सिखों के सम्मान व कल्याण के लिए मोदी सरकार प्रतिबद्ध

punjabkesari.in Wednesday, Oct 06, 2021 - 05:40 AM (IST)

श्री गुरु नानक देव जी महाराज ने दीन-दुखियों का दर्द हरण करने हेतु 15वीं सदी में ‘भक्ति आंदोलन’ का प्रारंभ किया। उनके विचारों ने भारत समेत पूरे विश्व में एक स्थाई शांति स्थापित करने का संदेश दिया। श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की पवित्र शिक्षाएं संपूर्ण विश्व को प्रकाशमान कर रही हैं। इनसे प्रेरणा लेकर सिखों ने वैश्विक स्तर पर कई क्षेत्रों में अग्रणी सेवा की है। 

प्रधानमंत्री मोदी के सिखों के साथ विशेष लगाव को समुदाय और पवित्र गुरुओं के प्रति उनके व्यक्तिगत श्रद्धा भाव के साथ-साथ सिख समुदाय को सशक्त बनाने के लिए किए गए उनकी सरकार के कार्यों में देखा जा सकता है। बात चाहे श्री गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती की हो या श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की 350वीं जयंती जैसे पावन अवसरों के उत्सव के बारे में हो, चाहे 1984 के कत्लेआम के पीड़ितों के बारे में या श्री करतारपुर साहिब गलियारे के निर्माण की, प्रधानमंत्री मोदी ने व्यक्तिगत रुचि दिखाते हुए सिख समुदाय के लिए काम करने का मार्ग प्रशस्त किया है। 

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा वैश्विक संगत को भागीदारी की अनुमति देते हुए श्री हरिमंदिर साहिब को एफ.सी.आर.ए. पंजीकरण की स्वीकृति दी गई। मोदी सरकार ने सितम्बर 2020 में सचखंड श्री हरमंदिर साहिब, श्री दरबार साहिब, पंजाब के पंजीकरण को सुनिश्चित किया। हरिमंदिर साहिब अब एफ.सी.आर.ए. 2010 के प्रावधानों के अनुपालन में विदेशी योगदान को प्राप्त करने और उनका उपयोग करने में सक्षम है। 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव व कई अन्य असुखद घटनाक्रमों को दिलेरी से भुला कर आजादी के समय से ही सिख कौम के दिलों में अपने पावन गुरुधामों के खुले दर्शन-दीदार की इच्छा पूर्ण करने को प्राथमिकता दी। सिख कौम 70 सालों से यह अरदास करती रही कि जो गुरुद्वारे एवं धाम बंटवारे के बाद पाकिस्तान में रह गए, उनके खुले दर्शन, दीदार और सेवा-सम्भाल सिखों को मिले। प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान के भारत विरोधी रवैये के बावजूद करतारपुर गुरुद्वारे के लिए कॉरिडोर बनवाया।

भारत ने 24 अक्तूबर, 2019 को पाकिस्तान के साथ करतारपुर साहिब कॉरिडोर समझौते पर हस्ताक्षर किए। 9 नवम्बर, 2019 को प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं पाकिस्तान जाकर श्री करतारपुर साहिब गलियारे का उद्घाटन किया। यह हमारी समृद्ध विरासत को संरक्षित करने और श्री गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं को दुनिया तक पहुंचाने के लिए मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। श्री गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती पर सुल्तानपुर लोधी को एक विरासत शहर के रूप में विकसित किया गया और सुल्तानपुर लोधी रेलवे स्टेशन का आधुनिकीकरण किया गया। 

सिख धरोहर से दुनिया को रूबरू कराने के लिए पर्यटन मंत्रालय ने ‘स्वदेश दर्शन’ योजना के तहत आनंदपुर साहिब-फतेहगढ़ साहिब-चमकौर साहिब-फिरोजपुर-अमृतसर-खटकड़ कलां-कलानौर-पटियाला हैरिटेज सॢकट का विकास कार्य शुरू किया। इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री मोदी ने श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की स्मृति में गुजरात के जामनगर में 750 बिस्तरों वाले एक अस्पताल का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में गुरु नानक जी के विचारों को दुनिया भर के लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। इसी कड़ी में वर्ष 2019 विश्वभर में गुरु नानक देव जी के 550वीं जयंती वर्ष के रूप में मनाया गया। 

