मुझे कोई समस्या नहीं है...!

punjabkesari.in Thursday, Sep 16, 2021 - 06:34 AM (IST)

यदि कोई समस्या न होती तो जीवन कितना अच्छा होता, सही है न? आप सुबह सोकर उठें और हर तरफ चुप्पी, एक शांति हो तथा इस चुप्पी की एक शानदार भावना का एहसास हो क्योंकि वाह कोई समस्या नहीं है। आप खुद पर मुस्कुराते हैं और दोबारा सोने के लिए बिस्तर में घुस जाते हैं क्योंकि वास्तव में आज आपके दिमाग को खपाने के लिए कुछ भी नहीं है। आपको जगाए रखने के लिए कोई समस्या नहीं है। आपका शरीर वापस निद्रा की स्थिति में चला जाता है। 

कितना खूबसूरत विचार है, है न?
और फिर मैं खुद को याद दिलाता हूं कि केवल वही व्यक्ति जिनके बारे में मुझे पता है कि उन्हें कोई समस्या नहीं है वे कब्रिस्तान में एक शांतिपूर्ण  दफनाने के छोटे से स्थान में एकत्र हैं। हां, इन लोगों के पास जाना चाहिए जो एक पेड़ के नीचे संगमरमर की पट्टी के नीचे मर कर लेटे हैं। कब्रिस्तान में उनको कोई चिंता नहीं होती, उन पर तनाव का कोई पल नहीं आता और न ही दिन बर्बाद करने के लिए कोई बाधा। 

सब कुछ शांत है। सब कुछ निर्मल।
लेकिन यदि आप अभी तक सांस ले रहे हैं तो आपके सामने कठिनाइयां भी हैं। यही जीवन का तरीका है और इस पर विश्वास करें या नहीं, आपकी अधिकतर समस्याएं वास्तव में आपकी सोच के मुकाबले आपके लिए बेहतर होंगी। मैं बताता हूं कैसे।

हो सकता है आपने ग्रेट बैरियर रीफ देखा हो जो न्यू गिनी से आस्ट्रेलिया तक लगभग 1800 मील तक फैला है। टूर गाइड्स पर्यटकों को रीफ दिखाने के लिए नियमित रूप से ले जाते हैं। एक टूर के दौरान गाइड से एक दिलचस्प प्रश्न पूछा गया। एक यात्री ने ध्यान दिया और पूछा, ‘‘मैंने ध्यान दिया है कि रीफ का खाड़ी वाला हिस्सा पीला तथा जीवन रहित दिखाई देता है जबकि समुद्र वाला हिस्सा जीवंत तथा रंग-बिरंगा है। ऐसा किसलिए?’’ 

गाइड ने एक बड़ा दिलचस्प उत्तर दिया : ‘‘खाड़ी वाले हिस्से के आसपास कोरल अभी भी स्थिर, शांत पानी में है जिसमें इसके अस्तित्व के लिए कोई चुनौती नहीं है। यह जल्दी मर गया। महासागर की तरफ वाले कोरल का निरंतर तेज हवाएं, लहरें, तूफान, इम्तिहान लेते रहते हैं जिससे उसकी ताकत बढ़ती है। इसे हर रोज अपने जीवन के अस्तित्व के लिए लड़ाई लडऩी पड़ती है। चूंकि इसे चुनौतियां मिलती हैं और इ ितहान देने पड़ते हैं इसलिए यह उनके अनुकूल ढलता जाता है। इसका विकास स्वास्थ्यपूर्ण ढंग से होता है। इसकी वृद्धि मजबूत होती है और यह प्रजनन करता है।’’ फिर उसने यह भावपूर्ण बात कही : ‘‘यही वह तरीका है जो प्रत्येक जीवित जीव के साथ होता है।’’

लोगों के साथ ऐसा ही होता है। चुनौतियों तथा इम्तिहानों के साथ हम जीवंत रहते हैं। जिस तरह से कोरल समुद्री हमले को झेलते हुए बढ़ता है वैसे ही हम भी बढ़ते हैं। शारीरिक मांगें हमारे मजबूती से बढऩे का कारण हो सकती हैं। मानसिक तथा भावनात्मक तनाव हमें दिमागी तौर पर मजबूत तथा लचकदार बनाते हैं। आध्यात्मिक इम्तिहान चारित्रिक तथा विश्वास की मजबूती पैदा करते हैं। अत: यदि आपके सामने कोई समस्या है तथा कोई आपसे पूछता है कि जीवन कैसे चल रहा है, बस इतना ही कहिए कि, ‘‘मेरे सामने कई समस्याएं हैं।’’ फिर मुस्कुराएं तथा उन समस्याओं के समाधान के लिए निकल पड़ें। मजबूती के साथ बढऩे का यही एकमात्र रास्ता है।-दूर की कौड़ी राबर्ट क्लीमैंट्स
 


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