महिला सशक्तिकरण : ‘पंजाब मॉडल’ के बुनियादी सिद्धांत

punjabkesari.in Tuesday, Jan 04, 2022 - 05:21 AM (IST)

मौसमी लीडर द्वारा चुनावों के दौरान बहुत कुछ मुफ्त देने के ऐलान करना सामान्य बात है। सत्ता की लालची राजनीतिक पाॢटयों का उद्देश्य हर वर्ग के वोटरों को जुमलों से खुश करना होता है। इसके अतिरिक्त आधी आबादी होने के नाते महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए भी बहुत से वायदे किए जाते हैं। मगर इन दावों तथा वायदों के बावजूद हमारे समाज में महिला-पुरुष असमानता बहुत अधिक है। 

हमारे देश तथा समाज में घर को सही मायनों में घर बनाने वाले वर्ग अर्थात महिलाओं के योगदान को कभी भी मान्यता नहीं दी गई। हमारे समाज में आज भी 70 प्रतिशत पढ़ी-लिखी लड़कियां पेशेवर या कौशल प्रवृत्त शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाती हैं। पंजाब की केवल 1.8 प्रतिशत जमीन ही महिलाओं के नाम है। लड़कियों के स्कूल तथा कालेज छोडऩे की दर लड़कों से बहुत अधिक है। 

21वीं शताब्दी में बेशक हमारा समाज बहुत आगे बढ़ा है मगर अभी भी बहुत कुछ हासिल करना बाकी है। सामान्य तौर पर महिलाएं अपनी बुनियादी तथा महत्वपूर्ण आर्थिक भूमिकाओं के बावजूद आर्थिक तथा सामाजिक तौर पर न होने जैसा जीवन जीती हैं। राजनीति में मेरे 17 वर्ष के अनुभव के आधार पर मैंने महसूस किया है कि ऐसी असमानता के दो कारण हैं। पहला-सशक्तिकरण के कारणों में राजनीतिक इच्छाशक्ति तथा समझ के अभाव के कारण योजनाएं लागू करने में कमी है। दूसरा, बहुत कम राजनीतिज्ञों ने कोई ऐसा सम्पूर्ण रोड मैप दिया है जिसका उद्देश्य आधी आबादी को पूर्ण अधिकार देना हो। 

महिला सशक्तिकरण के लिए एक सम्पूर्ण अधिकार देने वाली पहुंच होनी लाजमी है, जो योग्यता की कद्र करे, मयारी, कौशल प्रवृत्त शिक्षा प्रदान करे, महिलाओं के लिए शिक्षा को प्रोत्साहित करे, बराबरी वाले सामाजिक अधिकारों को उत्साहित करे, उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने वाला माहौल बनाए  तथा नौकरी खोजने वालों की बजाय नौकरी पैदा करने वाले और उद्यमी पैदा करने का लक्ष्य रखती हो। ऐसी पहुंच जो महिलाओं के नेतृत्व में मयारी मानवीय साधनों की एक ऐसी ऊर्जा पैदा करने की क्षमता रखती हो जो पंजाब की पुरानी शान पुनर्जीवित कर सके। 

गत 25 वर्षों में बादलों तथा कैप्टन की मनमर्जियों ने सोने जैसी पंजाब की धरती को ऐसे गंभीर संकट में पहुंचा दिया है कि किसी समय देश का सबसे खुशहाल राज्य अब सबसे अधिक कर्जाई राज्य बन गया है। खुदमुखत्यार स्वभाव का मालिक पंजाब पिछले कई दशकों से माफिया राज के कब्जे में है, प्रतिस्पर्धी बाजार कुछ परिवारों के नियंत्रण वाले अजारेदारों के हाथों में है तथा सामान्य व्यक्ति की भलाई तथा जीवन स्तर की कीमत पर राज्य के स्रोतों की खुली लूट हो रही है। 

विकास का ‘पंजाब माडल’: पिछले कई सालों से राजनीतिक अनुभव तथा पंजाब की अथाह क्षमता तथा यहां के प्राकृतिक स्रोतों के अध्ययन के बाद मेरे द्वारा तैयार किए गए विकास के ‘पंजाब माडल’ का उद्देश्य राज्य के साधनों से आय के रुख पंजाब के खजाने की ओर मोडऩे तथा लोगों के पैसे को राज्य के खजाने में वापस लाकर इसे कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति की भलाई पर खर्च करना है। ‘पंजाब माडल’ के विशाल उद्देश्य अंतर्गत ही माफिया की जेबों से धन निकलवाना तथा महिला समाज के सशक्तिकरण में निवेश करना है ताकि उनको वे अधिकार दिए जा सकें जिनकी वे हकदार हैं तथा उन्हें अपने पैरों पर खड़े होने और आगे बढ़कर नेतृत्व करने के योग्य बनाया जाए। 

