बूढ़े ही बूढ़ों की करेंगे ‘मदद’

punjabkesari.in Sunday, Mar 01, 2020 - 04:56 AM (IST)

सफेद बाल तथा झुर्रियों वाले चेहरे अब पुलिस स्टेशनों में दिखाई देंगे जोकि पुलिस विभाग के साथ वरिष्ठ नागरिकों की मदद करेंगे तथा उनकी परेशानियों तथा दुखों का निपटारा करेंगे। उन्हें इस उम्र में झेली जाने वाली परेशानियों से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। स्वयंसेवकों के तौर पर बूढ़े लोग काऊंसलिंग का प्रस्ताव रखेंगे और उसके बाद पुलिस विभाग के अधिकारियों से विचार-विमर्श करेंगे। वरिष्ठ नागरिकों द्वारा सार्वजनिक स्थलों पर जाकर उनकी बात सुनी जाएगी। 

पुलिस विभाग के इस प्रयास की बूढ़े लोगों ने सराहना की है। पायलट प्रोजैक्ट के तौर पर इसे मालाबार हिल तथा विले पार्ले स्टेशनों पर शुरू किया जा रहा है। स्वयं सेवकों का पहले शारीरिक और दिमागी फिटनैस टैस्ट होगा। उन्हें बताया जाएगा कि वे वरिष्ठ नागरिकों से किस तरह के सवाल करेंगे ताकि उनके मुद्दे सुलझाए जा सकें। पुलिस स्टेशनों पर वे शिफ्टों में काम करेंगे। मालाबार हिल तथा विले पार्ले स्टेशनों में वरिष्ठ नागरिकों की ज्यादा संख्या है। कुछेक के बच्चे विदेशों में रहते हैं और कुछ यहां पर अकेले रहते हैं। मुम्बई में पुलिस पिछले कुछ सालों से एक सिस्टम के तहत पुलिस कांस्टेबल के माध्यम से वरिष्ठ नागरिकों का डाटा एकत्रित कर रही है। पुलिस कांस्टेबल महीने में एक बार उनके घरों पर जाकर उनसे जानकारी जुटाता है। इसके अलावा पुलिस ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक हैल्पलाइन नंबर 1090 चला रखा है। पुलिस कांस्टेबलों का यह कार्य अब वृद्ध स्वयं सेवकों से लिया जाएगा जिनके पास जाकर कोई भी वरिष्ठ नागरिक अपनी परेशानी बता सकता है। 

पुलिस के अनुसार ज्यादातर हैल्पलाइन नंबर पर अकेले रह रहे वरिष्ठ नागरिकों की काल्स आती हैं जिनको इस उम्र में किसी से बात करने की जरूरत होती है जो उनके दुख-दर्द को सुन सके। इसके अलावा कुछ ऐसे वरिष्ठ नागरिक भी हैं जिन्हें बाजार से दवाइयां वगैरह मंगवानी होती हैं या फिर उनके कुछेक बिल भरने होते हैं। कुछ वरिष्ठ नागरिक अपने बच्चों की तरफ से परेशानी झेल रहे हैं। अब स्वयं सेवक ऐसे लोगों से मुलाकात करेगा और पारिवारिक झगड़ों को निपटाएगा। यदि स्वयं सेवक यह महसूस करता है कि पारिवारिक मामले में कोई कानूनी दखलअंदाजी की जरूरत है तो किसी पुलिस कर्मी को बुलाया जा सकता है। 60 की उम्र पार कर चुके ऐसे लोगों के लिए यह एक अच्छा प्रयास है। 

एन.जी.ओ. सैलेश मिश्रा का कहना है कि पुलिस तथा पब्लिक में बढ़ रहे गैप को भरने के लिए यह एक अच्छा प्रयास है। वहीं वरिष्ठ नागरिकों के लिए 100 से ज्यादा संस्थाएं हैं जिनका शहर में पंजीकरण किया गया है। ऐसी संस्थाओं के सदस्य आमतौर पर योग तथा आध्यात्मिक विचार-विमर्श के लिए एकत्रित होते हैं। पुलिस केस प्रोजैक्ट के लिए अब ये लोग सामाजिक कार्य भी करेंगे। नान-प्रॉफिट ग्रुप अब पुलिस की इस पायलट प्रोजैक्ट में मदद करेंगे।  


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