कांग्रेस में ‘एकजुटता’ के लिए प्रयासरत सोनिया

punjabkesari.in Monday, Sep 16, 2019 - 03:09 AM (IST)

पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर कमान संभालने के बाद सोनिया गांधी खासतौर पर आगामी विधानसभा चुनावों वाले राज्यों के कार्यकत्र्ताओं और नेताओं को ज्यादा समय दे रही हैं ताकि चुनाव की सही तरीके से तैयारी की जा सके। इसके अलावा वह कांग्रेस में भी स्थितियों को सुधारने के लिए काम कर रही हैं। इस संबंध में उन्होंने उत्तर पूर्व कांग्रेस समन्वय समिति (एन.ई.सी.सी.सी.) से मुलाकात की और यह फैसला किया कि अब इसका गुवाहाटी में स्थायी मुख्यालय होगा तथा क्षेत्र के कांग्रेस नेता हर 3 महीने में एक बार बैठक करेंगे ताकि क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की जा सके। यह भी फैसला लिया गया कि कांग्रेस पार्टी नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध जारी रखेगी। 

इस बीच सोनिया गांधी ने पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पुड्डुचेरी के मुख्यमंत्रियों और प्रदेशाध्यक्षों से मुलाकात की है और उन्हें कहा है कि वे चुनाव घोषणापत्र में दिए गए वायदों को हर कीमत पर पूरा करें तथा सरकार और पार्टी नेताओं के बीच एकता होनी चाहिए और पार्टी कार्यकत्र्ताओं को नजरअंदाज न किया जाए। सोनिया गांधी ने उन राज्यों के नेताओं से बैठकें शुरू कर दी हैं जहां विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। उन्होंने हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए 6 सदस्यीय स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया है जिसमें वरिष्ठ पार्टी नेता मधुसूदन मिस्त्री चेयरमैन हैं। पैनल के अन्य सदस्यों में हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा, कांग्रेस  विधानमंडल नेता तथा पूर्व मुख्यमंत्री  भूपेन्द्र सिंह हुड्डा और ए.आई.सी.सी.सी. के महासचिव प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद शामिल हैं। कांग्रेस नेता दीपा दास मुंशी तथा देवेन्द्र यादव को भी पैनल का सदस्य बनाया गया है। 

कड़ी मेहनत में जुटे रणदीप सुर्जेवाला
आजकल कांग्रेस मीडिया ब्रीङ्क्षफग से जो एक व्यक्ति गायब हैं वह हैं पार्टी के कम्युनिकेशंस इंचार्ज रणदीप सिंह सुर्जेवाला। इसका कारण यह है कि वह आजकल अपने विधानसभा क्षेत्र कैथल में व्यस्त हैं। उल्लेखनीय है कि हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं जिनके लिए तिथियों की घोषणा शीघ्र होने की संभावना है। सुर्जेवाला इसके लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं और वह इस बार कोई चांस न लेकर कैथल से अपनी जीत सुनिश्चित करना चाहते हैं। पिछली बार जनवरी में वह जींद विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव हार गए थे। 

समाजवादी पार्टी फिर एकजुट
आजम खान और उनके परिवार के खिलाफ कई सारे केस दर्ज होने के बाद तथा उत्तर प्रदेश के सम्पदा विभाग की ओर से लोहिया ट्रस्ट कार्यालय सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस जारी होने के बाद ऐसा लगता है कि पूरा अखिलेश परिवार एकजुट हो गया है तथा गुटबाजी फिलहाल समाप्त हो गई है। मुलायम सिंह यादव ने लोहिया ट्रस्ट के कार्यालय को खाली कर दिया है तथा इस बंगले का बकाया 30 लाख रुपए का किराया भी चुका दिया है। 

मुलायम सिंह यादव इस ट्रस्ट के चेयरमैन हैं और उनके भाई तथा प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के संस्थापक शिवपाल यादव इसके सचिव हैं। उनके बेटे अखिलेश यादव ट्रस्ट के सदस्य हैं। इस बारे में अखिलेश यादव ने मीडिया को बताया कि लोहिया ट्रस्ट नेता जी (मुलायम) से संबंधित है और उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि सरकार ट्रस्ट के भवन को खाली क्यों करवा रही है? दूसरे उन्होंने कहा कि यदि पार्टी दोबारा सत्ता में आती है तो आजम खान के खिलाफ लगाए गए केस वापस लिए जाएंगे। अखिलेश ने आजम खान के खिलाफ कथित झूठे मामलों के संबंध में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल  से मुलाकात करने की बात भी कही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अमर सिंह ने इस परिवार को बांट दिया है और अब वह आजम खान के खिलाफ काम कर रहे हैं। 

