हिंसामुक्त कैसे हो अमरीका

punjabkesari.in Tuesday, Jan 24, 2023 - 06:37 AM (IST)

अमरीका दुनिया का सबसे सम्पन्न और शक्तिशाली देश है लेकिन यह भी सच है कि वह सबसे बड़ा हिंसक देश भी है। जितनी हिंसा अमरीका में होती है, दुनिया के किसी देश में नहीं होती। वैसे तो अमरीका में ईसाई धर्म को मानने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है लेकिन क्या वजह है कि ईसा की अहिंसा का वहां कोई खास प्रभाव दिखाई नहीं पड़ता। 

अभी-अभी लॉस एंजल्स के एक कस्बे में एक बंदूकची ने कहर ढा दिया। 60 हजार लोगों के इस कस्बे में एशियाई मूल के लोग बहुतायत में हैं, खास तौर से चीनी लोग। वे चीनी नव वर्ष का उत्सव मना रहे थे और उसी समय एक बंदूकची ने 10 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। कई लोग घायल भी हो गए। यह इस नए साल की पहली घटना नहीं है। ऐसी घटनाएं आए दिन अमरीका में होती रहती हैं। 

पिछले साल बंदूक की गोलियां खाकर 40 हजार लोगों ने अपने प्राणों से हाथ धोए हैं। क्या इतनी हत्याएं किसी और मुल्क में कभी होती हैं? इतने लोग तो बड़े-बड़े युद्धों में भी नहीं मारे जाते। तो क्या हम मान लें कि अमरीका सदा सतत युद्ध की स्थिति में ही रहता है? अमरीका में इतनी शांति और सदभाव रहना चाहिए कि दुनिया में उसका कोई देश मुकाबला ही न कर सके। चीन और भारत जैसे देश अमरीका से 4-5 गुणा बड़े देश हैं लेकिन उनमें  क्या इतनी हिंसा होती है? 

यहां असली सवाल यह है कि क्या पैसे और डंडे के जोर पर आप शांति और सदभाव खरीद सकते हैं? सच्चाई तो यह है कि अमरीका का पूंजीवादी समाज मूलत: उपभोक्तावादी समाज बन गया है। सारे लोग सिर्फ एक ही माला जपते हैं- हाय पैसा, हाय पैसा! अंधाधुंध पैसा कमाओ और अंधाधुंध खर्च करो। हमारे लोग भी भाग-भागकर अमरीका में क्यों जा बसते हैं? उसके पीछे पैसा ही कारण है लेकिन भारतीयों का संस्कार कुछ ऐसा है कि वे मर्यादा में रहना पसंद करते हैं। कई ऐसे देशों के लोग वहां जा बसते हैं, जिनके लिए पैसा ही खुदा है। 

उसके लिए वे कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं। जो लोग पैसा नहीं कमा पाते हैं, वे अपने दिलों में ईष्र्या, द्वेष और घृणा के वटवृक्ष उगा लेते हैं। ये ही वे लोग हैं, जो सामूहिक हिंसा पर उतारू हो जाते हैं। हिंसा की यह परंपरा अमरीका में काफी पुरानी है। पहले इसकी शुरुआत आदिवासियों (रैड इंडियंस) और गोरों के बीच हुई और फिर गोरे और कालों के बीच और अब तो यह कहीं भी और किसी के बीच भी हो सकती है। हिंसा से बचने के लिए हथियार रखने की निर्बाध परंपरा ने निर्बाध ङ्क्षहसा को पैदा किया है। अमरीका में त्यागवाद और हथियार मुक्ति की परंपरा जब तक कायम नहीं होगी, ऐसी घटनाएं होती ही रहेंगी।-डा. वेदप्रताप वैदिक
 


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