भाजपा के प्रति देश की जनता का विश्वास लगातार प्रगाढ़ हुआ

punjabkesari.in Sunday, Jul 24, 2022 - 06:20 AM (IST)

पिछले दिनों हैदराबाद में संपन्न पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी ने कहा कि अगले 30-40 वर्षों तक भाजपा का युग रहेगा और तब जाकर भारत विश्वगुरु बनेगा। उन्होंने पूरे विश्वास के साथ कहा कि तेलंगाना और पश्चिम बंगाल समेत उन सभी राज्यों में भी भाजपा की सरकारें बनेंगी, जहां पार्टी अभी तक सत्ता से दूर है।

विपक्ष को भले अगले 30-40 वर्षों तक भाजपा का युग वाली बात असंभव-सी दिखाई देती हो, लेकिन उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि कठिन परिश्रम और मजबूत कैडर के दम पर 2014 से भाजपा सफलता की सीढिय़ां लगातार चढ़ती गई है। 300 प्लस का नारा अब हकीकत बन चुका है। 

भाजपा के इस विजय रथ को रोकने के लिए कोई विपक्ष दूर-दूर तक दिखाई नहीं पड़ता। कुछ माह पूर्व, उत्तर प्रदेश के रामपुर और आजमगढ़, इन 2 मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में लोकसभा उपचुनाव हुए। इन दोनों सीटों को कभी समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता था और इसके पीछे मुस्लिम-यादव समीकरण सामने रखा जाता था, लेकिन भाजपा ने उसे ध्वस्त करते हुए दोनों जगहों पर कमल खिला दिया। इस जीत का संदेश स्पष्ट है कि अब जातिवाद, परिवारवाद या एक तबके का तुष्टीकरण करने वाली पाॢटयों का युग समाप्त हो चुका है। 

यह सत्य है कि दक्षिण भारत में भाजपा उस तरह पहुंच नहीं बना पाई, जैसे उत्तर और उत्तर-पूर्व भारत में। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के दौरान आंध्र प्रदेश के भीमावरम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सार्वजनिक रैली और हैदराबाद में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा जी के भव्य रोड शो को मिले अपार जनसमर्थन ने स्पष्ट कर दिया कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे दक्षिण भारत की जनता का रुझान भाजपा के प्रति बढ़ चुका है और वहां की जनता सत्ता परिवर्तन को आतुर है। एक समय पूर्वोत्तर भारत में भी भाजपा की पहुंच न के बराबर थी। 2014 के लोकसभा चुनाव के साथ भाजपा की जो विजय यात्रा शुरू हुई उसके परिणामस्वरूप 2019 में देश के 18 राज्यों में भाजपा का विस्तार हो गया। ‘लुक ईस्ट’ के बाद 2024 से पहले अब ‘लुक साऊथ’ नीति पर फोकस करने का भाजपा का लक्ष्य है। 

राष्ट्रीय कार्यकारिणी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 8 साल पहले देश में निराशा, नकारात्मकता, भ्रष्टाचार और पॉलिसी पैरालिसिस का माहौल था, लेकिन जब देश की जनता ने भाजपा में अपना विश्वास जताते हुए उसकी सरकार बनाई तो उसके बाद से देश में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला। हमने जनता के भरोसे को टूटने नहीं दिया। आज हमारी सरकार की पहचान है पी2जी2, अर्थात प्रो-पीपुल, प्रो-एक्टिव गुड गवर्नैंस। 

कार्यकत्र्ताओं को जीत का मंत्र देते हुए उन्होंने कहा आज का भारत तुष्टीकरण के कालखंड से आगे बढ़ कर तृप्तिकरण के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है। हमारा लक्ष्य स्पष्ट है। हमें आने वाली पीढिय़ों को आज से बेहतर भविष्य देना है, आज से बेहतर जीवन देना है। प्रधानमंत्री ने समाज के सभी वर्गों तक पहुंचने के लिए पार्टी के सदस्यों से ‘स्नेह यात्रा’ करने की बात भी कही, जिसके जरिए दलित और आदिवासी समुदाय के साथ आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े समाज को भी पार्टी जोड़ेगी। भाजपा पसमांदा मुसलमान से भी संवाद करेगी और केंद्र सरकार की गरीब कल्याण योजनाओं के बारे में जानकारी देगी। 

