मोदी के 8 वर्ष की परिभाषा : विश्वास, विकास और सेवा

punjabkesari.in Tuesday, Jun 07, 2022 - 03:47 AM (IST)

आठ वर्ष पूर्व, ऐसा प्रतीत हो रहा था कि भारत की कहानी समाप्त होने की कगार पर है। बड़े पैमाने पर हो रहा भ्रष्टाचार, बार-बार होने वाले आतंकी हमले और कमजोर अर्थव्यवस्था ने 100  करोड़ से अधिक लोगों के भविष्य पर पानी फेर दिया था। भारत की वैश्विक रैंकिंग लगातार औंधे मुंह नीचे गिर रही थी। यह वह समय था जब भारतीय नागरिकों का सरकार और संस्थानों पर से भरोसा उठ रहा था। 

नरेंद्र मोदी जी ने उस महत्वपूर्ण मोड़ पर देश की बागडोर संभाली और देशवासियों की सामूहिक राष्ट्रीय भावनाओं को पुन: जागृत किया। तभी से भारत अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना करते हुए न केवल उन पर काबू पा रहा है, बल्कि हर बार इन चुनौतियों पर विजय प्राप्त करते हुए सुशासन में नए स्वॢणम मानक स्थापित कर रहा है, जिनका विश्व के अन्य देश अनुसरण कर सकते हैं। वैश्विक महामारी का प्रबंधन करना हो, आतंकवाद से लडऩा हो या अपने नागरिकों को विदेशी धरती पर सबसे प्रतिकूल परिस्थितियों से बचाना हो, मोदी सरकार ने अग्रणी भूमिका निभाई है। 

वास्तव में पिछले 8 वर्षों का एक वृहद दृष्टिकोण इंगित करता है कि सरकार लोगों के प्रति कितनी चुस्त और संवेदनशील रही है, विशेषकर संकट की विपरीत परिस्थितियों में। वैश्विक महामारी के दौरान, जब बार-बार लगाए गए लॉकडाऊन लोगोंं, विशेष रूप से गरीबों के जीवन में व्यवधान पैदा कर रहे थे, मोदी सरकार ने सुनिश्चित किया कि कोई भी भूखा न रहे। मार्च 2020 में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषित प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 80 करोड़ से अधिक लोगों को प्रति माह 5 किलोग्राम खाद्यान्न मुफ्त में उपलब्ध कराया गया। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के वर्किंग पेपर के अनुसार, यह पाया गया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ने महामारी वर्ष 2020-21 में अत्यधिक गरीबी के प्रतिशत को निम्नतम स्तर, यानी एक प्रतिशत से भी कम रखने में सहायता की। 

भले ही महामारी एक आकस्मिक घटना थी, लेकिन इसके खिलाफ मोदी सरकार की प्रतिक्रिया अप्रत्याशित थी। हर स्तर पर मोदी सरकार महामारी के पूर्व के वर्षों में किए गए आधारभूत कार्यों का पूरा लाभ उठा रही थी। उदाहरण के लिए जनधन,  आधार, मोबाइल तिकड़ी द्वारा प्रदत्त डिजिटल पुश आखिरी छोर पर खड़े व्यक्ति को सेवाएं देने में एक शक्तिशाली उपकरण साबित हुआ। भारत का टीकाकरण अभियान व्यवस्थित, पारदर्शी और तेज गति वाला था। कुछ ही महीनों में, सारी वयस्क आबादी को कोविड टीकाकरण की 2 खुराकें मुफ्त में मिल चुकी थीं, जिससे सामान्य स्थिति स्थापित करने में तेजी आई। 

जब कोरोना महामारी कम हो रही थी, ठीक उसी समय दुनिया के सामने रूस-यूक्रेन युद्ध आ गया। हजारों की संख्या में भारतीय छात्रों ने खुद को युद्ध की स्थिति के बीच फंसा पाया। मोदी सरकार ने बिना किसी देरी के सभी संभव संसाधन जुटाए और रूस तथा  यूक्रेन, दोनों देशों के साथ भारत के संबंधों का लाभ उठाते हुए, सबसे कठिन और सबसे बड़े बचाव अभियानों में से एक को अंजाम दिया। 

प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों के बचाव अभियान को तीव्र गति प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों को यूक्रेन की सीमाओं पर भेजा। यह सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया के कारण ही है कि 22,500 भारतीय छात्र सुरक्षित भारत लौट कर अपने परिवारों से मिल सके। पिछले 8 वर्षों में वंदे भारत मिशन, ऑप्रेशन राहत सहित भारतीयों को स्वदेश वापस लाने के लिए अभियानों में सरकार चट्टान की तरह अपने नागरिकों के साथ खड़ी रही।

एक के बाद एक व्यवधानों के बावजूद भारत ने सबसे आकर्षक निवेश गंतव्य के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखी है। 2021-22 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रवाह बढ़ कर 83.57 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया, जिसमें विनिर्माण क्षेत्र ने प्रत्यक्ष विदेशी इक्विटी निवेश की भागीदारी दर्ज की। कोविड के बाद भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रवाह में 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो भारत की विकास गाथा में वैश्विक विश्वास को दर्शाती है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है। 

पिछले 8 वर्षों में 5 नाजुक गंतव्यों में सम्मिलित देशों से निकल कर सबसे आकर्षक गंतव्य के रूप में स्थापित होने जैसे आए बदलाव एक ईमानदार, मेहनती और जमीनी नेतृत्व के कारण ही हैं, जो ‘नेशन फस्र्ट’ के आदर्श वाक्य के साथ काम कर रहा है। यही भावना प्रधानमंत्री मोदी जी की विदेश नीति में भी परिलक्षित होती है। उनके नेतृत्व में भारत को तर्क, स्थिरता और ताकत की आवाज के रूप में देखा जा रहा है, जो सदैव अपने लोगों के कल्याण से समझौता किए बिना वैश्विक भलाई के पक्ष में खड़ा रहा है। 

जन धन से आयुष्मान भारत तक, पी.एम. किसान से पी.एम. आवास तक, स्वच्छ भारत से जल जीवन तक, मोदी द्वारा प्रतिपादित ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ का दर्शन भारत में होने वाले बदलावों के लिए अंतॢनहित शक्ति है। यदि कोई एक भावना, जो मोदी सरकार के पिछले 8 वर्षों को समाहित कर सकती है, वह है ‘सेवा की भावना’ या लोगों के कल्याण के लिए पूर्ण समर्पण। वर्ष 2014 के बाद अगर कोई सबसे बड़ी विजय है तो वह है लोगों का अब सरकार और भारतीय लोकतंत्र की शक्ति पर भरोसा बहाल करना।-विजेंद्र गुप्ता (विधायक और भाजपा दिल्ली के पूर्व अध्यक्ष)


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