रख हौसला! यह वक्त भी गुजर जाएगा...

punjabkesari.in Tuesday, Apr 27, 2021 - 04:59 AM (IST)

आज हम लोग मन ही मन जिस वक्त के जल्दी बीतने की प्रार्थना कर रहे हैं वह जल्दी बीत ही जाएगा। दिक्कत तब आती है जब हम हिम्मत हारने लगते हैं और यही तो हमें नहीं करना है। एक कहानी है, अकबर हमेशा बीरबल से ऐसे सवाल करते थे जिसका जवाब देने में किसी भी आम शख्स को मुश्किल आ जाए लेकिन बीरबल उन्हें चुटकियों में हल कर देते थे। एक बार अकबर ने पूछा, ‘‘बीरबल! ऐसी बात बताओ जिसे सुनकर दुखी आदमी खुश हो जाए और सुखी आदमी दुखी हो जाए।’’ 

बीरबल ने तुरंत जवाब दिया कि महाराज, वह बात है-यह वक्त भी गुजर जाएगा। अकबर बोले, ‘‘यह भी कोई बात हुई?’’ तब बीरबल ने समझाया कि देखिए महाराज, अगर आप किसी दुखी शख्स से कहेंगे कि ये दिन जल्दी बीतने वाले हैं तो उसे उम्मीद बंधेगी क्योंकि जब सुख के दिन बीत गए हैं तो क्या दुख के नहीं बीत जाएंगे? इसी तरह सुखी इंसान यह सोच कर दुखी हो सकता है कि जब उसका सुख का वक्त गुजर जाएगा तो कहीं दुख तो नहीं आ जाएगा। लेकिन हम इस सच को याद रखें कि वक्त जैसा भी हो, बीत ही जाता है तो हमें बुरा वक्त कभी परेशान नहीं कर सकता। ऐसा कभी नहीं होता कि एक दुख आया तो वह हमेशा उसी रूप में, उसी अंदाज के साथ वहीं टिक जाएगा। वक्त के साथ उसका जाना तय है। 

पिछले साल हम कोरोना महामारी के बुरे दौर से गुजरे हैं। पूरी दुनिया के लोग इस परेशानी से बाहर निकलने के लिए छटपटाने लगे। कोशिशें हुईं तो कोरोना की वैक्सीन बनने की वजह से इसका हल भी मिला और धीरे-धीरे चीजें संभलने लगीं। अब अगर हमारी थोड़ी-सी लापरवाही और इस वायरस के कुछ ताकतवर होने से फिर ऐसा वक्त आ गया है तो क्या यह नहीं बीतेगा, जरूर बीतेगा। कुछ ही हफ्तों की बात है, आज अगर कोरोना का ग्राफ ऊपर जाता दिख रहा है, बड़ी तेजी से यह नीचे आएगा। 

दरअसल हमारे लिए सबसे मुश्किल होता है उस वक्त को बीतते हुए देखना। वैसे इंसान का स्वभाव है कि हमें दुख का वक्त धीरे-धीरे गुजरता हुआ लगता है और सुख का दौर पंख लगाकर उड़ जाता है। अगर हम थोड़ा-सा धैर्य रखें और वक्त की इस आदत को जान लें तो मन अपने आप ही शांत हो जाएगा। बॉलीवुड के शहंशाह कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन जब करियर के सबसे ऊंचे मुकाम पर थे तो फिल्म की शूटिंग के दौरान उनके साथ ऐसा हादसा हुआ कि जान जाते-जाते बची। अब वह 78 साल के हैं। 

वह टी.बी., हैपेटाइटिस-बी जैसी बीमारियों से जूझ चुके हैं। उन्हें कोरोना भी हुआ लेकिन वह उसे भी मात देकर आगे बढ़ गए हैं। वह खुद बता चुके हैं कि उनका सिर्फ 25 फीसदी लिवर ही काम करता है। लेकिन उन्हें टी.वी. शोज व फिल्मों में देखकर कभी आप अंदाजा लगा पाते हैं कि वह कितनी मुश्किलें झेलते हैं। शायद इसके पीछे उनकी यही सोच है कि किसी भी बुरे वक्त में या दर्द में अपना भरोसा नहीं खोना। 

आप सोचिए, अगर इन दिक्कतों के बाद वह इस उम्र में खुद को बेहद खुश और व्यस्त रख सकते हैं तो हम भी ऐसा कर सकते हैं। हम उस वक्त को खुद पर हावी होने का मौका क्यों दें जो बीत जाने वाला है। अगर किसी दर्द से गुजर रहे हैं तो तुरंत एक कागज पर लिखें, ‘‘यह भी गुजर जाएगा।’’ अब इसे ऐसी जगह पर लगा दें जहां बार-बार नजर इस पर पड़ती रहे। इसके साथ ही अच्छे वक्त के लिए प्लानिंग करना शुरू कर दें। ‘वक्त रहता नहीं कहीं टिककर, इसकी आदत भी आदमी-सी है’ यह शे’र है शायर गुलजार का। इस बात .पर पूरी तरह यकीन कर लीजिए क्योंकि जल्दी ही यह वक्त गुजरने वाला है।-रजनी शर्मा


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