भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने में ‘एम.एस.एम.ईका’ की भूमिका

punjabkesari.in Wednesday, Jan 05, 2022 - 05:57 AM (IST)

2022, आजाद भारत के 75 साल। हर भारतीय के लिए आजादी के अमृत-महोत्सव का एक ऐतिहासिक वर्ष। देश के स्वतंत्रता वर्ष 1947 में साक्षरता दर 12 प्रतिशत, औसत जीवन आयु 34 वर्ष और जी.डी.पी (ग्रॉस डोमैस्टिक प्रोडक्ट) यानी सकल घरेलू उत्पाद 2.7 लाख करोड़ रुपए थी। 

आजादी के 75 वर्ष में साक्षरता दर 77.70 प्रतिशत, औसत जीवन आयु 69 वर्ष और जी.डी.पी 145.69 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। आज दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में भारत ने सफलता का जो सफर तय किया है, इसे अभी और दूरी तय करनी है। अगले दशक में भारत प्रगति के एक नए पायदान पर होगा। हम बहुत कुछ हासिल करेंगे, डिजिटल दुनिया में बगैर किसी सीमा के आगे बढ़ेंगे। डिजिटलाइजेशन की ओर बढ़ते वैश्विक भारत ने अपना ध्यान आत्मनिर्भरता पर केंद्रित किया है। 

2020 से कोरोना महामारी के प्रकोप से पैदा हुए वैश्विक संकट के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटने के लिए पूरी तरह तैयार है। आई.एम.एफ (इंटरनैशनल मॉनिटरी फंड) का भी अनुमान है कि वित्त वर्ष 2021-22 में देश की जी.डी.पी. में 11 प्रतिशत वृद्धि होने की उम्मीद है। कोरोना महामारी से प्रभावित क्षेत्रों में एम.एस.एम.ईका (सूक्षम, लघु एवं मध्यम उद्योग) सबसे अधिक प्रभावित थे, पर अर्थव्यवस्था को संकट से उबारने में ये महत्वपूर्ण भूमिका में आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण पर आगे बढ़ते हुए 2025 में 5 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की महत्वाकांक्षा पूरी करेंगे। 

भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ के रूप में एम.एस.एम.ईका एकमात्र ऐसा सैक्टर है जिसने 6.34 करोड़ उत्पादन इकाइयों के माध्यम से 11.10 करोड़ नौकरियों के अवसर पैदा किए हैं। देश की जी.डी.पी में  30 प्रतिशत का योगदान करने वाले एम.एस.एम.ईका की निर्यात कारोबार में 48 प्रतिशत की भागीदारी है।

गैर-कृषि आजीविका को बढ़ावा देने वाले इस सैक्टर के रास्ते अर्थव्यवस्था की गति बढ़ाने के लिए और अधिक निवेश की संभावना है। हालांकि एम.एस.एम.ईका को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत सुधारों द्वारा समॢथत आसान कर्ज व्यवस्था के तहत ऋण वितरण को बढ़ावा देना आवश्यक है क्योंकि इस वित्तीय वर्ष की तुलना में अगले वित्तीय वर्ष में ऋण की मांग बढऩे के आसार हैं। सरकार की विभिन्न योजनाओं के साथ एम.एस.एम.ईका का कारोबार प्रदर्शन भी बेहतर होना चाहिए। 

वर्तमान में एम.एस.एम.ईका भारत की अनौपचारिक अर्थव्यवस्था का एक हिस्सा हैं। बैंक, एन.बी.एफ.सी. और डिजिटल ऋणदाताओं जैसे औपचारिक स्रोतों से आसान ऋण न केवल एम.एस.एम.ईका के पुनरुद्धार के लिए, बल्कि उन्हें अर्थव्यवस्था की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए भी आवश्यक है। एम.एस.एम.ईका की सफलता के लिए डिजिटलीकरण जरूरी है।
डिजिटल परिवर्तन न केवल उनकी दक्षता में सुधार करने में मदद कर सकता है, बल्कि उनके प्रति ग्राहक की संतुष्टि को भी बढ़ाने में मददगार साबित होगा।

