मर कर भी जिंदा हैं अंगदानी

punjabkesari.in Monday, Nov 18, 2019 - 03:10 AM (IST)

‘‘मैं नहीं चाहती थी कि मेरे पति के नाम के साथ स्वर्गीय लिखा जाए क्योंकि वह आज भी किसी न किसी रूप में जीवित हैं।’’ भीगी आंखों से हरप्रीत कौर ने यह बात कही। दो वर्ष पहले, जब उसके पति की एक सड़क हादसे  में मौत हो गई थी, उसने उसके अंगदान कर दिए। हरप्रीत ने कहा, ‘‘उन्होंने अंगदान करने का प्रण नहीं लिया था लेकिन परिवार चाहता था कि वह जीवित रहें।’’ 

हरप्रीत कुछ अन्य दानी परिवारों के साथ ऑल इंडिया इंस्टीच्यूट ऑफ मैडीकल साइंसिज में आर्गन रीट्रिवल बैंकिंग आर्गेनाइजेशन (ओ.आर.बी.ओ.) द्वारा आयोजित एक प्रोग्राम दौरान अपनी कहानी सांझा कर रही थी। उन 51 दानी परिवारों में 38 विभिन्न अंगदानी, 5 पूरे शरीर के दानी, 8 टिश्यू दानी तथा उन्हें हासिल करने वाले मौजूद थे। इस अवसर पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवद्र्धन, खेल मंत्री किरण रिजिजू, मुक्केबाज एम.सी. मैरीकॉम तथा गायक मोहित चौहान मौजूद थे। 

सुधांशु के पिता ने कहा, ‘‘मेरा बेटा सिर्फ 20 वर्ष का था तथा दिल्ली में पढऩा चाहता था लेकिन दिल्ली यूनिवर्सिटी में फार्म भरने से थोड़ी देर बाद ही उसका एक्सीडैंट हो गया।’’ दुखी परिवार ने यह सोचा कि उनका युवा बेटा किसी अन्य माध्यम से जीवित रहे। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा बेटा मॉडल बनना चाहता था। वह यह तो नहीं बन सका लेकिन अब वह अन्य लोगों के लिए रोल मॉडल बनेगा।’’30 के लगभग अंग हासिल करने वाले परिवारों ने उन्हें मिली जिंदगी के इस तोहफे के लिए दानियों के लिए जोरदार तालियां बजाईं। कइयों की आंखों में आंसू थे। 

एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि 10,000 से ज्यादा लोगों को हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए वार्षिक दानी अंगों की जरूरत है। लेकिन सिर्फ 150-200 भारतीय ही यह हासिल कर पाते हैं। डा. गुलेरिया ने कहा कि लगभग 2 लाख भारतीयों को किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता है लेकिन केवल 8,000 मरीज ही इस प्रक्रिया में से गुजर पाते हैं। लगभग 75,000 मरीजों को वाॢषक लीवर ट्रांसप्लांट की आवश्यकता है लेकिन केवल 1800 आप्रेशन ही हो पाते हैं। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार 1 लाख मरीजों को कार्नियल ट्रांसप्लांटेशन की आवश्यकता है लेकिन केवल 50,000 ही खुशकिस्मत हैं, जिनकी जरूरत पूरी होती है। मैरीकॉम ने उन बहादुर परिवारों को सलाम किया जो दूसरों को नई जिंदगी देते हैं। 

अपनी मां के अंगदान करने वाली अमिता गुगलानी ने कहा कि हम लोगों की अधिक से अधिक मदद करने में भरोसा रखते हैं। भारत में अंग दानियों का औसत अंदाजन 0.6 प्रति 10 लाख व्यक्ति है। यह जानकारी डा. आरती विज, ओ.आर.बी.ओ. की इंचार्ज प्रोफैसर तथा एम्स मीडिया सैल तथा प्रोटोकॉल डिवीजन की चेयरपर्सन ने देते हुए कहा कि अब अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ी है लेकिन अभी भी इस बारे लोगों में गलतफहमी है तथा इस बारे अन्य कार्य करने की जरूरत है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News