ताइवान की फॉक्सकॉन कंपनी ने चीन को छोड़ भारत को अपना गंतव्य चुना

punjabkesari.in Thursday, Mar 31, 2022 - 06:05 AM (IST)

ताइवान ने चीन से किनारा करते हुए अपने देश की सबसे बड़ी सैमी कंडक्टर निर्माता कंपनी फॉक्सकॉन की स्थापना अब भारत में करने की शुरूआत कर दी है। हाल ही में फॉक्सकॉन ने ताइवान की राजधानी ताइपे में अपनी बैटरी से चलने वाली गाडिय़ों की लांचिंग की थी और इस दौरान उसने भारत में अपनी बैटरी वाली गाडिय़ों की मैन्युफैक्चरिंग की घोषणा भी की। फॉक्सकॉन के पास चीन जाने का विकल्प मौजूद है, जहां पर उसे भारत की तुलना में बेहतर सुविधाएं मिलतीं, लेकिन इस ताइवानी कंपनी ने चीन को छोड़ कर भारत को चुना है। 

दरअसल जिस रफ्तार से भारत अपने विनिर्माण और निर्यात क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहा है, उसे देखते हुए ताइवान, जापान और दक्षिण कोरिया को भारत की तकनीक और बेहतर व्यवस्था पर विश्वास हो चला है। फॉक्सकॉन, विजस्ट्रॉन, पैगाट्रॉन कंपनियों ने घोषणा की है कि आने वाले समय में वे भारत में 6630 करोड़ रुपए का निवेश करेंगी, यानी करीब एक अरब डॉलर का निवेश। 

फॉक्सकॉन इंडिया भारत में ई-स्कूटर के कलपुर्जे बनाने के लिए एथर कंपनी के साथ मिल कर काम करेगी, जिससे ई-स्कूटर के दाम में कमी आएगी। इसका असर भारतीय बाजारों पर यह पड़ेगा कि आम आदमी, जो स्कूटर की ऊंची कीमत होने के कारण इसे नहीं खरीद सकता था, अब वह बड़ी संख्या में ई-स्कूटर खरीदेगा, साथ ही विदेशी बाजारों में इसके निर्यात में भी प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और कम कीमत के चलते भारत में निर्मित ई-स्कूटर विदेशी बाजारों में ज्यादा संख्या में बिकेंगे। 

एथर कंपनी फॉक्सकॉन इंडिया की सहायक कंपनी है, जो भारत में फॉक्सकॉन के सारे काम करती है। वैसे भी फॉक्सकॉन खुद ही सैमीकंडक्टर बनाती है, जिसकी वजह से बाकी ई-वाहन बनाने वाली कंपनियों से आगे है, क्योंकि दूसरी कंपनियां सैमीकंडक्टर के लिए फॉक्सकॉन या सैमीकंडक्टर बनाने वाली अन्य कंपनियों पर निर्भर रहती हैं। कोरोना महामारी के चलते अंतर्राष्ट्रीय बाजार में वाहन निर्माताओं के सामने सैमीकंडक्टर्स की कमी की समस्या आई थी, लेकिन यह दिक्कत फॉक्सकॉन के सामने नहीं आई। 

एथर के उत्पादों की बिक्री में हर महीने 20 प्रतिशत का इजाफा हो रहा है, इसलिए एथर अपने ई-स्कूटर  के 99 प्रतिशत कलपुर्जे भारत में ही बनाती है, लेकिन जो बचे कलपुर्जे हैं उन्हें बाहर से मंगवाना पड़ता है। जिन वैंडरों से एथर अपने कलपुर्जे आयात करवाती है, इस बढ़ी हुई बिक्री को देखते हुए उनसे सामान मंगवाने में बहुत परेशानी होती है, इसलिए एथर ने कलपुर्जों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ही फॉक्सकॉन से एक अनुबंध किया है, ताकि तैयार उत्पाद को बाजार में उतारने में कोई दिक्कत न आए। 

भारत एफ.आई.एच. ने फॉक्सकॉन से इलैक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए ही यह अनुबंध किया है, जिसमें प्रिंटेड सर्किट बोर्ड, बैटरी मैनेजमैंट सिस्टम, डैशबोर्ड एसैम्बली, पैरीफेरल कंट्रोलिंग यूनिट और ड्राइव कंट्रोल यूनिट जैसे कम्पोनैंट भारत एफ.आई.एच. एथर कंपनी के लिए भारत में ही बनाएगी। ई-स्कूटर की मोटर को भी भारत के कोयम्बटूर शहर में महेले समूह कंपनी बनाती है। इतना ही नहीं, फॉक्सकॉन कंपनी अमरीकी इलैक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी फिस्कर आई.एन.सी. के लिए भी जल्दी ही भारत में इलैक्ट्रिक कार बनाने वाली है, जिसके लिए वह उसके साथ एक कॉन्ट्रैक्ट साइन कर चुकी है। 

फॉक्सकॉन ने भारत एफ.आई.एच. के साथ इसलिए भी कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है क्योंकि यह कंपनी भारत एफ.आई.एच. भारत में मोबाइल फोन भी बनाती है। भारत से बाहर भी फॉक्सकॉन एप्पल कंपनी के लिए आईफोन बनाती है। एथर कंपनी फॉक्सकॉन की इस दक्षता का इस्तेमाल अपने ई-स्कूटर में करना चाहती है। 

ताइवान ने वर्ष 2025 से 2027 तक पूरे विश्व में इलैक्ट्रिक वाहनों के सैमीकंडक्टर निर्माण का 10 प्रतिशत हिस्सा हासिल करने का लक्ष्य बनाया है। ताइवान अपनी इस लक्षित उपलब्धि को लेकर इसलिए भी आश्वस्त है क्योंकि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए उसके पास तकनीकी और आधारभूत संरचना का पूरा विकसित तंत्र मौजूद है, जिसे वह दूसरे देशों में भी लगा रही है, ताकि उत्पादन प्रक्रिया को तेज किया जाए, क्योंकि समय के साथ ई-स्कूटर और ई-कारों की मांग में तेजी से बढ़ौतरी हो रही है। 

पर्यावरण की बेहतरी और स्वच्छ वायुमंडल के लिए दुनिया भर की सरकारें जहां इलैक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को बढ़ावा दे रही हैं, वहीं तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर ग्राहक भी ई.वी. के प्रति आकॢषत हो रहे हैं। ई-वाहनों पर कई देशों की सरकारें सबसिडी दे रही हैं, तो वहीं ग्राहकों की जेब पर भी ये उतने भारी नहीं पड़ रहे। बैटरी चार्जिंग में पैट्रोल-डीजल भरवाने की तुलना में बहुत कम खर्च आता है, इसलिए ई-वाहन ग्राहकों की पसंद बन रहे हैं। इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छ वायु को लेकर सरकारों के साथ आम लोगों में भी जागरूकता बढ़ी है, जिसके चलते भारत समेत पूरी दुनिया में ई-वाहनों का भविष्य उज्ज्वल है और इस बढ़ते ई-वाहन बाजार में भारत अग्रणी देश बनकर उभरेगा। 


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