‘राहुल’ में बहुत गहराई है-प्रियंका गांधी

punjabkesari.in Monday, Dec 05, 2022 - 03:37 AM (IST)

कुछ हफ्तों पहले सोशल मीडिया पर प्रियंका गांधी का एक अंग्रेजी वीडियो जारी हुआ। उसमें उन्होंने अपने भाई राहुल गांधी के व्यक्तित्व के बारे में काफी कुछ कहा। उनके इस वक्तव्य से राहुल गांधी के व्यक्तित्व की अनेक उन बातों का पता चला जिनकी चर्चा कभी एकतरफा हो चुके मीडिया ने नहीं की। इन दिनों जब राहुल की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ काफी चर्चा में है, तो पाठकों के साथ इस वीडियो का जिक्र करना उचित होगा। 

प्रियंका गांधी अपने भाई को अपना सबसे करीबी मित्र बताते हुए अपने बचपन को याद करती हैं। किस तरह उनका बचपन दर्दनाक हादसों और हिंसा का साक्षी रहा। इन दोनों ने अपनी दादी इंदिरा गांधी को दूसरी मां के रूप में पाया। 1984 में इंदिरा जी की हत्या के समय राहुल की उम्र मात्र 14 साल की थी। वे कहती हैं कि चार जनों के एक छोटे परिवार के पारस्परिक स्नेह ने ही उनको सभी कठिनाइयों का सामना करने की ताकत दी। 

1991 में जब राजीव गांधी की हत्या हुई तो राहुल विदेश में पढ़ रहे थे। इस निर्मम हत्या कांड ने बहन-भाई को झकझोर कर रख दिया था। उस कठिन समय में भी राहुल ने प्रियंका से कहा कि ‘उनके मन में किसी तरह का गुस्सा नहीं है।’ राहुल को अक्सर उनके मुक्त विचारों के लिए विपक्ष से निंदा का सामना करना पड़ता है। उनके साहस का मजाक उड़ाया जाता रहा। इसके बावजूद वे कभी भी क्रोधित नहीं हुए और न ही अपने अंदर किसी के प्रति घृणा को उत्पन्न होने दिया। विपक्ष द्वारा हर रोज उन्हें पप्पू कहकर अपमानित किया जाता रहा, उनकी पढ़ाई-लिखाई पर सवाल उठाए गए। सवाल भी उन लोगों ने उठाए जिनके बड़े-बड़े नेता भी अपने पढ़े-लिखे होने का सही प्रमाण आज तक नहीं दे पाए। 

प्रियंका कहती हैं कि ‘‘बावजूद इस सबके राहुल ने सूझबूझ और हिम्मत दिखा कर विपक्षी नेताओं को गले लगाने का साहस भी दिखाया। बहुत कम लोग जानते हैं कि राहुल ने धार्मिक किताबें भी पढ़ी हैं। फिर वह चाहे हिंदू, इस्लाम, बौद्ध या ईसाई धर्म की किताबें हों। राहुल ने वेद, शैव और उपनिषदों को जानने का भी प्रयास किया है।’’

अपने निजी जीवन में वे एक साधारण व्यक्तित्व वाले आम इंसान हैं। प्रियंका याद करते हुए बताती हैं कि ‘‘एक दिन जब वे उनके घर गईं तो वे अपनी अलमारी की सफाई कर रहे थे। प्रियंका के पूछने पर राहुल ने बताया कि वे अपने सामान को केवल दस वस्तुओं में समेट रहे हैं। वे बताती हैं तब से राहुल के पास न तो उन दस वस्तुओं से अधिक कुछ है न ही उससे अधिक रखने की इच्छा है।’’ किसी ने कभी राहुल गांधी को महंगे कपड़े या चश्मे पहने नहीं देखा होगा। 

राहुल जापानी आत्मरक्षा ‘आइकीडो’ में ‘ब्लैक बैल्ट’ हासिल कर चुके हैं। साथ ही वे अपने पिता की ही तरह एक योग्य पायलट भी हैं। प्रियंका के इस वीडियो को देख कर राहुल गांधी के बारे में बहुत कुछ ऐसा पता चला जो शायद देश के ज्यादातर लोगों को पता नहीं होगा। सोचा क्यों न इसे व्हाट्सएप पर अपने साढ़े सात हजार संपर्कों को भी भेजा जाए। इस पर बहुत सारी रोचक प्रतिक्रियाएं आईं। अधिकतर लोगों का कहना था कि राहुल गांधी अपने पिता की तरह एक साफ दिल इंसान हैं। उनके व्यक्तित्व में झूठ बोलने या अपने बारे में बढ़-चढ़ कर दिखावा करने की प्रवृत्ति नहीं है। पर इन टिप्पणियों के साथ ही कई टिप्पणियां ऐसी भी आईं जिन में कहा गया कि राहुल गांधी एक अच्छे इंसान तो हैं पर कुशल राजनेता नहीं हैं। कुछ की राय यह थी कि राहुल गांधी को नाहक राजनीति में धकेला जा रहा है। 

प्रश्न है कि देश की राजनीति में सत्ताधारी भाजपा को मिलाकर कितने नेता ऐसे हैं जिनका व्यक्तित्व राहुल गांधी के निकट भी हो। बहुत से अपराधी, बलात्कारी, माफियाओं और कम पढ़े-लिखे लोगों को चुनने वाली इस देश की जनता के लिए क्या राहुल गांधी इतने बेकार हैं कि उन्हें राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए? लोकतंत्र में अगर समाज विरोधियों की भूमिका है, तो राहुल गांधी जैसे व्यक्ति की क्यों नहीं हो सकती? 

दिन-रात एक ही दल और उसके नेता की चारण भाटों की तरह प्रशंसा और गुणगान करने वाला मीडिया आज राहुल गांधी की इतनी सफल ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पर कोई विस्तृत रिपोॄटग नहीं कर रहा। भारत जोड़ो यात्रा’ की समाप्ति के बाद राहुल गांधी राजनीति में क्या हासिल कर पाएंगे यह तो भगवान या इस देश के मतदाता ही जानते हैं। पर इस लंबी यात्रा में चल कर और आम जनता से घुल-मिल कर राहुल गांधी ने वह प्राप्त किया है जो भारत के सैंकड़ों वर्षों के इतिहास में किसी ने प्राप्त नहीं किया। क्योंकि उन्होंने ऐसी हिम्मत ही नहीं दिखाई।-विनीत नारायण
 


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