गागर में सागर, ‘पी.एस.पी.सी.एल.’ का सूचना-तकनीक विंग

punjabkesari.in Thursday, May 25, 2023 - 06:01 AM (IST)

वर्तमान युग में किसी भी विभाग के सूचना तकनीक विंग का उस विभाग के खपतकारों को उत्तम तथा किफायती सेवाएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण योगदान होता है। पंजाब स्टेट पावर कार्पोरेशन लि. (पी.एस.पी.सी.एल.) के सूचना तकनीक विंग को यदि गागर में सागर कह दिया जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। यह विंग पंजाब के बिजली क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। 

इस विंग के मुख्य इंजीनियर रशविंद्र सिंह ग्रेवाल के अनुसार पी.एस.पी.सी.एल. पंजाब के बिजली क्षेत्र की कुशलता तथा उत्पादकता को बढ़ाने, विशेषकर जिनमें डिस्ट्रीब्यूशन नैटवर्क स्थापित करना, डिस्ट्रीब्यूशन लोड प्रबंधन, आटोमैटिक मीटर रीङ्क्षडग तथा बिङ्क्षलग आदि शामिल हैं, के लिए व्यापक समाधान प्रदान करता है। इस समय पी.एस.पी.सी.एल. के करीब 70 प्रतिशत खपतकारों के बिजली बिल इस विंग द्वारा बिना किसी प्राइवेट कंपनी की मदद से अपनी खुद की टीम द्वारा जारी किए जा रहे हैं। 

पंजाब सरकार द्वारा 1 जुलाई 2022 से पंजाब के सभी घरेलू बिजली खपतकारों को 300 यूनिट मुफ्त दिए जाने की सुविधा दी जा रही है, जिससे पी.एस.पी.सी.एल. के करीब 74 लाख से अधिक घरेलू खपतकारों को शून्य रकम के बिजली बिल जारी किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त 31 दिसम्बर 2021 तक के घरेलू खपतकारों के बिजली बिलों की बकाया राशि को पंजाब सरकार की हिदायतों के अनुसार माफ किया गया, जिस संबंध में सूचना तकनीक विभाग द्वारा बकाया राशि को शून्य करने में बनती कार्रवाई की गई। 

बिजली खपतकारों के लिए मोबाइल ऐप भी उपलब्ध है जिसके माध्यम से खपतकार बिजली सप्लाई संबंधी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं, अपने क्षेत्र में लगने वाले शैड्यूल्ड बिजली कटों बारे अग्रिम जानकारी ले सकते हैं, बिजली चोरी होने की सूचना दे सकते हैं, ‘पानी बचाओ, पैसे कमाओ’ योजना के लिए अप्लाई कर सकते हैं तथा घरों की छतों पर सोलर सिस्टम लगाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। 

इसके अतिरिक्त बिजली खपतकार व्हाट्सएप नंबर 9446101912 पर अपनी बिजली आपूर्ति संबंधी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। बिजली खपतकार 24 घंटे सेवा में टैलीफोन हैल्पलाइन नंबर 1912 पर भी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। खपतकार अपने बिजली बिल मोबाइल या कम्प्यूटर के माध्यम से ऑनलाइन जमा करवा सकते हैं। खपतकारों को बिजली बिलों बारे सूचना उनके मोबाइल पर एस.एम.एस. से तथा ई-मेल से समय पर भेजी जाती है। इसके अतिरिक्त खपतकार पी.एस.पी. सी.एल. की वैबसाइट https://pspcl.in से कई तरह की जानकारी तथा सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं। 

यहां यह भी बताना जरूरी है कि खपतकार किसी भी तरह की शिकायत पी.एस.पी.सी.एल. की वैबसाइट https://grms.pspcl.in पर भी दर्ज करवा सकते हैं। इंज. रशविंद्र सिंह ग्रेवाल ने बताया कि भारत सरकार द्वारा नई रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सैक्टर स्कीम (आर.डी.एस.एस.) लाई गई है जो बिजली वितरण कंपनियों के तकनीकी तथा कमॢशयल घाटों को कम करने के लिए है। इस स्कीम के तहत स्मार्ट मीटर पहले राज्य सरकार के दफ्तरों, औद्योगिक खपतकारों आदि के लगाए जाएंगे और बाद में घरेलू खपतकारों के लिए भी लगाए जाएंगे। इस योजना को समय पर लागू करने के लिए सूचना तकनीक विंग द्वारा महत्वपूर्ण योगदान डाला जा रहा है। 

ये सब सुविधाएं देने के लिए आर.टी. विंग द्वारा आर.ए.पी.डी.आर.पी. प्रोजैक्ट अधीन वर्ष 2011 में पी.एस.पी.सी.एल. के मुख्य कार्यालय पटियाला में अति आधुनिक डाटा सैंटर बनाया गया था और इसका बैकअप सिस्टम डिजॉस्टर रिकवरी सैंटर शक्ति सदन जालंधर में स्थापित किया गया था। डाटा सैंटर से पंजाब के 144 शहरों में आते 245 सब-डिवीजन दफ्तर वाइड एरिया नैटवर्क तकनीक के माध्यम से जुड़े हैं। ये डाटा सैंटर तथा डिजॉस्टर रिकवरी सैंटर सिस्टम को हमेशा चलता रखने के लिए 24 घंटे काम करते रहते हैं। इसके अलावा आर.ए.पी.डी.आर.पी. प्रोजैक्ट के अधीन पंजाब के तीन शहरों अमृतसर, जालंधर तथा लुधियाना में 85 ग्रिड सब-स्टेशनों के सिस्टम को मॉनीटर तथा कंट्रोल करने के लिए सुपरवाइजरी कंट्रोल तथा डाटा एक्वीजिशन (स्काडा) सिस्टम लगाया गया था। 

इस स्काडा सिस्टम की मदद से इन 85 सब-स्टेशनों के सिस्टम में पड़ती तकनीकी खराबियों को कम से कम समय में मॉनीटर करके ठीक किया जाता है, ओवरलोड हो रहे फीडरों को पहले ही लोड शैड करके ट्रिप होने से बचाया जाता है तथा अधिक ट्रिप होने वाले फीडरों की रिपोर्ट जांच कर बनती कार्रवाई की जाती है। सूचना तकनीक विंग संबंधी बहुमूल्य जानकारी उपलब्ध करवाने में इंजी. अजीत पाल सिंह, अतिरिक्त निगरान इंजी. द्वारा विशेष सहयोग दिया गया।-मनमोहन सिंह (उपसचिव लोकसंपर्क, पी.एस.पी.सी.एल.)
    


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