सबसे महत्वपूर्ण यह है कि एक मजबूत डिजिटल उपस्थिति होने से एम.एस.एम.ईका को कैश-फ्लो आधारित क्रैडिट तक आसानी से पहुंचने में मदद मिल सकती है, जो कि भारतीय बी.एफ.एस.आई. (बैंकिंग, वित्तीय सेवा और बीमा) क्षेत्र के लिए भी बड़ी उपलब्धि होगी। ओपन क्रैडिट इनेबलमैंट नैटवर्क (ओ.सी.ई.एन) प्रोटोकॉल जैसे नए क्रैडिट प्लेटफॉर्म बनाकर ऋण व्यवस्था का लोकतंत्रीकरण जरूरी है। 

उम्मीदें-2022: स्टार्टअप्स, एम.एस.एम.ईका, कॉरपोरेट्स, निवेशकों और कर्मचारियों के लिए 2022 कैसा रहेगा, इस बारे में बहुत सारी भविष्यवाणियां और पूर्वानुमान जारी हैं। विशेषकर एम.एस.एम.ईका के कारोबार में तेजी लाने के लिए 2022 के केंद्रीय बजट से बड़ी उम्मीदें हैं। शिपिंग कंटेनर की किल्लत, माल भाड़े में बढ़ौतरी, कोयले की कमी, स्टील जैसे कच्चे माल की बढ़ती कीमतों जैसी चुनौतियों से एम.एस. एम.ईका जूझ रहे हैं। 

कोरोना महामारी से संकटग्रस्त मैन्युफैक्चरिंग सैक्टर के लिए केंद्र सरकार की 2 लाख करोड़ रुपए की पी.एल.आई. (उत्पादन आधारित प्रोत्साहन) योजनाओं ने कुछ क्षेत्रों को राहत प्रदान की है,पर इसके लिए कुछ बड़े उद्योगों को चुनना भेदभावपूर्ण नीति है, जिससे लक्षित उद्देश्य की पूॢत नहीं होती और संवैधानिक रूप से भी यह सही नहीं है। पी.एल.आई योजना से देश के आयात बिल में कटौती, चीन पर निर्भरता (चीन से कुल आयात का 16 प्रतिशत) को कम करने और देश में रोजगार के अवसर बढऩे की उम्मीद है पर एम.एस.एम.ईका को पीछे छोड़ कर यह कैसे संभव हो सकता है? 

उम्मीद है कि वर्ष 2022 आशा, अवसर, सुधार और विकास से भरा होगा। डिजिटल परिवर्तन की दुनिया में एम.एस.एम.ईका का भी तेजी से ऑनलाइन की ओर झुकाव होगा। वर्चुअल कम्युनिकेशन, कांटैक्टलैस ऑप्रेशंस, एडवांस टैक्नोलॉजी सॉल्यूशंस,नैटवर्क अपग्रेड्स,सर्वव्यापी दृष्टिकोण विकसित और समृद्ध होता रहेगा। छोटी फर्में भी अपने डिजिटल, आई.टी. और सॉफ्टवेयर, नैटवर्किंग और सुरक्षा समाधानों में तेजी से निवेश करेंगी, विशेष रूप से आॢटफिशियल इंटैलीजैंस (ए.आई.) और मशीन लॄनग में यह सुनिश्चित करने के लिए कि वे पिछले साल के नुक्सान से उबर कर लक्षित टर्नओवर हासिल कर सकें। 

कोरोना और ओमिक्रॉन के फिर से बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी प्रणाली स्थापित करने के साथ कारोबार के क्षेत्र में एम.एस.एम.ईका  की विश्वास बहाली के लिए तत्काल राहत उपायों की घोषणा करने की आवश्यकता है। एम.एस.एम.ईका के लिए ई-मार्कीट ङ्क्षलकेज को बढ़ावा दिया जाए और इस क्षेत्र के लिए वित्तीय प्रोत्साहन बढ़ाना चाहिए। आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को सार्थक करने के लिए केंद्र सरकार एम.एस.एम.ईका की बेहतरी के उपाय करे। कामना है कि 2022 सभी के लिए सुखद,सुरक्षित,स्वस्थ और समृद्ध हो।(सोनालीका ग्रुप के वाइस चेयरमैन, कैबिनेट मंत्री रैंक में पंजाब स्टेट प्लानिंग बोर्ड के वाइस चेयरमैन।)-अमृत सागर मित्तल
 


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