चीन में रहस्यमय सिलसिलेवार धमाकों से राजनीतिक संकट की आशंका

punjabkesari.in Wednesday, Nov 17, 2021 - 05:33 AM (IST)

चीन में पिछले एक सप्ताह में हुए 10 धमाकों ने चीन की सुरक्षा नीति की पोल खोलकर रख दी है। ये सिलसिलेवार धमाके सीधे तौर पर इशारा कर रहे हैं कि चीन के अंदरखाने सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। चीन ने अपनी अंदरूनी सुरक्षा के इतने पुख्ता इंतजाम किए हैं, जिन्हें भेद पाना लगभग नामुमकिन है। 

पुलिस, पैरा मिलिट्री फोर्स, सेना, खुफिया एजैंसियां, जगह-जगह लगे आर्टिफिशियल इंटैलीजैंस वाले सी.सी.टी.वी. कैमरे, जो आदमी को पहचानने में एक सैकेंड की देरी भी नहीं लगाते। इन सबके अलावा सोशल मीडिया और मुख्यधारा की मीडिया पर 24 घंटे चौकस 40 लाख आंखें, इन सबके बावजूद चीन के अलग-अलग इलाकों में हुए 10 धमाकों ने शी जिनपिंग की नींद उड़ा दी है। इन धमाकों ने चीनी जनता को जितना भयभीत किया है उससे कहीं ज्यादा दुनिया को हैरत में डाला है क्योंकि चीन के अभेद्य सुरक्षा चक्र को तोड़ते हुए ये धमाके उसकी खुफिया एजैंसियों की कार्यशैली पर सवालिया निशान उठा रहे हैं। 

इन धमाकों की शुरूआत 21 अक्तूबर को उत्तर-पूर्वी चीन के लियाओनिंग प्रांत की राजधानी शिनयांग शहर से हुई, जहां पर एक रिहायशी इमारत की 5वीं मंजिल में सुबह 5.30 बजे धमाका हुआ, जिसमें 5 लोगों की मौत हो गई और 47 लोग घायल हुए। इसके बाद पड़ोसी प्रांत इनर मंगोलिया के अत्याधुनिक औद्योगिक क्षेत्र में 22 अक्तूबर को तेज धमाका हुआ, जिसमें 4 लोगों ने अपनी जान गंवाई और 3 घायल हुए। वहीं 24 अक्तूबर को दो अलग-अलग जगहों पर दो धमाके हुए। पहला लियाओनिंग प्रांत के वाफांगदियान शहर में और दूसरा दक्षिण-पूर्वी चीन के नानचिंग शहर की एयरोनॉटिक्स एंड एस्ट्रोनॉटिक्स यूनिवर्सिटी में हुआ जिसमें 4 लोग मारे गए और कई घायल हुए। 

अभी इन धमाकों की आग ठंडी भी नहीं हुई थी कि अगले ही दिन 25 अक्तूबर को शानतुंग यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टैक्नोलॉजी के हुआंगताओ कैम्पस के गेट के उत्तरी छोर पर धमाका हुआ। 26 अक्तूबर का दिन उससे भी बुरा था क्योंकि इस दिन 3 अलग-अलग बड़े धमाके चीन के 3 प्रांतों में हुए। पहला शानतुंग प्रांत के सिबू शहर के रिहायशी इलाके में एक खड़े ट्रक में हुआ। यह धमाका इतना तेज़ था कि इसकी आवाज 20 किलोमीटर दूर तक सुनी गई। इसके बाद दक्षिणी चीन के क्वांगतुंग और दक्षिण-पूर्वी चीन के च्यांगसी प्रांतों में 2 धमाके और हुए। 27 अक्तूबर को एक बार फिर ये धमाके चीनी मीडिया की सु्र्खियां बने, जिसमें एक धमाका क्वांगतुंग प्रांत और दूसरा उत्तर-पूर्वी चीन के थियेनचिन शहर में हुआ। 

