जनभागीदारी लोकतंत्र की आधारशिला है

punjabkesari.in Saturday, Sep 17, 2022 - 04:50 AM (IST)

‘‘हमारी ताकत लोगों की ताकत में है। हमारी ताकत हमारे देश के प्रत्येक नागरिक में निहित है’’-प्रधानमंत्री मोदी जनभागीदारी की अवधारणा, जिसका शाब्दिक अर्थ लोगों की भागीदारी है, का मतलब है नीतियों के कार्यान्वयन में सभी की सामूहिक भूमिका। भारत जैसी बड़ी आबादी वाले देश में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की नीतियों को लागू करने का केंद्रीय पहलू लोगों की शक्ति का उपयोग करना रहा है। 

प्रधानमंत्री मोदी ने योजनाओं के कार्यान्वयन के दौरान जनता को काम करने के लिए दृढ़ता से प्रेरित करके, कुछ गलत हो रहा हो तो उसे रोक कर, सरकार के लिए मुद्दे तय करके और दूसरों को शासन की मदद करने के लिए प्रेरित करके इस जनशक्ति के उपयोग के लाभों को प्रत्यक्ष दिखाया है। 

संवाद : बेहतर शासन का एक उपकरण : जन संवाद की लगातार प्रक्रिया के बिना जनभागीदारी अधूरी है। वास्तविक सहभागी शासन का सार जमीनी वास्तविकताओं को समझने के लिए लोगों के साथ नियमित बातचीत करने की प्रक्रिया पर निर्धारित होता है, जिसके बाद मुद्दों के विश्लेषण और उनसे निपटने के लिए सुझावात्मक उपाय पर आधारित नीतियां कागजों पर आती हैं। आदर्श रूप से नीति के कार्यान्वयन और उस पर लोगों की प्रतिक्रिया के बाद, लाभार्थियों से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर नीति लागू की जाती है। 

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने लोगों और सरकार के बीच इस निरंतर संवाद को विभिन्न माध्यमों से बनाए रखने और लोगों के जीवन को आसान बनाने का व्यापक ध्यान रखा है। इसका एक सटीक उदाहरण प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना है। प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि को मजबूती देने के लिए 2016 में फसल बीमा की दो प्रमुख योजनाओं को मिला कर फसल बीमा योजना लागू की थी जिसे 2019-2020 में फिर से लांच किया गया था। यह संशोधित योजना विभिन्न ऑफलाइन और ऑनलाइन तरीकों से मिली किसानों की प्रतिक्रियाओं की अनूठी परिणति है। यह किसानों की विभिन्न ङ्क्षचताओं का ध्यान रखती है और यह परिवर्तनकारी बदलाव में संवाद की शक्ति का सच्चा उदाहरण है। 

जन नेतृत्व वाले विकास का युग : प्रधानमंत्री मोदी जनता को अंतिम मील तक जाने के लिए प्रेरित करने के अपने प्रयासों में निॢववाद रूप से सफल रहे हैं। कागज पर बनी नीतियों को हकीकत में बदलने के लिए लोगों ने एक बार नहीं, दो बार नहीं बल्कि अनेक बार उनके आह्वान पर समर्थन दिया है। आंकड़ों में देखें तो योजनाओं की संख्यात्मक और डेटा-संचालित सफलता सपाट या एक-आयामी लग सकती है। मगर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा परिकल्पित और क्रियान्वित योजनाओं की सुंदरता उनकी बहुआयामी होने में है। उनके शब्द इस बात का प्रमाण हैं कि वे लोगों के समग्र विकास के संदर्भ में सोचते हैं और समग्र विकास की यात्रा में किसी व्यक्ति को नहीं छोड़ते हैं। 

भागीदारी से समृद्धि तक : मन की बात, जिसे व्यापक रूप से (और ठीक भी है) एक बड़ी सफल सामाजिक क्रांति करार दिया गया है, उसका आधार भी जनभागीदारी ही है। इसका प्रत्येक एपिसोड हर व्यक्ति की परिवर्तनकारी शक्ति में प्रधानमंत्री मोदी के अटूट विश्वास को हर महीने याद दिलाता है। 

स्वदेशी व्यापार को बढ़ावा देने और स्थानीय व्यवसायों को आगे बढऩे के लिए प्रोत्साहित करने वाला उल्लेखनीय जन आंदोलन ‘वोकल फॉर लोकल’ लोगों में जागरूकता पैदा करने और उद्यमिता को बढ़ावा देने में एक लंबा सफर तय कर चुका है। इस जन आंदोलन ने कई छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाया है, देश के दूर-दराज के हिस्सों में स्टार्टअप को बनाए रखने में मदद की है और पारंपरिक शिल्प को पुनर्जीवित करने में भी मदद की है। प्रधानमंत्री मोदी का स्थानीय खिलौनों के बारे में मुखर आह्वान एक अनूठी घटना है जो खिलौना निर्माण में आत्मनिर्भरता के मिशन का हिस्सा है।

‘‘मैं 5 से 7 साल की उम्र के छोटे बच्चों को सलाम करना चाहता हूं। देश की चेतना जाग उठी है। मैंने अनगिनत परिवारों से सुना है कि 5-7 साल के बच्चे अपने माता-पिता से कहते हैं कि वे विदेशी खिलौनों से नहीं खेलना चाहते। जब 5 साल का बच्चा ऐसा संकल्प करता है, तो यह उसके अंदर आत्मनिर्भर भारत की भावना को दर्शाता है,’’ प्रधानमंत्री मोदी, स्वतंत्रता दिवस, 2022। अब 2022 में देखें देश में अनेक खिलौना समूह आ गए हैं, भारतीय संस्कृति और लोकाचार पर आधारित खिलौनों के विकास के लिए नवीन विचारों को क्राउडसोर्स करने के लिए ‘टॉयकैथॉन’ जैसे आयोजनों ने गति पकड़ी है, खिलौनों को बी.आई.एस. (भारतीय प्रमाणन ब्यूरो) मानकों के अनुसार प्रमाणित किया जाना सभी निर्माताओं के लिए अनिवार्य हो गया है जिससे कई चीनी प्रतिस्पर्धी समाप्त हो गए हैं। ‘‘लोकतंत्र केवल एक सरकार को पांच साल के लिए अनुबंध देना नहीं है। वास्तव में यह जनभागीदारी है।’’-प्रधानमंत्री मोदी 

प्रधानमंत्री मोदी ने देश के नागरिकों पर जो अटूट विश्वास लगातार दिखाया है, उसके बार-बार अकल्पनीय सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। जब नीतियां अंतिम मील तक पहुंचती हैं, तब लोकतंत्र को वास्तव में सफल माना जाता है। इस प्रकार, प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान का सार यही है कि सभी की भागीदारी से सभी की समृद्धि होती है।-जगत प्रकाश नड्डा
(राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी) 


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