‘2021 में नई ऊंचाई पर होगा शेयर बाजार’

punjabkesari.in Wednesday, Dec 30, 2020 - 04:43 AM (IST)

यकीनन कोविड-19 की चुनौतियों के बीच वर्ष 2020 में देश के शेयर बाजार द्वारा नई ऊंचाइयां छूने का परिदृश्य देश की अर्थव्यवस्था के लिए लाभप्रद है। यह कोई छोटी बात नहीं है कि कोरोना वायरस के कारण बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बी.एस.ई.) का जो सैंसेक्स 23 मार्च 2020 को 25981 अंकों पर आ गया था, वह लगातार बढ़ते हुए 28 दिसंबर को 47354 अंकों पर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। 

यदि हम वर्ष 2020 में दुनियाभर के विकासशील देशों के शेयर बाजारों की तस्वीर को देखें तो हमें भारतीय शेयर बाजार की स्थिति शानदार दिखाई देती है। इसके कई कारण चमकते हुए दिखाई दे रहे है। भारत द्वारा कोविड-19 का रणनीतिकपूर्वक सफल मुकाबला किए जाने से अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है। कोविड-19 से बचाव के टीके, ब्रैग्जिट समझौते और वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार से आर्थिक सकारात्मकता आई है। अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रोत्साहन के लिए 900 अरब डॉलर की राशि जारी करने के विधेयक पर हस्ताक्षर करने से निवेशकों की धारणा को बल मिला है। 

इन महत्वपूर्ण कारणों के साथ-साथ शेयर बाजार में निवेश पर बढ़ते रिटर्न के कारण लोगों का रुझान शेयर बाजार में बढ़ा है। म्युचुअल फंड में निवेश भी तेजी से बढ़े हैं। गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एन.बी.एफ.सी.) के संकट में कमी आई है। लघु एवं मझोले उद्यमों में कोविड-19 महामारी के बाद एनपीए का जोखिम कम हुआ है। कंपनियों की लागत में कमी और उत्पादकता में सुधार हुआ है। पिछले एक साल के दौरान छोटे शहरों से निवेशकों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। भारत में वर्ष 2020 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफ.पी.आई.) के योगदान ने नया रिकॉर्ड बनाया है, इससे वैश्विक स्तर पर उभरते बाजारों में एफ.पी.आई. निवेश के लिहाज से भारत का स्थान शीर्ष पर रहा है। 

उल्लेखनीय है कि सरकार ने कोविड-19 की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए वर्ष 2020 में एक के बाद एक कुल 29.87 लाख करोड़ की राहतों के ऐलान किए। कोरोनाकाल में सरकार को उन सुधारों को आगे बढ़ाने का अवसर मिला है, जो दशकों से लंबित थे। खासतौर से कोयला, कृषि, नागरिक विमानन, श्रम, रक्षा और विदेशी निवेश जैसे क्षेत्रों में किए गए जोरदार सुधारों से अर्थव्यवस्था आगे बढ़ी है।

भारत के ऐसे रणनीतिक प्रयासों से कोविड-19 का भारतीय अर्थव्यवस्था पर अन्य देशों की तुलना में कम प्रभाव पड़ा है और इससे भारतीय शेयर बाजार को तेजी से आगे बढऩे का अवसर मिला है। चाहे कोविड-19 के कारण वर्ष 2020 में भारत की आॢथक चुनौतियां मुंह बाय खड़ी रहीं, लेकिन भारत की आर्थिक संभावनाओं के लिए एक के बाद एक जो वैश्विक सर्वेक्षण प्रकाशित हुए, उनसे भी भारतीय शेयर बाजार को बढ़त मिली। 

कोविड-19 की आर्थिक चुनौतियों के कारण इस समय भारतीय कारोबारियों के पास नए उद्यम शुरू करने या चालू उद्यम को पूरा करने के लिए पर्याप्त धन नहीं है। नए फंड तक भी उनकी पहुंच नहीं है क्योंकि बैंक अब फंसे हुए कर्ज के मामलों को देखते हुए नए ऋण देने में काफी सतर्कता बरतने लगे हैं। ऐसे में इस संकट से निकलने का तरीका है नए सिरे से पूंजीकरण करना। इस काम के लिए शेयर बाजार का विस्तार और अधिक लोगों के कदमों को शेयर बाजार की ओर मोड़ा जाना जरूरी है। 

यद्यपि भारत में शेयर बाजार कोविड-19 के बीच भी तेजी से बढ़ा है, लेकिन फिर भी अन्य कई देशों की तुलना में भारत के शेयर बाजार के विकास की गति धीमी है। जहां भारत के करीब 3.3 प्रतिशत लोग ही शेयर बाजार से सम्बद्ध हैं, वहीं ऑस्ट्रेलिया के 40 प्रतिशत, न्यूजीलैंड के 31 प्रतिशत, इंगलैंड के 30 प्रतिशत, जापान के 29 प्रतिशत तथा अमरीका के 26 प्रतिशत लोग शेयर बाजार से सम्बद्ध हैं। चूंकि देश का आर्थिक विकास तेजी से हो रहा है अतएव शेयर बाजार में छोटे निवेशकों के कदम तेजी से बढ़ाना जरूरी हैं। 

चूंकि शेयर बाजार में लंबे समय  से सुस्त पड़ी हुई कंपनियों के शेयर की बिक्री कोविड-19 के बीच तेजी से बढ़ी है, उससे शेयर बाजार में जोखिम भी बढ़ गया है। ऐसे में शेयर बाजार में हर कदम फूंक-फूंक कर रखना जरूरी है। शेयर बाजार की ऊंचाई के साथ-साथ भारतीय शेयर बाजार में छोटे निवेशकों के हितों और उनकी पूंजी की सुरक्षा का ध्यान रखा जाना जरूरी है। शेयर बाजार को प्रभावी व सुरक्षित बनाने के लिए लिस्टेड कंपनियों में गड़बडिय़ां रोकने पर विश्वनाथन समिति ने सेबी को जो सिफारिशें सौंपी हैं उनका क्रियान्वयन लाभप्रद होगा। शेयर बाजार के महत्व को ज्यादा से ज्यादा लोगों को समझाए जाने की जरूरत है ताकि अधिक शेयर बाजार की ओर मोड़ा जा सके। लोगों को यह समझाया जाना होगा कि शेयर बाजार कोई जुआघर नहीं है, यह तो देश की अर्थव्यवस्था की चाल को नापने का एक आर्थिक बैरोमीटर है। 

हम उम्मीद करें कि कोविड-19 की चुनौतियों के बीच नववर्ष 2021 में शेयर बाजार की कंपनियों के लिए सेबी की सतर्क निगाहें होंगी और सेबी के द्वारा भविष्य के लिए ऐसे कदम सुनिश्चित किए जाएंगे, जिससे शेयर बाजार अनुचित व्यापार व्यवहार से बच सकेगा। हम उम्मीद करें कि सरकार आगामी वर्ष 2021-22 के बजट में शेयर बाजार में निवेशकों के लिए नए कर प्रोत्साहन सुनिश्चित करेगी। हम उम्मीद करें कि वर्ष 2021 में अर्थव्यवस्था में सुधार की रफ्तार का आधार और मजबूत होगा तथा पूंजी पर प्रतिफल और मुनाफे में उत्साहजनक वृद्धि होगी। इससे शेयर बाजार के निवेशकों की मुस्कुराहट बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था लाभान्वित होगी।-डा. जयंतीलाल भंडारी
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News