प्लास्टिक कचरे पर लगाम के लिए आपूर्ति पर नियंत्रण जरूरी

punjabkesari.in Thursday, Jun 30, 2022 - 05:11 AM (IST)

इस समय के बारे में सोचना मुश्किल है लेकिन 4-5 साल पहले प्लास्टिक को पर्यावरण के अनुकूल विकल्प के रूप में जाना जाता था। इसे कागज  और लकड़ी के समान समझा जाता था। जबकि पॉलीथीन कैरी बैग और प्लास्टिक से बने अन्य सामानों को जीवन के मार्कर के रूप में पेश किया गया। प्लास्टिक ने हमारे जीवन पर बड़े पैमाने पर आक्रमण किया। वैज्ञानिक माइक्रो प्लास्टिक्स द्वारा  समुद्री प्रजातियों के मारे जाने तथा बड़े विनाश की चेतावनी देते हैं यदि प्लास्टिक के उपयोग और इसके फैंकने में भारी मात्रा में कोई कमी नहीं आती है। 

निश्चित रूप से हम अपने ग्रह को खराब कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यू.एन.ई.पी.) वार्षिक प्लास्टिक उत्पादन लगभग 400 मिलियन टन प्रति वर्ष रखता है। अब तक जो कुछ भी बनाया गया है इसमें से लगभग 12 प्रतिशत जला दिया गया था और केवल 9 प्रतिशत का पुन: नवीनीकरण किया गया था। एक अन्य अनुमान के अनुसार 300 मिलियन टन से अधिक का कचरा प्रति वर्ष पाया जाता है। चीन तथा अमरीका के बाद भारत कचरे के कई उच्च 3 टर्बाइनों में शामिल है। 

डिस्पोजेबल प्लास्टिक पर हमारा प्रतिबंध 1 जुलाई से शुरू होने वाला है। भारत के केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एकल उपयोग वाली वस्तुओं के निर्माण, आयात, स्टॉकिंग, वितरण और बिक्री पर रोक लगाने के लिए कहा है। इस संबंध में पिछले वर्ष अगस्त महीने में एक अधिसूचना जारी की गई थी। लेकिन प्लास्टिक का उपयोग और हमारे चारों ओर बिखरे हुए कचरे से पता चलता है कि इसमें अब बदलाव होना तय है। कम लागत वाले टैट्रापैक  के कुछ निर्माताओं ने इस दलील पर भी राहत की मांग की थी कि पेपर स्ट्रॉॅ बहुत महंगा हो गया है। प्लास्टिक की बहुत ज्यादा सफलता इसके सस्ता होने पर आधारित है। एक विकल्प के बिना प्लास्टिक को पूरी तरह से चरणबद्ध तरीके से समाप्त नहीं किया जा सकता। इसे रिसाइकल करने की जरूरत है। 

जब तक इसकी सप्लाई पर अंकुश नहीं लगता तब तक इसकी मांग बढ़ती रहेगी। इस पर प्रतिबंध के लिए हमें बड़े पैमाने पर एक मुहिम चलाने की आवश्यकता है। हमें लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है कि प्लास्टिक के विघटन पर कितना समय लगता है। कुछ लोग इस समस्या से तो अवगत हैं। हमारी अब तक की पहलों में पिछली गर्मियों में आयोजित ‘हैकाथॉन’ जैसे आयोजन शामिल हैं। आपूर्ति पक्ष भी अनिवार्य था लेकिन हम अकेले इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकते। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News