कांग्रेस में अभी उथल-पुथल जारी यह सिलसिला कब थमेगा!

punjabkesari.in Friday, May 20, 2022 - 04:33 AM (IST)

किसी समय ‘ग्रैंड ओल्ड पार्टी’ कहलाने वाली कांग्रेस आज आपसी कलह और लगातार चुनावी पराजयों के कारण न सिर्फ हाशिए पर आ गई है बल्कि पार्टी के वरिष्ठ नेता भी इसका साथ छोड़ते जा रहे हैं। कांग्रेस की इसी स्थिति को देखते हुए गत सप्ताह राजस्थान के उदयपुर में 3 दिवसीय ‘नव संकल्प चिंतन शिविर’ का आयोजन करके कांग्रेस नेतृत्व ने पिछली भूलों को सुधारने की दिशा में प्रयास करने का संकेत दिया। 

इसी शृंखला में इस शिविर में एक परिवार के एक ही सदस्य को टिकट देने, किसी व्यक्ति के पद पर रहने की अवधि भी 5 वर्ष तय करने आदि के कुछ अच्छे निर्णय भी लिए गए। इसी बीच शिविर के दौरान तथा इसके बाद के 4-5 दिनों के भीतर ही कांग्रेस में भारी उथल-पुथल के संकेत मिले हैं। इसका पहला संकेत शिविर के दौरान ही मिला जब पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया। 

नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने के लिए पार्टी हाईकमान ने सुनील जाखड़ को उनके पद से हटा दिया था। कैप्टन अमरेंद्र सिंह को हटाने के बाद सुनील जाखड़ को मुख्यमंत्री बनाने की तैयारी थी परंतु अंबिका सोनी द्वारा ‘सिख स्टेट सिख सी.एम.’ का तर्क देकर इस पर पानी फेर देने से सुनील जाखड़ नाराज चले आ रहे थे। 

सुनील जाखड़ को राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान चरणजीत सिंह चन्नी के बारे में बयान देने पर भी कांग्रेस ने नोटिस भेजा था, जिसका उन्होंने  उत्तर नहीं दिया और 5 दिन बाद ही भाजपा का दामन थाम लिया तथा कहा कि‘‘कांग्रेस ने राष्ट्रीयता और पंजाब के भाईचारे को तोडऩे की कोशिश की है। यह रिश्ता किसी व्यक्ति के कारण नहीं, सिद्धांतों के कारण टूटा।’’ 

18 मई को कांग्रेस में उथल-पुथल का दूसरा संकेत उस समय मिला जब हार्दिक पटेल ने गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष पद और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और दावा किया कि : 

‘‘चाहे अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का मामला हो या जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाने अथवा जी.एस.टी. लागू करने जैसे लम्बे समय से समाधान का इंतजार कर रहे महत्वपूर्ण मुद्दों का, कांग्रेस पार्टी ने इनकी राह में केवल ‘रोड़े ही अटकाए’ और ‘हर चीज का सिर्फ विरोध ही किया’।’’ 

कांग्रेस को सबसे बड़ी जातिवादी पार्टी करार देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अपनी गुजरात यात्रा के दौरान राहुल गांधी राज्य के एक भी मुद्दे पर बात नहीं करते। पार्टी के शीर्ष नेताओं का ध्यान अपने मोबाइल में लगा रहता है और गुजरात कांग्रेस के नेता उनके लिए ‘चिकन सैंडविच’ तथा ‘डाइट कोक’ का प्रबंध करने में लगे रहते हैं। जब कभी भी कांग्रेस को नेतृत्व की आवश्यकता होती है, इसके नेता विदेशों में मजे कर रहे होते हैं।’’ 

‘‘गुजरात में पार्टी के बड़े नेता अपने निजी लाभ के लिए बिक गए हैं।  कांग्रेस के नेतृत्व का बर्ताव उपेक्षापूर्ण तथा गुजरातियों के साथ नफरत वाला है। कांग्रेस का कोई दृष्टिïकोण नहीं है। यह फायदे के लिए लोगों का इस्तेमाल करती है। जब पार्टी में कोई आवाज उठाता है तो उस पर आरोप लगाने का सिलसिला शुरू हो जाता है।’’

कांग्रेस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आज कांग्रेस को देश के लगभग प्रत्येक राज्य में नकार दिया गया है। इसका नेतृत्व लोगों के लिए बुनियादी रोडमैप पेश करने में विफल रहा है तथा मुझे संगठन में कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी गई।’’ 

19 मई को कांग्रेस पार्टी को एक और आघात तब लगा जब ‘रोड रेज’ के 34 वर्ष पुराने केस में सुप्रीमकोर्ट ने पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को जुर्माना तथा एक वर्ष बामशक्कत कैद की सजा सुना दी। दिसम्बर,1988 में पटियाला में गुरनाम सिंह नामक बुजुर्ग के साथ कार पार्किंग को लेकर बहस के दौरान हाथापाई की घटना के बाद गुरनाम सिंह को अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई थी। पटियाला पुलिस ने सिद्धू और उनके मित्र के विरुद्ध गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था। 

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने 2006 में सिद्धू को 3 वर्ष कैद की सजा सुनाई थी जिसे सिद्धू ने सुप्रीमकोर्ट में चुनौती दी तो सुप्रीमकोर्ट ने 2018 में उन्हें 1000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
पीड़ित पक्ष ने इसके विरुद्ध पुनर्विचार याचिका दायर की। इसी पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीमकोर्ट ने सिद्धू को सजा सुनाई है। हालांकि इससे पहले भी कांग्रेस में लोग पार्टी छोड़ गए हैं परंतु नवीनतम घटनाक्रम में सुनील जाखड़ और हार्दिक पटेल द्वारा पार्टी छोडऩा इसमें जारी उथल-पुथल के ही संकेत हैं। 

बहरहाल, ङ्क्षचतन शिविर में पार्टी नेतृत्व ने जी-23 नाम से जाने जाते पार्टी के असंतुष्ट नेताओं को आमंत्रित करके उनकी नाराजगी को दूर कर दिया है जिन्होंने कहा है कि कांग्रेस नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेगी, परंतु पार्टी में असंतोष जारी है। अत: पार्टी का नई ऊर्जा के साथ आगे बढऩा कब शुरू होगा, इसका उत्तर भविष्य के गर्भ में है।—विजय कुमार 


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