ज्यादा उपयुक्त होंगे।  इस तरह व्यक्ति व संस्था दोनों की क्षमता में गुणात्मक सुधार होगा। 

जो अग्निवीर 25 प्रतिशत का हिस्सा बन कर पुन: सेनाओं में शामिल होंगे उनमें विकसित देशों के एन.सी.ओ. जैसी योग्यता होगी और इस तरह हमारी कनिष्ठ लीडरशिप में एक अभूतपूर्व उछाल होगा, जो युद्ध के साथ-साथ आंतरिक उलझनों में भी अच्छा काम करेगा। हम एक ऐसी सेना का विकास कर पाएंगे जो विश्व के सामने एक मिसाल बनकर उभरेगी। सेनाओं के लिए उपयोगी यह योजना राष्ट्र के हित के लिए बहुत बड़ा काम करेगी। चार वर्ष सैन्य जीवन में बिताने के बाद ये युवा जिस भी क्षेत्र में काम करेंगे, उसमें बहुत प्रभावी होंगे। इस तरह एक सशक्त देश के निर्माण में बहुत मदद मिलेगी। 

अग्निपथ स्कीम से तनख्वाह एवं पैंशन पर होने वाला खर्च भी बचेगा, जिसका बेहतर उपयोग सेनाओं के आधुनिकीकरण के लिए हो सकता है। यद्यपि सरकार ने अग्निवीरों के हितों का ध्यान रखने के लिए तमाम  प्रावधानों को शामिल किया है, जिनमें सेवा निधि की स्थापना तथा स्किल विकास प्रमुख हैं। समय के साथ-साथ चुनौतियां उभर सकती हैं और भारतीय सेनाएं और भारत देश इन चुनौतियों से निबटने में सक्षम होगा। 

स्कीम के सारे पहलुओं पर गौर करें तो ज्यादातर लोग उपयुक्त जगहों पर काम पाएंगे। अगर कुछ लोग सरकारी नौकरी नहीं भी ले पाए, तो भी इतना सशक्त होंगे कि पूर्ण बेरोजगारी से बेहतर स्थिति में होंगे। इस मुद्दे से संबंधित चिंताओं को भी समय के साथ-साथ सुलझा लिया जाएगा। अग्निपथ जहां एक तरफ सम्पूर्ण भारतवर्ष का प्रतिनिधित्व करने के साथ-साथ भीषण गुणात्मक सुधार करता है, वहीं देश के युवाओं में एक ऐसा वर्ग पैदा करता है, जो भारत को एक नए और बेहतर मुकाम पर ले जाने में सक्षम होंगें।-मे.जन. अशोक कुमार (रिटा.)


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