जानकारों का मानना है कि इन सभी धमाकों में मृतकों और घायलों की जो संख्या चीनी मीडिया ने जारी की है, असल संख्या उससे कहीं ज्यादा हो सकती है क्योंकि दुनिया जानती है कि चीन असल खबर को छुपाने के लिए हर तरह के हथकंडे इस्तेमाल करता है। जिस तेजी से सुरक्षा के मामले  में सख्त चीन में ये धमाके हुए, उसी तेजी से अटकलों और अफवाहों का बाजार गर्म है। जहां चीनी मीडिया इस घटनाक्रम से दुनिया का ध्यान हटाने में जुटा है, वहीं खुफिया एजैंसियां यह पता लगा रही हैं कि कौन सा संगठन, समूह या लोग इन सिलसिलेवार धमाकों के पीछे हो सकते हैं। 

वहीं चीनी प्रशासन इन सभी धमाकों को गैस पाइपलाइन या गैस टैंकरों में लीकेज से जोड़कर देखने की कोशिश भी कर रहा है। एक महत्वपूर्ण बात यह है कि ये धमाके चीन की 19वीं कम्युनिस्ट पार्टी की केन्द्रीय कमेटी के 6वें प्लैनरी सैशन की बैठक से पहले हुए हैं। इसे देखते हुए कुछ रणनीतिकार और चीन मामलों के जानकारों का कहना है कि इस बात की आशंका है कि सी.सी.पी. का विरोधी खेमा इन धमाकों के पीछे काम कर रहा है। 

जिस तरह से इन सभी धमाकों का केन्द्र फैक्टरी, स्कूल, कॉलेज रहे हैं, इस बात की भी आशंका है कि चीन में विद्याॢथयों, मजदूरों के बीच चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की नीतियों के विरुद्ध बढ़ता असंतोष भी इन धमाकों का एक कारण हो सकता है। इसके अलावा शी जिनपिंग की दमनकारी नीतियां भी इन धमाकों के पीछे एक कारण हो सकती हैं। शी इस बार की सी.पी.पी.सी.सी. की होने वाली बैठक में खुद को अगले 5 वर्षों के लिए मनोनीत कर लें या फिर देश के कानून में बदलाव कर आजीवन चीन के सर्वेसर्वा बन बैठें, इन सारी आशंकाओं को दूर करने के लिए हो सकता है कि जिनपिंग विरोधी खेमा अत्यधिक सक्रिय हो उठा हो, जो शी को चीन की सत्ता से उखाड़ फैंकने के लिए काम कर रहा हो। 

जानकारों के एक वर्ग का यह विचार है कि शी जिनपिंग अपने विरोधियों को ठिकाने लगाने के लिए इस समय गोपनीय तरीके से काम कर रहे हैं, चाहे इसमें चीनी राजनयिक हों या बड़े व्यापारी। लोग यहां तक कहने लगे हैं कि चीन में इस समय कोई भी सुरक्षित नहीं है, उप-राष्ट्रपति वांग छीशान भी नहीं। शी को डर है कि वह भी उनकी सत्ता पर कब्जा कर सकते हैं, इसलिए जिनपिंग अपने खिलाफ किसी भी संभावित खतरे को उखाड़ फैंकने का काम कर रहे हैं। 

चीन में इस समय ऊर्जा, खाद्य व आर्थिक संकट का समय चल रहा है। कहीं ये सब मिलकर चीन को राजनीतिक संक्रमण जैसी बड़ी मुसीबत में न ले जाएं और इसका लाभ कम्युनिस्ट विरोधी खेमा और कम्युनिस्ट पार्टी में शी विरोधी खेमा न उठा ले क्योंकि इस समय कम्युनिस्ट पार्टी और शी जिनपिंग की दमनकारी नीतियों के विरोध में चीन के अंदरखाने बड़ी उथल-पुथल चल रही है। 


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