यह सत्य है कि सत्ता से बाहर होने पर कई पाॢटयों के लिए अस्तित्व का संकट खड़ा हो जाता है, लेकिन भाजपा जिन राज्यों में दशकों तक सत्ता में नहीं थी, वहां भी उसके कार्यकत्र्ताओं की उपस्थिति रही। उत्तर में जम्मू-कश्मीर हो या दक्षिण में केरल, आज हर राज्य में भाजपा ने अपने युवा नेताओं की फौज खड़ी कर दी है। भाजपा पूर्वोत्तर से लेकर गुजरात तक और हिमाचल से लेकर दक्षिण तक अपना जनाधार लगातार मजबूत करती जा रही है। बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन शानदार रहा, भले ही वहां भाजपा सरकार नहीं बना पाई लेकिन अपने प्रदर्शन के आधार पर अगले चुनाव के लिए पूरे उत्साह में है। 

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव और रामपुर और आजमगढ़ के लोकसभा उपचुनाव में भाजपा को मिली जीत में पसमांदा मुसलमानों ने अच्छी खासी संख्या में वोट दिया और भाजपा को समर्थन भी दिया। ये समाज देश में कुल मुस्लिम आबादी का 85 प्रतिशत है, जो आॢथक और सामाजिक तौर पर पिछड़े होते हैं। इस समाज की सुध न तो कांग्रेस पार्टी ने ली और न ही समाजवादी पार्टी ने, जबकि ये दोनों पाॢटयां खुद को अल्पसंख्यकों की बड़ी हितैषी मानती आई हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पसमांदा मुस्लिम समाज को विकास की मुख्यधारा में लाने में सबसे ज्यादा मददगार केंद्र सरकार की गरीब कल्याण योजनाएं होंगी। 

दरअसल परिवारवाद और परिवारवादी पाॢटयों से देश अब पूरी तरह ऊब चुका है। उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव के विस्तारित परिवार का हर सदस्य स्थानीय स्तर पर या राज्य विधानमंडल या संसद के स्तर पर राजनीति में है। बिहार में लालू प्रसाद यादव का परिवार एक उत्कृष्ट उदाहरण है कि जो लोग अन्य सभी क्षेत्रों में असफल होते हैं, उन्हें जाति और पारिवारिक दबदबे के कारण राजनीति में स्वीकार्यता मिलती है। जम्मू-कश्मीर में लोग अब्दुल्ला और मुफ्ती से परे सोचने लगे हैं। 

तमिलनाडु में द्रमुक अब एक आंदोलन नहीं, बल्कि एम. करुणानिधि की विरासत है। आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ वाई.एस.आर. पार्टी की और तेलंगाना में टी.आर.एस. झारखंड मुक्ति मोर्चा शिबू सोरेन की विरासत पर चल रही है। नवीन पटनायक के निष्क्रिय होने के बाद बीजद का भविष्य क्या होगा। यही स्थिति पंजाब में अकाली दल (बादल) की है, जिनकी परिवारवादी नीति के चलते ही वहां की जनता इन्हें सिरे से नकार चुकी है। पंजाब में भाजपा एक प्रमुख राजनीतिक दल के रूप में उभरी है और वहां इसका जनाधार भी काफी बढ़ा है। 

दूसरी ओर माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा ने चुनावी सफलता के नए आयाम स्थापित किए हैं। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने ऐतिहासिक सफलता अर्जित की। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भाजपा को रिकॉर्ड दूसरी बार दो-तिहाई बहुमत मिला। मणिपुर में भाजपा को पहली बार अपने दम पर बहुमत मिला और लगातार दूसरी बार हमारी सरकार बनी। देश के हर क्षेत्र की जनता का माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और भारतीय जनता पार्टी पर पूर्ण विश्वास और प्रगाढ़ हुआ है।-आर.पी. सिंह (राष्ट्रीय प्रवक्ता, भाजपा)


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