तुम केवल एक महिला हो...
punjabkesari.in Sunday, Sep 26, 2021 - 05:08 AM (IST)
जो व्यक्ति अभी मरा था वह मोतियों जड़े गेट की ओर सीढिय़ां चढऩे लगा लेकिन एक खूबसूरत परी ने उसे रोक दिया, ‘‘श्रीमान जी, इस ओर नहीं।’’ ‘‘मगर यहां लिखा है कि स्वर्ग के द्वार यहीं ऊपर हैं।’’ खूबसूरत परी ने उसे रास्ता दिखाते हुए कहा, ‘‘उन लोगों के लिए जिन्होंने वहां प्रवेश करने का अधिकार प्राप्त किया है।’’ व्यक्ति ने गुस्से से परी की ओर देखते हुए कहा, ‘‘मेरे पास है।’’
‘‘श्रीमान जी, मुझे ऐसा नहीं लगता, क्या आप नरक के द्वारों की ओर जाते दूसरे रास्ते की ओर मुड़ेंगे?’’
‘‘क्या? तुम क्या सोचती हो कि तुम कौन हो?’’
‘‘भगवान की एक परी!’’
व्यक्ति ने तिरस्कारपूर्वक कहा, ‘‘तुम केवल एक महिला हो।’’
‘‘तो?’’
व्यक्ति चिल्लाया, ‘‘मुंह बंद रखो।’’
‘‘क्या?’’
‘‘मैंने कहा मुंह बंद रखो।’’
‘‘मगर श्रीमान जी ऐसा क्यों?’’
स्वर्ग के दरवाजे के बाहर खड़ा वह व्यक्ति चिल्लाया, ‘‘क्योंकि तुम एक महिला हो और यदि अब तुम एक परी भी हो तो महिलाएं पुरुषों के साथ ऐसे बात नहीं करतीं।’’
खूबसूरत परी ने कहा, ‘‘श्रीमान जी यही कारण है कि आपको यहां से दूसरी ओर मोड़ा जा रहा है। धरती पर आपने महिलाओं के साथ अपने पालतू कुत्तों से भी बुरा व्यवहार किया है। आपकी पत्नी...’’
व्यक्ति ने पूछा, ‘‘क्या वह शिकायत कर रही है?’’
‘‘शिकायत नहीं लेकिन हर रोज प्रार्थना करती है कि आप अपना तरीका बदल लें लेकिन अपने हाथ में पवित्र पुस्तक पकड़ कर आपने उससे कहा कि आप उसके मालिक हैं और जब आपको लगा कि वह प्रभावित नहीं हुई तो आपने यहां तक कि अपने घूंसे का भी इस्तेमाल किया...’’
‘‘हां मैंने किया...’’
‘‘उसे मारने के लिए? उस घूंसे का इस्तेमाल उन उद्देश्यों की बजाय ऐसे कार्यों के लिए अधिक किया गया जो उसे करना चाहिए था। आपको उसे चोट पहुंचाना याद है न, है न श्रीमान?’’
‘‘वह मेरा कहना नहीं मानती। कई बार मैं उसे चौंकाने के लिए अचानक घर पहुंच जाता और उसे सोए हुए पाता था।’’
‘‘बेचारी थकी हुई महिला आपके द्वारा कहे हुए शब्दों के मुकाबले जिस तरह का जीवन वह जी रही थी उसके माध्यम से वह कहीं अधिक आत्माओं को जीत सकती थी। क्या आपने कभी परमात्मा को पुरुषों द्वारा पाप करने के बावजूद उन्हें पीटते सुना है?’’
‘‘हम पुरुष हैं।’’
‘‘ओह, हां मैं भूल गई थी। मगर सभी कारणों से आप संभवत: स्वर्ग को रहने के लिए कठिन पाएंगे, यहां पुरुष तथा महिलाएं बराबर हैं।’’
‘‘मैं इसके साथ तालमेल नहीं बिठा सकता।’’
‘‘बहुत देर हो गई श्रीमान जी, बहुत देर। सभी बराबर हैं।’’
और स्वर्ग के दरवाजे से एक महिला के चिल्लाने की आवाज आई, ‘‘यह मेरा पति है, इसे भीतर आने दें।’’
खूबसूरत परी ने कहा, ‘‘यह तुम्हारी पत्नी है? अभी भी यह आपसे प्रेम करती है। मगर वह एक ऐसे व्यक्ति से बेहतर व्यवहार की आशा करती है जो उसे अपनी गुलाम समझता है। ओह, लो आ गया आपको लेने आपका मित्र शैतान। जैसे आपने अपनी पत्नी को पीटा नरक में वैसी ही यातनाएं आपका इंतजार कर रही हैं।’’दूर की कौड़ी-राबर्ट क्लीमैंट्स