मोदी एक ‘मसीहा’ के तौर पर उभरेंगे

punjabkesari.in Tuesday, Aug 11, 2020 - 03:12 AM (IST)

15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस है तथा 9 अगस्त भारत छोड़ो आंदोलन दिवस। तीसरी तिथि 5 अगस्त है, जो भाजपा के लिए ऐतिहासिक दिन बन गई है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने खुद कहा कि ‘स्वर्ण इतिहास’ आज लिखा गया है। प्रधानमंत्री के लिए यह दोहरी जीत थी क्योंकि इस दिन जम्मू-कश्मीर को विभाजित करने की पहली वर्षगांठ थी। 

अयोध्या में राम मंदिर तथा अनुच्छेद-370 को निरस्त करने के दो निर्णायक मुद्दे थे। मोदी के लिए भाजपा द्वारा हिंदू वोटरों से किए गए वायदे को पूरे करने का क्षण था। जैसा कि 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस हमें कई पीढिय़ों द्वारा किए गए अपने-अपने त्याग की याद दिलाता है, इसी तरह 5 अगस्त का दिन राम मंदिर के लिए कई पीढिय़ों द्वारा किए गए त्याग की याद दिलाएगा। मोदी ने दावा किया कि सदियों का इंतजार खत्म हुआ। 

राम मंदिर का स्थापना समारोह एक नए सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की शुरूआत है। यह दशकों के लिए आर.एस.एस. के सपने के पूरा होने का भी दिन है। भाजपा तथा आर.एस.एस. ने समग्र राष्ट्रवाद के विचार को रद्द कर दिया था तथा उन्होंने सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का पक्ष लिया था। भाजपा अपने कोर एजैंडे के लिए 1980 से आंदोलन चला रही है। हालांकि भाजपा के आलोचक इसे बहुसंख्यकवाद एजैंडे का नाम देते हैं। मोदी के दूसरे कार्यकाल के पहले वर्ष में पार्टी हर्ष महसूस कर रही है। 

मोदी ने अपने वायदे को तीन कारणों के चलते निभाया। पहला यह कि भाजपा को 2014 तथा 2019 के लोकसभा चुनावों में एक बड़ा जनादेश मिला था। दूसरा यह कि कमजोर विपक्ष ने भगवा पार्टी को कुछ भी करने की अनुमति दे रखी है। तीसरी बात यह है कि भाजपा को मुस्लिम वोट बैंक लुभाने की जरूरत नहीं क्योंकि उसके पास बहुमत है। अब हम सबसे पहले कश्मीर की बात करते हैं। इस राज्य को दो केंद्रीय शासित प्रदेशों में बांट दिया गया तथा धारा-370 को निरस्त कर दिया गया जिसके तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्राप्त था। इस मुद्दे ने अन्तर्राष्ट्रीय ध्यान तथा आलोचना को आकर्षित किया। 

मगर एक वर्ष बीतने के बाद स्थितियां अभी भी साधारण होना बाकी हैं। पूरी राजनीतिक श्रेणी हिरासत में है और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती सहित कई नेता अभी भी आजाद नहीं किए गए हैं। यहां पर एक राजनीतिक स्थान खाली हुआ है। राजनीतिक श्रेणी दूसरी तरफ असहाय होकर बैठ गई है जिसके नतीजे में पिछले एक वर्ष से कश्मीर में कोई भी राजनीतिक गतिविधियां नहीं हैं। 

कई लोगों की मांग है कि हिरासत में रखे गए नेताओं को शीघ्र ही रिहा किया जाए तथा चुनाव आयोजित किए जाएं। 2018 में पी.डी.पी.-भाजपा सरकार के गिरने के बाद जम्मू-कश्मीर निरंतर ही राज्यपाल शासन के अधीन है। पूर्व मंत्री मनोज सिन्हा ने नए उप-राज्यपाल का पद ग्रहण किया है। क्षेत्र में आतंकवाद कम हुआ है, मगर खत्म नहीं हुआ। कश्मीर के लोग दोहरी मार झेल रहे हैं। एक तरफ लॉकडाऊन तथा दूसरी तरफ कई महीनों से जारी कफ्र्यू को झेल रहे हैं। 

नौकरियों के लिए किया गया वायदा कहीं दिखाई नहीं देता और शॉल तथा फलों के निर्यात का उद्योग भी मार झेल रहा है। पर्यटन पूरी तरह से मर चुका है। संचार व्यवस्था ठप्प पड़ी है तथा स्कूल एवं कालेज बंद पड़े हैं। इस संबंध में मनोज सिन्हा द्वारा शपथ ग्रहण करने के बाद दिया गया बयान महत्वपूर्ण है जिसमें उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर में शांति तथा स्थिरता बहाल होगी। अनिश्चितता का दौर खत्म होना चाहिए तथा आतंकवाद की भी समाप्ति होनी चाहिए। इन सभी बातों को हासिल करना तथा विकास कार्यों में प्रगति लाना हमारा लक्ष्य तथा हमारा उद्देश्य है।’’

सिन्हा के समक्ष जो चुनौतियां हैं, उनमें विधानसभा चुनाव, राजनीतिक बातचीत को बहाल करना तथा जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा बहाल करना तथा हदबंदी जैसी बातें शामिल हैं। लोगों में विश्वास कायम करना भी जरूरी है और उनके साथ फिर से जुडऩा बाकी है। जहां तक राम मंदिर का सवाल है, सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने सरकार को मजबूत किया है और मुसलमानों को संतुष्ट होना पड़ा है कि उन्हें दिए गए स्थान पर मस्जिद बनानी है तो ज्यादा परेशानियों की आशा नहीं है।

मंदिर न्यास को राज्य सरकार तथा केंद्र सरकार जोकि एक ही पार्टी द्वारा शासित है, का समर्थन प्राप्त है। पैसे की कोई परेशानी नहीं है क्योंकि दान का अम्बार लगा है। राम मंदिर 2023 में यानी 2024 के चुनावों से पहले बनकर तैयार हो जाएगा। भाजपा नेता विनय कटियार ने पहले ही दावा किया है कि काशी तथा मथुरा में मंदिर निर्माण भाजपा के प्रमुख एजैंडे में शामिल हैं। 

भाजपा के कोर एजैंडे में अब समान नागरिक संहिता बाकी है। कोविड-19 महामारी की चुनौती खत्म होने के बाद मोदी सरकार इस कानून को लाना चाहेगी। इन बातों के अलावा जनसंख्या अधिनियम के बारे में कुछ उपाय सुझाए जाना भी चर्चा में है। भाजपा तथा आर.एस.एस. अब आश्वस्त हैं कि राम राज्य का सपना पूरा होगा। यदि यही ट्रैंड जारी रहा तो मोदी एक मसीहा के तौर पर उभरेंगे।-कल्याणी शंकर
 


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