दुर्गा पूजा कार्यक्रमों पर कब्जे के लिए प्रयासरत टी.एम.सी. और भाजपा
नवरात्रे नजदीक आ रहे हैं और पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूर्जा को लेकर टी.एम.सी. और भाजपा में एजैंडा तय है क्योंकि दुर्गा पूजा बंगालियों का मुख्य त्यौहार है। इस बार भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष दिलीप घोष बहुत से पूजा पंडालों का उद्घाटन करेंगे और भाजपा ने पूजा समितियों के लिए कई ईनामों की घोषणा की है। भाजपा हाईकमान  ममता बनर्जी के क्षेत्र में पूजा पंडाल का उद्घाटन करने के लिए कोलकाता जाएगी। 

कुछ समय पहले आयकर विभाग ने कोलकाता की पूजा समितियों को नोटिस जारी किए थे। उस समय टी.एम.सी. ने इन नोटिसों का विरोध किया था लेकिन आयकर विभाग ने स्पष्टीकरण दिया था कि ये नोटिस पुराने हैं। इस बीच अधिकतर दुर्गा पूजा समितियों पर टी.एम.सी. का नियंत्रण है और अधिकतर समितियों के अध्यक्ष टी.एम.सी. नेता और कार्यकत्र्ता हैं। ममता बनर्जी सरकार ने पश्चिम बंगाल में पूजा समितियों के लिए वित्तीय सहायता की घोषणा की है। टी.एम.सी. ने अपने पक्ष में इन पूजा समितियों का लाभ उठाने की रणनीति बनाई है। इसे देखते हुए भाजपा ने अपने मंत्रियों को निर्देश दिया है कि वे पार्टी कार्यकत्र्ताओं सहित दुर्गा पूजा में भाग लें। ऐसी चर्चा है कि दुर्गा पूजा यहां चुनावी मुद्दा बन गया है। 

नीतीश बाबू की चुप्पी
आजकल पटना में काफी सारे पोस्टर दिखाई दे रहे हैं जिन पर लिखा है, ‘‘क्यों न करें विचार,बिहार जो है बीमार।’’ हालांकि बिहार में इस समय कोई भी चुनाव नहीं होने जा रहा है। लेकिन इन पोस्टरों के माध्यम से शायद  एक चेतावनी दी जा रही है। नीतीश कुमार का इस्तीफा मांगने के बाद भाजपा कार्यकत्र्ता अब यह मांग कर रहे हैं कि सुशील कुमार मोदी को मुख्यमंत्री बनाया जाए तथा नीतीश बाबू को केन्द्र की सरकार में जाना चाहिए। इसे देखते हुए जद (यू) नेता ङ्क्षचतित हैं कि भाजपा महाराष्ट्र की तरह व्यवहार कर सकती है जहां उसने शिवसेना की बजाय अपना मुख्यमंत्री बनाया था। 

उल्लेखनीय है कि जद (यू) ने तीन तलाक और अनुच्छेद 370 के मामले में सरकार का समर्थन नहीं किया था। इसके अलावा जद (यू) केन्द्रीय कैबिनेट का हिस्सा भी नहीं है। इस बीच भाजपा नेता सी.पी. ठाकुर ने अगली बार मुख्यमंत्री का पद जद (यू) को देने से इंकार किया है। दूसरी तरफ राजद नेता शिवानंद तिवारी ने सुझाव दिया है कि नीतीश कुमार को 2015 के गठबंधन के बारे में सोचना चाहिए जहां समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष ताकतें भाजपा के खिलाफ एकजुट हो गई थीं और राजद भी नीतीश कुमार का नेतृत्व स्वीकार कर लेगी। बहरहाल इस सारे मामले पर  नीतीश ने फिलहाल चुप्पी साध रखी है।-राहिल नोरा चोपड़ा
 


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