साइबर हमलों से निपटने की चुनौती

punjabkesari.in Wednesday, Apr 13, 2022 - 04:46 AM (IST)

चीन के हैकर्स ने लद्दाख में पावर ग्रिड को 2 बार निशाना बनाने की नाकाम कोशिश की। यह दावा रिकॉर्डेड फ्यूचर नामक खुफिया फर्म ने किया है, जो विश्व के सरकारी हैकरों पर नजर रखने वाली सबसे बड़ी खुफिया कंपनियों में शुमार है। विदित होगा कि दोनों देशों के बीच एल.ए.सी. को लेकर पहले से गतिरोध जारी है। इसी बीच चीन ने उत्तर भारत के पावर ग्रिड को हैक करने की एक खतरनाक कोशिश की। 

खुफिया फर्म ने यह भी दावा किया है कि गत अगस्त से मार्च तक हमने भारत के कम से कम 7 एस.एल.डी.सी. यानी स्टेट लोड डिस्पैच सैंटर्स में चीनी हैकरों की घुसपैठ का पता लगाया है। ये सैंटर संबंधित राज्यों में बिजली आपूर्ति की रियल टाइम निगरानी करते हैं। ये हमले उत्तर भारत के, खासतौर से लद्दाख से लगी भारत-चीन सीमा इलाके में स्थित केंद्रों पर किए गए। रिकॉर्डेड फ्यूचर ने कहा कि पावर ग्रिड के केंद्रों को निशाना बनाने के अलावा चीन के सरकारी हैकरों ने भारत के आपात प्रतिक्रिया तंत्र पर भी धावा बोला। दरअसल चीन भारतीय पावर ग्रिड को बार-बार निशाना इसलिए भी बना रहा है, ताकि एल.ए.सी. पर भारत के विकास कार्यों और आधारभूत संरचनाओं की अहम जानकारी उसे मिल सके। 

आजकल पावर ग्रिड पर साइबर हमला दुनियाभर में दुश्मनों को कमजोर करने का नया हथियार बनता जा रहा है। जानकारी के लिए बता दें कि अभी भारत में कुल 5 पावर ग्रिड हैं। अहम बात यह है कि ये सभी ग्रिड आपस में एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और इनमें से ज्यादातर तो एक ही सर्वर पर काम करते हैं। इसलिए भारत की बिजली व्यवस्था पर चीन का यह साइबर अटैक एक बड़े खतरे की तरफ इशारा करता है। 

आमतौर पर कोई भी देश ऐसा तभी करता है, जब वह भविष्य में किसी देश की बिजली व्यवस्था को हैक करके वहां ब्लैकआऊट की स्थिति पैदा करना चाहता हो, जैसा वर्ष 2015 में रूस ने यूक्रेन के साथ किया था। 23 दिसम्बर 2015 को यूक्रेन में 3 घंटे तक बिजली गायब रही थी और इससे 2 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए थे। रूस ने यूक्रेन के पावर ग्रिड को फेल करने के लिए उनका जरूरी डाटा अपने पास इकट्ठा कर लिया था। चीन भी यही कर रहा है। बताया जाता है कि दुनिया में पावर ग्रिड पर साइबर हमले का पहला मामला 2010 में आया था। स्टक्सनैट नाम के कम्प्यूटर वायरस ने ईरान में परमाणु सैंट्रीफ्यूज को बेपटरी कर दिया था। 

हम भारत में साइबर हमलों की बात करें तो गत वर्ष 12 अक्तूबर को मुंबई में साइबर हमले के बाद 10 से 12 घंटे बिजली आपूॢत बाधित हुई थी। मुंबई में आऊटेज ने देश के आर्थिक केंद्र में शेयर बाजारों, ट्रेनों और हजारों परिवारों को प्रभावित किया था। मुंबई में आऊटेज के दौरान ही तेलंगाना के 40 सब-स्टेशन पर हमले की नाकाम कोशिश की गई। इसके अलावा साइबर सुरक्षा कंपनी साइफर्म के मुताबिक चीनी हैकर्स ने कोरोना टीका बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीच्यूट और भारत बायोटैक पर हमले की कोशिश की थी। हालांकि भारत की साइबर सुरक्षा मजबूत होने के चलते ये सभी कोशिशें नाकामयाब साबित हुईं। 

भारत में वर्ष 2020 में 17,560 साइबर हमले हुए थे। यानी हर दिन 71 वैबसाइट्स को हैक किया गया। भारत में हर 10 मिनट में एक साइबर अटैक होता है और 75 फीसदी मामलों में ये हमले दूसरे देशों से होते हैं। 2019 में भारत को साइबर हमलों की वजह से 1,25,000 करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ था। भारत में 24 फीसदी वित्तीय संस्थान, स्वास्थ्य से जुड़ी 15 फीसदी कंपनियां, सार्वजनिक क्षेत्र से जुड़ी 12 फीसदी और 15 फीसदी रिटेल कंपनियां हर साल साइबर हमलों का शिकार होती हैं। 

यही नहीं, जुलाई 2016 में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का पूरा सिस्टम हैक कर लिया गया था और बैंक खातों से लगभग 17 करोड़ डॉलर चुराने की कोशिश हुई थी। यह राशि आज की तारीख में 1200 करोड़ रुपए बनती है। हालांकि तब बैंक ने ये सारा पैसा रिकवर कर लिया था। अगर पूरी दुनिया की बात करें तो साइबर अटैक की वजह से हर मिनट पूरी दुनिया को 84 करोड़ रुपए का नुक्सान होता है और एक स्टडी के मुताबिक दुनिया में हर 11 सैकेंड में एक साइबर हमला होता है। यह 2019 के मुकाबले 2 गुना और 5 साल पहले से 4 गुना ज्यादा है। एक अनुमान है कि साइबर हमलों से दुनिया को हर साल 6.1 ट्रिलियन डॉलर का नुक्सान होता है। 

ऐसे में कहा जा सकता है कि आज देश और दुनिया के समक्ष साइबर हमले बड़ी चुनौती बनकर उभर रहे हैं। इससे निपटना बेहद जरूरी है। भारत ने अपनी साइबर सिक्योरिटी में पहले के मुकाबले सुधार किया है। गौरतलब है कि भारत ने 2020 में ग्लोबल साइबर सिक्योरिटी इंडैक्स में 37 पायदान की लंबी छलांग मारी। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक भारत को 10वां स्थान हासिल हुआ। चीन 33वें और पाकिस्तान 79वें रैंक पर है। अमरीका पहले पायदान पर है। लेकिन दुनियाभर में बढ़ते साइबर हमलों के बीच भारत को अपनी साइबर सिक्योरिटी को अधिक मजबूती प्रदान करने की आवश्यकता है।-अली खान
 


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