और कितनी हिंदू लड़कियों की बलि लेगा लव-जेहाद

punjabkesari.in Friday, Nov 25, 2022 - 05:04 AM (IST)

यह कैसा घृणित षड्यंत्र है जो मासूम हिंदू लड़कियों की हत्या किए जा रहा है? यह कैसा इस्लामिक फ्रंट है जो घृणा का सौदागर बन बैठा है? इस इस्लामिक फोबिया ने गैर-इस्लामी देशों में विभिन्न सम्प्रदायों के बीच वैमनस्य घोल दिया है। इस अंतर्राष्ट्रीय षड्यंत्र पर प्रतिबंध लगना चाहिए। इन ‘लिव-इन-रिलेशन’ जैसे संबंधों के विरुद्ध कानून बनने चाहिएं। यह मुस्लिम नरभेडि़ए युवक जो अपना नाम, वेशभूषा बदल कर भोली-भाली लड़कियों को अपने जाल में फंसा कर उनकी हत्या कर रहे हैं, उन्हें सरेआम गोली मार देने का प्रबंधन दंड संहिता में बनना चाहिए। प्यार में भी जेहाद यह तो खुलेआम धोखों का बाजार है। माना जेहाद इस्लाम फैलाने का एक खूनी ढंग है। पर प्यार तो कोमल भावनाओं का प्रतीक है। 

प्यार तो अल्ला का अरमान है, रसूले पाक का पैगाम है। इश्क तो खुदा की नेमत है। प्यार तो एक नूर की बूंद है जो सदियों से बहती-बरसती चली आ रही है। प्यार का तो कोई नाम भी नहीं। यह तो प्यारा-सा शब्द है जो ईश्वर ने मनुष्य की रूह में टिका रखा है। इस प्यार के नाम पर जेहाद? बर्बाद हो जाएंगे वह जो प्यार को सौदा या जेहाद बना रहे हैं। प्यार में सौदा नहीं। प्यार में धोखा नहीं। लड़कियां भावुक होती हैं, पल दो पल के भावुक क्षणों में बह जाती हैं परन्तु उनको प्यार की इतनी भयानक कीमत चुकानी पड़े कि उसका गला दबा कर हत्या कर दी जाए और फिर उसकी लाश के 35 टुकड़े कर जंगल में फैंक दिए जाएं? घोर पाप है, घोर अनाचार है। 

कैसा जेहाद है यह कि लड़की को चौथी मंजिल से फैंक दिया जाए क्योंकि वह धर्म परिवर्तन को नहीं मानी। लानत है उस जेहादी पर जिसने अपनी प्रेमिका को कुएं में फैंक दिया और ऊपर से उस प्रेमिका पर पत्थर मारे। निंदा के काबिल है वह जेहाद जिसमें प्रेमी अपनी प्रेमिका को विधानसभा के सामने जिंदा जला दे। उदाहरण एक नहीं अनेक हैं। लुधियाना (पंजाब) की एकता को उसके शौहर शबीब ने हिंदू नाम अमन रख उसे जान से मार दिया। मेरठ (यू.पी.) में प्रिया और उसकी मां को मार कर लाशें उन्हीं के घर में दबा दीं। इसमें भी शमशाद नामक मुस्लिम लड़के ने अपना नाम अमित और फिर कैलाश बताया। कानपुर की हिंदू लड़की शालिनी को मतांतर से मोहम्मद फैजल ने फिजा फातिमा बनाया और फिर उसका गला दबाकर हत्या कर दी। 

हरियाणा में तौसीफ ने नीतिका तोमर को दिन-दिहाड़े कार से उतार कर गोली मार दी। बदायूं (यू.पी.) में नेहा को आरिफ ने गोली से उड़ा दिया। इसी तरह अंजना को पहले आईशा बनाया फिर उसे आग लगा दी। खालिद ने पूजा पटेल नामक एक नाबालिग लड़की से पहले रेप किया फिर उसे गोली मार दी। लिस्ट लम्बी है और समाचार पत्र में स्थान कम है अत: सारे नाम मासूम लड़कियों के गिनाए नहीं जा सकते फिर भी लव-जेहाद के नाम पर किसी को कुएं में या किसी हिंदू लड़की को चार मंजिला इमारत से नीचे फैंका जा रहा है। पर मुम्बई के आफताब ने तो जेहाद को भी कंपा कर रख दिया।

जिस श्रद्धा ने आफताब की खातिर घर-परिवार, मां-बाप यहां तक कि अपना धर्म तक छोड़ा उसने उसे 35 टुकड़ों में काट कर टुकड़ों को जंगल में फैंक दिया। न्याय तो तब माना जाएगा जब आफताब के 500 टुकड़े कर उन टुकड़ों को कुत्तों के आगे डाल दिया जाएगा। तब इस्लाम को जवाब देना होगा कि लव-जेहाद का यही हाल होगा।  बनासकांठा गुजरात के एक शेख परिवार की स्याही सूखी नहीं थी, दिल्ली में नूर-मोहम्मद ने जख्म ताजा कर दिए। 

कहीं दिल्ली की नैना और सलीम खान के प्रेम ने मानवता को शर्मिंदा कर दिया। अगर यह कत्ल इस्लाम के ‘हिडन’ एजैंडा का अंजाम है तो इसे राष्ट्रीय स्तर पर सख्त कानून बनाकर निपटाना चाहिए। सरकार को पता तो चल चुका है कि लव-जेहाद एक एजैंडा है। मुस्लिम युवक इस एजैंडे को आगे बढ़ा रहे हैं। सोचना यह है कि हिंदू मां-बाप क्या सोच रहे हैं?मैं परेशान हूं कि हमारे घरों के संस्कार कहां गए? 27 साल की श्रद्धा को उसके मां-बाप समझ ही नहीं सके कि उनकी बेटी क्या कर रही है? क्या मां-बाप के प्यार को उसने इतनी घृणा से लिया कि आफताब ही उसे प्यार के लिए मिला? जब आफताब उससे मार-पीट करता था तब वह क्यों आफताब के पास रही। 

आफताब की पैरवी तो किसी वकील को भी नहीं करनी चाहिए। श्रद्धा के मां-बाप सरेराह लुट गए। मैं अपनी नौजवान बेटियों, बहुओं, बहनों से कहना चाहता हूं कि मां-बाप की खून-पसीने की कमाई पर तरस खाओ। सोचो बच्चियो इस आसमान छूती महंगाई में आपके मां-बाप कैसे पढ़ा रहे हैं? कपड़े, किताबें, खाने-पीने का साजो-सामान इस युग में कैसे जुटा रहे हैं? 

हिंदू नौजवान लड़कियां जेहादियों के लिए ‘साफ्ट टार्गेट’ हैं। उन्हें प्यार ही करना है तो अपने-अपने मजहब में नजर दौड़ाओ। व्यर्थ में अपने धर्म को मत छोड़ो। ऐसे तत्वों पर नजर रखें। अपने मां-बाप से बात करें। जबरदस्ती धर्म परिवर्तन, कानूनी अपराध है। प्यार चार दिन की चांदनी है। अपने धर्म के गौरव पर नाज करो।-मा. मोहन लाल(पूर्व परिवहन मंत्री, पंजाब)


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