सरकार को कस्टम्स ड्यूटी में स्लैब कम करनी चाहिएं

punjabkesari.in Tuesday, Jul 27, 2021 - 05:10 AM (IST)

वित्त मंत्रालय ने 5 विभिन्न कस्टम्स रियायतों के बारे अधिसूचनाओं में 523 प्रविष्टियों की समीक्षा का काम हाथ में लिया है। इसके पीछे विचार व्यापारियों से प्रतिक्रिया प्राप्त करने के बाद इन रियायतों  को समाप्त करना है। इस कदम के बाद गत वर्ष अप्रचलित हो चुकी 80 रियायतों को हटाया गया तथा वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा था कि और रियायतों की समीक्षा की जाएगी तथा हितधारकों के साथ सलाह के बाद उन्हें हटाया जाएगा। 

समीक्षा के लिए रियायतों की सूची में 25/99-सी.यू.एस. दिनांक 28 फरवरी 1999 की अधिसूचना में शामिल 241 प्रविष्टियां हैं (अधिकतर इलैक्ट्रॉनिक्स उद्योग में एंड-यूज रियायतें हैं), 59 प्रविष्टियां 25/2002 दिनांक 1 मार्च, 2002 की अधिसूचना में हैं (अधिकतर इलैक्ट्रीकल तथा इलैक्ट्रॉनिक्स उद्योग में एंड-यूज आधारित रियायतें हैं), 115 प्रविष्टियां 14/2006-सी.यू.एस. दिनांक 1 मार्च, 2006 की अधिसूचना में हैं (अधिकतर घरेलू वस्त्र), 107 प्रविष्टियां 50/2017-सी.यू.एस. दिनांक 30 जून, 2017 की अधिसूचना में हैं (विभिन्न उद्देश्यों के लिए विभिन्न तरह की वस्तुएं) तथा अधिसूचना सं या 26/2011-सी.यू.एस. दिनांक 1 मार्च, 2011 में 1 प्रविष्टि (प्राचीन)। इनमें से अधिकतर प्रविष्टियां अपनी उपयोगिता खो चुकी हैं अथवा अनावश्यक बन चुकी हैं। 

जिन 2 प्रविष्टियों की पहचान हटाने के लिए की गई है (क्रम सं या 430 (द्बद्ब) तथा 431 अधिसूचना 50/2017-सी.यू.एस. दिनांक 30 जून, 2017) निर्यातों की दिलचस्पी की हैं। क्रम संख्या 430 (द्बद्ब) फार्मास्यूटिकल्स तथा बायोटैक्नोलॉजी सैक्टर्स में निर्माताओं द्वारा 101 वस्तुओं पर ड्यूटी फ्री आयात की आज्ञा देती है, जिनके पास मान्यता प्राप्त शोध एवं विकास (आर.एन.डी.) प्रयोगशाला, पूर्ववर्ती  वर्ष के दौरान किए गए निर्यात की कीमत के 25 प्रतिशत तक एफ.ओ.बी. (फ्री ऑन-बोर्ड) हो। क्रम संख्या 431 एग्रो कैमीकल सैक्टर में निर्माताओं द्वारा 119 वस्तुओं के आयात की इजाजत देती है जिन्होंने पूर्ववर्ती वर्ष में कम से कम 20 करोड़ रुपए का निर्यात किया हो तथा मान्यता प्राप्त आर. एंड डी. प्रयोगशाला हो, पूर्ववर्ती वर्ष के दौरान निर्यात की एफ.ओ.बी. कीमत का एक प्रतिशत हो। उन्हें हैंडबुक ऑफ प्रोसीजर्स, खंड-1 के पैरा 247 के अनुरूप विदेश व्यापार महानिदेशालय के क्षेत्रीय कार्यालयों से निर्धारित सर्टीफिकेट प्राप्त करना होता है। 

वित्त मंत्रालय ने हटाने के उद्देश्य से रियायतों की समीक्षा की अच्छी शुरूआत की है। हालांकि महज पहचानी गई प्रविष्टियों के लिए रियायतों को हटाने से कस्टमर्स ड्यूटी की दरों के ढांचे में विरूपण खत्म नहीं होगा।  ड्यूटी की दरों की संख्या को कम करके, अधिक रियायतों को समाप्त करके तथा उपकरों व अधिभारों को हटाने जैसे तरीकों से अभी बहुत कुछ करने की जरूरत है। एक चैप्टर में सभी वस्तुओं के लिए एक ही दर होने से वर्गीकरण विवादों में कमी लाने में मदद मिलेगी। केंद्रीय आबकारी एवं सीमा शुल्क बोर्ड के पूर्व सदस्य सुकुमार मुखोपाध्याय ने बार-बार संकेत किया है कि 150, 100, 85, 70, 65, 60, 50, 40, 35, 30, 25, 15, 10, 7.5, 5, 3, 2.5, 0 तथा कुछ विशिष्ट शुल्कों जैसी 19 दरों के साथ कस्ट स ड्यूटी ढांचा तर्कसंगत नहीं है। शर्तों, सर्टीफिकेशन तथा ऐसी वस्तुओं की सूची के साथ सैंकड़ों रियायतें हैं जो कस्टम ड्यूटी का निर्धारण काफी कठिन बना देती हैं। उन्होंने बार-बार कस्ट स ड्यूटी के ढांचे को साधारण बनाने की वकालत की है। 

अपने 1999 के बजट भाषण में पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा था कि वह वैचारिक रूप से 0 कस्ट स ड्यूटी के विरुद्ध हैं क्योंकि हमारा घरेलू उद्योग आमतौर पर कुछ न्यूनतम सुरक्षा को गुणवत्ता प्रदान करता है। उन्होंने ऐसी कुछ वस्तुओं की सूची की समीक्षा  तथा कुछ वस्तुओं पर ड्यूटी की 5 प्रतिशत दर लगानी शुरू कर दी। वित्त मंत्रालय में वर्तमान नेतृत्व को इस नीति पर ताजा विचार करना चाहिए, अधिकतर रियायतों को समाप्त कर देना चाहिए, सिवाय जीवन रक्षक दवाओं के तथा निर्यात संवद्र्धन व समझौतों के अंतर्गत बाध्यताओं का स मान करना चाहिए।-टी.एन.सी. राजगोपालन


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