पाकिस्तान की युद्ध रणनीति में बदलाव के संकेत

punjabkesari.in Tuesday, Jul 06, 2021 - 04:55 AM (IST)

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ड्रोन हमलों से उपजी भविष्य की चुनौतियों को लेकर 28 जून को केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह तथा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ उच्चस्तरीय बैठक की। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार ‘उड़ते आतंकवाद’ वाले स भावित हमलों से निपटने की रणनीति पर विचार चर्चा की गई और यह निर्णय लिया गया कि ड्रोनों को गिराने के लिए सुरक्षा बलों को अत्याधुनिक उपकरण दिए जाएंगे। 

सेना प्रमुख जनरल एम.एम. नरवणे ने 1 जुलाई को एक थिंक टैंक को संबोधित करते हुए कहा कि ड्रोन की आसानी से उपलब्धता के कारण सुरक्षा चुनौतियां बढ़ गई हैं तथा भारतीय सेना खतरों का प्रभावपूर्ण ढंग से सामना करने की क्षमता विकसित कर रही है। 

उल्लेखनीय है कि जम्मू वायु सेना स्टेशन पर 27 जून को सुबह 1:30 से 2:00 बजे के बीच ड्रोनों द्वारा फैंकी गई विस्फोटक सामग्री से 2 संदिग्ध धमाके हुए जिनके कारण एक इमारत की छत को नुक्सान पहुंचा तथा 2 कर्मचारी मामूली घायल भी हुए। फिर अगले दिन सोमवार रात को कालूचक-रत्नूचक क्षेत्र में, जहां ब्रिगेड मु यालय तथा इर्द-गिर्द सीमा के 10-15 किलोमीटर के घेरे में गोला-बारूद के भंडार तथा टैंक, तोपों वाली यूनिटें भी इस इलाके में थीं, सोमवार रात को ड्रोन गतिविधियों को देखते हुए तुरंत हाई एलर्ट जारी करके ड्रोनों को तबाह करने के लिए गोलीबारी की गई तो वे वापस मुड़ गए। फिर ये ड्रोन सा बा सैक्टर की तरफ भी देखे गए। 

केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू वायु सेना केन्द्र पर ड्रोन हमले की जांच एन.आई.ए. को सौंपी है। यह तो जांच के बाद स्पष्ट होगा कि ड्रोन किधर लौटे और उनका मिशन क्या था? इनका संचालन कौन कर रहा था तथा किस आतंकवादी संगठन से इनका स पर्क था? हमें तो कोई शक नहीं कि ‘उड़ता आतंकवाद’ दुश्मन की सोची-समझी रणनीति का एक हिस्सा है जिस पर चर्चा करना जरूरी है।

ड्रोन वारफेयर एवं इस्तेमाल : ड्रोन के आविष्कार तथा विकास की शुरूआत कृषि एवं व्यापारिक कार्यों की जरूरतों के लिए की गई थी। ड्रोन विज्ञान के इस युग का सर्वाधिक महत्वपूर्ण परिवर्तन है, जो युद्ध कला की ओर तेजी से बढ़ रहा है, जिसका शक्तिशाली रणनीतिक प्रभाव आने वाले समय में देखने को मिलेगा। ड्रोन डिजिटल टैक्नोलॉजी युद्ध मैदान बारे या वैसे भी तात्कालिक तौर पर सेना की हलचल, हवाई अड्डों, तोपों, टैंकों, संचार साधनों, आयुद्ध भंडारों तथा मुख्यालयों के ठिकानों पर कार्रवाई योग्य सूचना प्राप्त करने में सक्षम है। हमले के दौरान नुक्सान का जायजा भी लिया जा सकता है। आतंकवादी कै पों, छिपने के ठिकानों तथा सौंपे गए लक्ष्यों के ऊपर चक्कर लगाकर विस्फोटक सामग्री गिराने जैसे कार्य भी सौंपे जा सकते हैं, जैसे कि जम्मू में हुआ। अधिक ऊंचाई पर न उडऩे के कारण ये राडार की पकड़ से भी बच जाता है। 

अमरीका, रूस तथा सऊदी अरब ने सीरिया की लड़ाई में इसका खूब इस्तेमाल किया। ईरान ने ड्रोन के माध्यम से 2011 में अमरीका के गार्ड बसेरे को तबाह कर दिया। सित बर 2019 में ईरान के समर्थन से हैती विरोधियों ने सऊदी अरब के शक्तिशाली एयर डिफैंस सिस्टम को चकमा देकर तेल रिफाइनरी को ड्रोन से निशाना बनाया। अमरीका के मिसाइल लैस ड्रोन सिस्टम हंटर-मारू में 2 जनवरी 2020 को ईरान के जनरल कासिम सोलीमनी के काफिले को 6200 किलोमीटर दूरी तय करके निर्धारित समय पर 3 मिसाइलों से उड़ा दिया, जिसे डोनाल्ड ट्र प ने लाइव देखा। 

उल्लेखनीय है कि 9/11 हमले के बाद अमरीका द्वारा अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को अफगानिस्तान में खोजने के लिए कई बार ड्रोन हमले किए गए। उसके कुछ कमांडर मारे भी गए लेकिन वह बचता रहा। आखिर बराक ओबामा ने नेवी-एयर फोर्स के कमांडोज का इस्तेमाल करके हवाई हमले में उसे मार गिराया। इस समय सौ देश ड्रोन हासिल कर चुके हैं। 

बाज जैसी नजर : 1971 में शर्मनाक हार का बदला लेने के लिए पाकिस्तान ने भारत को सौ ज म देने वाली नीति अपनाई तथा 80 के दशक के दौरान आतंकवाद का दौर शुरू हो गया। 5 अगस्त 2019 को धारा 370 हटाने के बाद पाकिस्तान के शासकों ने भारत के विरुद्ध जहर उगलना शुरू कर दिया। पाकिस्तान पर एफ.ए.टी.एफ. द्वारा प्रतिबंधों के बावजूद वहां आतंकवादी गतिविधियां जारी रहीं और स्थानीय आतंकवादियों के सहयोग से प्रदर्शन तथा झड़पें भी होती रहीं। अब जब नियंत्रण रेखा सील कर दी गई तो घुसपैठ भी मुश्किल हो रही है। अब फिर ड्रोन के माध्यम से पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को हथियार तथा गोला-बारूद उपलब्ध करवाया जा रहा है। 

17-18 मार्च को पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार एक उच्चस्तरीय  इस्लामाबाद सिक्योरिटी संवाद आयोजित किया गया जिसमें जनरल बाजवा तथा इमरान खान ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उद्देश्य नीति निर्माताओं को साथ जोड़कर रणनीतिक निर्णय लेने का था। मुझे संदेह है कि कहीं ड्रोन वारफेयर युद्ध रणनीति में बदलाव का संकेत तो नहीं दे रहा? मोदी सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। चीन तथा तुर्की की शक्तिशाली ड्रोन तकनीक पाकिस्तान को उपलब्ध करवाई जा रही है। जो ड्रोन पाकिस्तान इस्तेमाल कर रहा है, वे चीन के ही हैं।-ब्रिगे.कुलदीप सिंह काहलों(रिटा)


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