स्थानीय सरकारों बारे मंत्री होने के नाते हमारी सरकार ने पंचायतों तथा शहरी स्थानीय संस्थाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए लड़ाई लड़ी, जिसके लिए इन संस्थाओं में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का बिल पास किया गया था। कांग्रेस सरकार ने पहले ही सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित रखी हुई हैं। 

बढ़ती महंगाई ने सभी परिवारों को इतना प्रभावित किया है कि वे अपनी सीमित आय में अपने खर्चे चलाने के योग्य नहीं हैं। ‘पंजाब माडल’ के अंतर्गत हम घर चलाने में मदद के तौर पर हर गृहिणी को 2000 रुपए प्रति महीना मानदेय भत्ता तथा 8 एल.पी.जी. सिलैंडर हर साल देंगे। इसके अंतर्गत महिलाओं के नाम पर जमीन/जायदाद की रजिस्ट्री करवाने पर कोई रजिस्ट्रेशन, स्टैम्प ड्यूटी व कोर्ट फीस नहीं ली जाएगी। 

शहरी रोजगार गारंटी मिशन में 33 प्रतिशत जॉब कार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे। बहुत-सी महिलाएं खेत-मजदूरों के तौर पर काम करती हैं मगर उनको मनरेगा का लाभ नहीं मिलता। मैं भरोसा दिलाता हूं कि ‘पंजाब माडल’ के अंतर्गत छोटे खेतों में खेत मजदूरों के तौर पर काम करने वाली सभी महिलाओं को मनरेगा के तहत मजदूरी मिलेगी। 

आधुनिक दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए 21वीं शताब्दी में लड़कियों की डिजिटल शिक्षा तक पहुंच होनी लाजमी है तथा लड़कियों की शिक्षा को उत्साहित करने के लिए ‘पंजाब माडल’ यह सुनिश्चित बनाएगा कि सभी लड़कियों को 12वीं (पांचवीं कक्षा पास करने के अवसर पर 5000 रुपए, 8वीं पास करने पर 10,000 रुपए, 10वीं पास करने पर 15,000 रुपए, 12वीं कक्षा पास करने पर 20,000 रुपए) तक नियमित वित्तीय प्रोत्साहन मिलेगा। 11वीं कक्षा में डिजिटल टैबलेट, कालेज के विद्यार्थियों के लिए वजीफा तथा विदेशों में उच्च शिक्षा/पीएच.डी. करने की इच्छुक लड़कियों के लिए ब्याजमुक्त कर्ज उपलब्ध करवाए जाएंगे। आने-जाने की समस्या समाप्त करने तथा शिक्षण संस्थाओं तक लड़कियों की पहुंच बनाने के लिए कालेज जाने वाली हर छात्रा को एक-एक इलैक्ट्रॉनिक स्कूटी भी  दी जाएगी। 

पंजाब के हर जिले में महिलाओं के लिए एक विशेष कौशल केंद्र स्थापित किया जाएगा जो हमारी लड़कियों को सिखलाई तथा रोजगारोन्मुखी कौशल प्रदान करेगा। आज महिलाएं उद्यमी बनना चाहती हैं मगर उनके पास मजूबत वित्तीय आधार नहीं है। ‘पंजाब माडल’ के अंतर्गत इसके लिए हर महिला, जो अपना कारोबार शुरू करना चाहती है, घर से लेकर बड़े स्तर के उद्योग तक, को अलग ‘सिंगल विंडो’ प्रणाली के माध्यम से 2 से 16 लाख रुपए तक का ब्याज तथा सिक्योरिटीमुक्त कर्ज मिलेगा।महिलाओं की सुरक्षा हमारी सरकारों तथा समाज का प्रमुख कत्र्तव्य है। ‘पंजाब माडल’ के अंतर्गत पंजाब के हर गांव तथा शहर में महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक ‘विशेष महिला कमांडो बटालियन’ बनाई जाएगी। 

विश्व की सबसे बड़ी संभावना सुधार करने की होती है। ‘पंजाब माडल’ हर तरह की असमानता को मिटाने, महिलाओं को हमारी अर्थव्यवस्था की हिस्सेदार बनाने तथा उनको सम्मान से सिर उठाकर बराबरी से खड़े होने के लिए स्वाभिमान देने के लिए पूरी दृढ़ता से वचनबद्ध है।-नवजोत सिंह सिद्धू अध्यक्ष, पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी


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