भारत सरकार ने यूनेस्को से आग्रह किया है कि श्री गुरु नानक देव जी की लेखनी का प्रकाशन विश्व की प्रमुख भाषाओं में किया जाए। इसी कड़ी में पंजाब के गुरु नानक देव विश्वविद्यालय में 493 करोड़ की लागत से एक अंत: पंथ केंद्र की स्थापना की जा रही है। इसके अलावा श्री गुरु नानक देव जी पर अंतर्राष्ट्रीय सैमिनार के आयोजन के लिए 0.91 करोड़ रुपए जारी किए किए गए। 

मोदी सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि 1984 के कत्लेआम पीड़ितों और प्रभावित परिवारों को न्याय मिले जो तीन दशकों से जहर का घूंट पी कर भी जी रहे थे। अकेले दिल्ली में ही 1320 परिवारों को 125.52 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया गया तथा भारत भर में कत्लेआम पीड़ितों के नजदीकी रिश्तेदारों को 5 लाख रुपए की अतिरिक्त राशि प्रदान की गई। कत्लेआम प्रभावित उन 1020 परिवारों, जो भारत के विभिन्न हिस्सों से हिंसा के कारण पंजाब जाकर बस गए थे, को केन्द्र प्रायोजित पुनर्वास योजना के तहत प्रति व्यक्ति 2 लाख रुपए प्रदान किए गए। 1984 के सिख कत्लेआम से प्रभावित लोगों को न्याय दिलवाने के लिए एस.आई.टी. का गठन करवा कर मामले की दोबारा से जांच करवाई गई। जलियांवाला बाग स्मारक बलिदान का आदर, स्मृतियों का सम्मान करने के लिए मोदी सरकार ने राष्ट्रीय स्मारक बनाने के लिए जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक 2019 पेश किया। 

मोदी सरकार दृढ़ संकल्प है कि सिख युवाओं को अवसर प्रदान कर सशक्त और सक्षम बनाया जाए। 2014 से पहले सिर्फ 18 लाख सिख छात्रों को छात्रवृत्तियां दी जाती थीं लेकिन मोदी सरकार ने करीब 31 लाख सिख छात्रों को मैट्रिक पूर्व/बाद और मैरिट-कम-मीन्स छात्रवृत्तियां देना सुनिश्चित किया। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन कानून के तहत अफगानिस्तान और पाकिस्तान के उन सिख शरणाॢथयों को भारत की नागरिकता पाने में मदद की है, जिन्हें जबरन धर्म बदलना या आतंकवाद आदि का शिकार होना पड़ा था। अनुच्छेद 370 को समाप्त किए जाने से सिख अल्पसंख्यकों को जम्मू-कश्मीर में समान अधिकार मिले। इसके साथ ही 1947 में पश्चिमी पाकिस्तान से आए 1.16 लाख सिख शरणार्थियों को आवास प्रमाण पत्र तथा मतदान का अधिकार दिलाया। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सिख समाज के प्रति यह प्रेम अचानक उत्पन्न नहीं हुआ, बल्कि वह अपने प्रचारक जीवन में ही गुरुद्वारे में जाकर सेवा किया करते थे, गुरु घर का लंगर- प्रसाद श्रद्धा पूर्वक चखते और आपातकाल में भी उन्होंने सिख का वेश धारण किया था। भारत के लिए सभी कौमों ने अपने-अपने तरीके व सहूलियत से योगदान दिया है, जिसे कोई भुला नहीं सकता, परंतु सिख जगत ने इस वतन के वास्ते जो बलिदान दिए हैं, वह अतुलनीय है। उनके इस योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता और सिखों के लिए सरकारें जितना भी करें, उतना कम है तथा सिखों को सम्मान दिलाने एवं उनके कल्याण के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार प्रतिबद्ध है।-आर.पी. सिंह (राष्ट्रीय प्रवक्ता, भाजपा)


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